परिचय

परिकल्पना, आलेख और वाचन
डॉ अशोक चक्रधर
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निर्माता
लोकराजनय प्रभाग
विदेश मंत्रालय भारत सरकार,
नेताजी सुभाष मार्ग,
नई दिल्ली-110001

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कार्यकारी निर्मात्री
कुसुम प्रगल्भ
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हिन्दी के स्वर कम्प्यूटर पर (सी डी)

भारत सरकार, विदेश मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत और एबीसी फ़िल्मस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा रचित 'हिंदी के स्वर कंप्यूटर पर' का प्रारंभ हिंदी के बारह स्वरों से होता है- अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ ओ औ अं अः। क्रमशः इन्हीं से प्रारंभ होने वाले 12 अध्यायों में एम एस ऑफ़िस और हिंदी के अनुप्रयोगों की चर्चा की गई है।

पहला अध्याय है- अब करते है बात शुरू
और शुरू शुरू में सद्भावनापूर्ण गीत संगीत के साथ ये सद्भावनापूर्ण पंक्तियाँ मन को भाती हैं-
गूँजे गगन में बह के पवन में हर एक मन में सद्भावना
मौसम की बाहें दिशा और राहें सब हमसे चाहें सद्भावना

दूसरा अध्याय है- आज वह दिन आ गया
इसमें हिंदी कंप्यूटिंग के विकास के प्रमुख सॉफ़्टवेअर उपकरणों के विषय में बताया गया है। प्रोलॉजिक्स सॉफ़्टवेयर सॉल्यूशंस लिमिटेड का 'वाचक' जिसमे पाठ को ध्वनि और ध्वनि को पाठ में बदलने की सुविधा है, लिप्यांतर जिसमें एक ही पाठ को अनेक भाषाओं की लिपियों में बदलने की सुविधा है, मशीनी अनुवाद जिससे कम मेहनत में ज्यादा अनुवाद किया जा सकता है,  चित्राक्षर जो हिंदी का ओसीआर है तथा एम एस ऑफ़िस हिंदी के 2007 संस्करण कुछ ऐसे ही अनुप्रयोग हैं जिनकी इस अध्याय में चर्चा है।
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तीसरे अध्याय "इसकी ताक़त क्या है" में हिंदी के संबंध में विद्वानों के विचारों को स्थान दिया गया है। चौथे अध्याय - ई बौड़म जी हैं का"  में यह जानकारी देने की कोशिश की गई है कि हिंदी कंप्यूटिंग का अलग अलग व्यवसायों और घरेलू उपयोगों में क्या लाभ है। पाँचवाँ अध्याय है- "उनका पता बताना ज़रा" जिसमें आउटलुक के हिंदी संस्करण का विस्तृत विवरण तो है ही उदाहरण में रखे गए हैं सबके प्रिय एंथोनी गॉनसैलविस।

छठे अध्याय "ऊपर हिंदी अंदर हिंदी" में संगणक के अंदर-बाहर अर्थात आगम, भंडारण, प्रक्रिया, और निर्गम में हिंदी की पहुँच और यूनिकोड की विशेषताओं का वर्णन हैं, सातवें अध्याय "ए भाई कितने हुए" में हिंदी एक्सेल के विषय में जानकारी हैं तो आठवें अध्याय "ऐसा प्रदर्शन ग़ज़ब" में है हिंदी पावर पॉइंट का परिचय। नवें अध्याय "ओहो जी सफ़र कितना आसान" में हिंदी से अँग्रेज़ी और अँग्रेज़ी से हिंदी भाषाओं के बीच, अलग अलग कुंजीपटलों के बीच तथा एम एस ऑफ़िस के विभिन्न अनुप्रयोगों के बीच संचरण-सुविधा को बताया गया है। दसवें अध्याय "और भी बहुत कुछ है" में एम एस ऑफ़िस हिंदी के अलग अलग अनुप्रयोगों में उपलब्ध अन्य सुविधाओं जैसे चित्रण और संपादन सुविधाओं के विषय में जानकारी है, ग्यारहवें अध्याय का शीर्षक है -"अंतर नहीं हैं सुविधाओं में" और इस अध्याय में यह बताने की कोशिश की गई है कि माइक्रोसॉफ़्ट के हिंदी और अँग्रेज़ी संस्करणों तथा वेब पर संचरण करते समय दोनों भाषाओं की सुविधाओं में अंतर नहीं है। बारहवें अध्याय "अः तो ये बात है" में उपसंहार करते हुए हिंदी कंप्यूटिंग के लाभ गिनाए गए हैं।

अंत में है नामावली- परिकल्पना, आलेख और वाचन डॉ अशोक चक्रधर का है, ग्राफ़िक्स एवं रचनात्मक निर्देशन अनुराग चक्रधर का। रेखाचित्र सुधीर तैलंग के हैं, फ़ोटोशॉप चित्रसज्जा विजेन्द्र विज की, निर्माण प्रबंध है मीनाक्षी वशिष्ठ का, फ़्लैश सहयोगी है डेविड प्राइस, आदेश भट्ट, राजेश कुमार, विक्रम अरोड़ा और अमित सिंह का। कार्यकारी निर्मात्री कुसुम प्रगल्भ हैं सहयोग में हैं आलोक पुराणिक और संतोष पंवार। इनमें से कुछ नाम ऐसे हैं जिनसे अभिव्यक्ति के पाठक पहले से परिचित हैं।

कुल मिलाकर सी डी रोचक है और रोचकता के साथ हिंदी कंप्यूटिंग का सुंदर संक्षिप्त परिचय देती है।

पूर्णिमा वर्मन
11 जुलाई 2007