प्रौद्योगिकी


वर्ष २०१२ का तकनीकी सफर
- श्रीश बेंजवाल शर्मा


र्ष २०१२ तकनीकी विकास के लिहाज से काफी उन्नत रहा। इस दौरान जहाँ कई नए गैजेट सामने आए वहीं पुराने उपकरण भी बेहतर हुए। आइये नजर डालें वर्ष २०१२ में हुए तकनीकी बदलावों पर।

स्मार्टफोन एवं टैबलेट

यह साल स्मार्टफोनों के लिहाज से धमाकेदार रहा। सैमसंग का गैलैक्सी ऍस ३ तथा ऍपल का आइफोन ५ वर्ष के दो सबसे टॉप स्मार्टफोन रहे। गैलैक्सी ऍस ३ ने आइफोन ५ को कड़ी टक्कर दी। यह एक संकेत है कि ऍपल की हाइप में कमी आ रही है। सैमसंग के फैबलेट (स्मार्टफोन-कम-टैबलेट) गैलैक्सी नोट तथा उसके परवर्ती गैलैक्सी नोट २ की
सफलता ने फैबलेट का चलन शुरु किया। कई और कम्पनियों ने भी ऐसे फैबलेट बनाए पर वे इस जितने सफल नहीं हुए।

साल २०११ में ४ से ४.३ इंच स्क्रीन, ८००×४८० रिजॉल्यूशन तथा ड्यूल कोर प्रोसैसर वाले स्मार्टफोन का चलन था जबकि २०१२ में ४.५ से ५ इंच स्क्रीन, ऍचडी रिजॉल्यूशन (१२८०×७२०) तथा क्वाड कोर प्रोसैसर का चलन रहा। साल के अन्त तक ५ इंच स्क्रीन तथा फुल ऍचडी रिजॉल्यूशन वाले कुछ फोन आए जो अगले साल के चलन की ओर संकेत करते हैं। नवम्बर में ऍचटीसी ने बटरफ्लाइ नामक ५ इंची स्मार्टफोन जारी किया जो फुल ऍचडी रिजॉल्यूशन वाला पहला स्मार्टफोन था। ऍण्ड्रॉइड जैली बीन तथा स्नैपड्रैगन ऍस ४ युक्त इस हैंडसैट ने हाइ रिजॉल्यूशन स्मार्टफोनों की दौड़ शुरु कर दी।
इस वर्ष वायरलैस चार्जिंग की नयी हार्डवेयर फीचर की भी चर्चा हुयी जो सैमसंग गैलैक्सी ऍस ३ तथा नैक्सस ४ जैसे फोनों में आई। एन.एफ.सी. (नियर फील्ड कम्युनिकेशन) तकनीक की बदौलत भविष्य में पर्स तथा क्रेडिट कार्ड आदि का
स्थान स्मार्टफोन द्वारा लेने का रास्ता बना।

मई में गूगल ने मोटोरोला की मोबाइल डिविजन का अधिग्रहण कर लिया। इससे ऍण्ड्रॉइड स्मार्टफोन निर्माता कम्पनियों में कुछ शंका हुयी कि अब गूगल ऍपल की राह पर चलते हुए केवल अपने स्वयं के डिवाइस बनाने पर ही ध्यान न दे।

ऍपल ने अपना आइफोन ५ जारी किया जो पिछले मॉडलों की तरह सफल रहा। ऍपल के ऑपरेटिंग सिस्टम आइओऍस ५ में हिन्दी कीबोर्ड का आना हिन्दी वालों के लिये एक सौगात रही। सितम्बर में ऍपल ने आइओऍस ६ से गूगल मैप्स हटाकर अपनी मैप्स ऍप्लिकेशन डाली जिसमें ढेरों खामियाँ पाई गईं जिस कारण ऍपल के मुखिया टिम कुक को सार्वजनिक रूप से खेद जताना पड़ा।

इस वर्ष माइक्रोसॉफ्ट ने विण्डोज़ फोन ८ जारी किया। माइक्रोसॉफ्ट का यह मोबाइल ओऍस पहले ही ऍण्ड्रॉइड तथा आइओऍस के सामने टिक नहीं रहा था ऊपर से यह केवल नए डिवाइसों पर ही आने की घोषणा और निराशाजनक थी, पुराने विण्डोज़ फोन ७ युक्त फोनों को यह अपग्रेड नहीं मिलेगा।

इस वर्ष नोकिया ने अपने ल्यूमिया शृंखला के कुछ स्मार्टफोन जारी किये। विण्डोज़ फोन ऑपरेटिंग सिस्टम वाले ये फोन प्रयोक्ताओं को खास लुभा नहीं पाए। इस साल भी नोकिया का पतन जारी रहा। नोकिया का ८०८ प्योरव्यू नामक फोन अपने ४१ मेगापिक्सल कैमरे के कारण चर्चित तो हुआ पर सफल नहीं। सितम्बर में ही रिम ने भी अपने ब्लैकबेरी ओऍस का टच फ्रैंडली संस्करण जारी किया। कम बिक्री से जूझ रहे रिम के लिये यह अन्तिम उम्मीद है।

इस वर्ष यूके सहित कुछ देशों में ४जी सेवा शुरु हुयी। भारत में एयरटेल द्वारा एकाध शहर में यह शुरु की गयी। हालाँकि भारत में टेलीकम्युनिकेशन कम्पनियों की उम्मीद के विपरीत अभी तक ३जी सेवा भी अधिक प्रचलित नहीं हुयी है।

टैबलेट के क्षेत्र में भी इस वर्ष काफी प्रगति हुयी। प्रोसैसरों की दौड़ ड्यूल कोर से क्वाड कोर की ओर बढ़ी। स्क्रीन रिजॉल्यूशन भी बेहतर हुआ। बहुत सी कम्प्यूटर निर्माता कम्पनियों ने अपने टैबलेट निकाले। भारतीय बाजार में भी बजट टैबलेटों की भरमार रही जिनमें कुछ अच्छे मॉडल भी देखने को मिले।

इस वर्ष तीन आइपैड मॉडल, दो नैक्सस टैबलेट तथा नए अमेजन किंडल आए। ७ इंच का फॉर्म फैक्टर बजट टैबलेटों के लिये प्रचलित हुआ। गूगल के नैक्सस ७ ने ७ इंची टैबलेटों के दौर को आगे बढ़ाया। इस लिहाज से गूगल के नैक्सस ७ को वर्ष का टैबलेट कहा जा सकता है।

मार्च में ऍपल ने अपना हाइडैफीनीशन रेटिना स्क्रीन वाला आइपैड मॉडल जारी किया जो समाचारों में खासा चर्चित हुआ। हालाँकि आइपैड अब भी मार्केट लीडर है लेकिन आँकड़े बताते हैं कि दुनियाभर में टैबलेट मार्केट में ऍपल का हिस्सा कम हुआ है। इसका कारण गूगल तथा अमेजन आदि के टैबलेटों की तरफ से दी जा रही कड़ी टक्कर है। इस वर्ष पहली बार हु
आ कि ऍपल को नया चलन स्थापित करने की बजाय जारी चलन का अनुसरण करना पड़ा। बड़ी स्क्रीन आकार के स्मार्टफोनों के चलन के कारण ऍपल ने पहली बार आइफोन ५ में स्क्रीन आकार बढ़ाकर ४ इंच किया। साथ ही एक समय ७ इंची टैबलेट के विरोधी रहे ऍपल ने समय की नब्ज भाँपकर अपना स्टैंड बदलते हुए इसी फॉर्म फैक्टर का आइपैड मिनी जारी किया।

नैक्सस ७ के साथ गूगल ने ऍण्ड्रॉइड ४.१ (जैली बीन) जारी किया जिसमें प्रोजैक्ट बटर (ओऍस की परफॉर्मेंस बढ़ाने वाली एक फीचर) तथा गूगल नाउ (गूगल की तरफ से ऍपल के सीरी का जवाब) शामिल था। अक्तूबर में ही गूगल ने ऍण्ड्रॉइड ४.२ के साथ ही सैमसंग निर्मित नैक्सस १० टैबलेट तथा ऍलजी निर्मित नैक्सस ४ स्मार्टफोन जारी किये। ऍण्ड्रॉइड ४.२ में टैबलेट के लिये डैस्कटॉप कम्प्यूटरों की तरह मल्टीयूजर सुविधा आई।

नवम्बर में सर्वाधिक चर्चित विषय रहा भविष्य के फ्लैक्सिबल डिस्प्ले युक्त फोन। कई कम्पनियाँ अत्यन्त पतले तथा मुड़ सकने वाले हैंडसैट पर काम कर रही हैं तथा कुछ ने तो २०१३ में ऐसे डिवाइस जारी करने का वादा भी किया है। सैमसंग अगले महीने लास वेगास में होने वाले कंज्यूमर इलैक्ट्रॉनिक्स शो में ऐसे दो डिस्प्ले प्रस्तुत करने वाला है।
अफवाहों के अनुसार इनमें से एक फोन के लिये है तथा दूसरा टीवी के लिये।

विण्डोज़ ८ तथा सरफेस टैबलेट

इस वर्ष माइक्रोसॉफ्ट ने विण्डोज़ ८ के रूप में टच फ्रैंडली ऑपरेटिंग सिस्टम तथा अपना टैबलेट जारी कर बड़ा कदम उठाया। कम्पनी ने टच केन्द्रित कम्प्यूटिंग के चलन को देखते हुए अपने भरोसेमन्द, लोकप्रिय एवं प्रचलित डैस्कटॉप ऑपरेटिंग सिस्टम विण्डोज़ के पारम्परिक इंटरफेस से हटकर विण्डोज़ ८ में मोबाइल डिवाइसों जैसा टच फ्रैंडली इंटरफेस प्रस्तुत किया। इसमें स्टार्ट बटन को हटाकर उसकी जगह लाइव टाइलों युक्त स्टार्ट स्क्रीन आई। नया इंटरफेस जहाँ टैबलेट एवं अन्य टचस्क्रीन कम्प्यूटरों के अनुकूल है वहीं स्टार्ट बटन एवं पारम्परिक डैस्कटॉप वातावरण को हटाने की काफी आलोचना हुयी। इसके साथ ही कम्पनी ने ए.आर.एम. प्रोसैसर वाले टैबलेटों के लिये इसका एक संस्करण विण्डोज़ आरटी भी प्रस्तुत किया। विण्डोज़ आरटी के लिये ऍप्लिकेशनों की कमी तथा डैस्कटॉप सॉफ्टवेयर का समर्थन न होने की वजह
से इसकी सफलता संदिग्ध है।

इसके साथ ही कम्पनी ने हार्डेवयर मार्केट में छलाँग लगायी तथा सरफेस नामक अपना पहला टैबलेट जारी किया। ऍपल के आइपैड तथा अन्य टैबलेटों की लोकप्रियता के चलते पीसी की बिक्री कम होने के कारण जवाब के तौर पर माइक्रोसॉफ्ट ने यह कदम उठाया। कुछ तो इसके लिये ऍप्लिकेशनों की कमी और कुछ पारम्परिक सॉफ्टवेयर समर्थन न होने के कारण यह खास सफल नहीं हुआ। हालाँकि जनवरी में आने वाले इंटैल प्रोसैसर तथा विण्डोज़ ८ युक्त सरफेस प्रो टैबलेट से उम्मीदें बाकी हैं।

अल्ट्राबुक एवं हाइब्रिड डिवाइस

२०१२ निश्चित रूप से अल्ट्राबुक का वर्ष था। मॅकबुक एयर के विण्डोज समकक्ष ये इंटैल प्रोसैसर युक्त पोर्टेबल लैपटॉप इस वर्ष काफी उन्नत हुए हालाँकि इनकी बिक्री अभी उस स्तर पर नहीं हुयी। सोलिड स्टेट ड्राइव के सस्ते विकल्प के तौर पर हाइब्रिड ड्राइव चलीं जिनमें ओऍस के लिये कम क्षमता की फ्लैश मेमोरी तथा बाकी डाटा स्टोरेज के लिये परम्परागत
हार्ड डिस्क का विकल्प है। इंटैल ने विशेषकर अल्ट्राबुक के लिये अपने आइवी ब्रिज प्रोसैसर जारी किये।

अक्तूबर में विण्डोज़ ८ के साथ ही लैपटॉप-टैबलेट हाइब्रिड डिवाइसों तथा टचस्क्रीन लैपटॉप एवं पीसी की फौज सामने आई। लगभग सभी विण्डोज़ ८ टैबलेटों के साथ कीबोर्ड डॉक आए जो उसे लैपटॉप में बदल देते हैं। इसके अतिरिक्त विण्डोज़ ८ के अनुकूल बनाने के लिये विभिन्न कम्पनियों ने अपनी अल्ट्राबुक्स को टचस्क्रीन से लैस किया। डैस्कटॉप कम्प्यूटरों में भी ऑल-इन-वन टच पीसी आए जिनमें सभी आवश्यक हार्डवेयर मॉनीटर के साथ ही अन्दर बना होता है।

यह वर्ष कम्प्यूटिंग के केन्द्र का पीसी से मोबाइल डिवाइसों की ओर शिफ्ट होने का गवाह रहा। ऍपल ही नहीं माइक्रोसॉफ्ट ने भी विण्डोज़ ८ तथा सरफेस टैबलेट के साथ इस दिशा में कदम बढ़ाया। लगभग सभी प्रमुख कम्प्यूटर निर्माता कम्पनियाँ टैबलेट और हाइब्रिड डिवाइस लेकर आई।

दूसरी ओर गूगल ने क्रोमबुक जारी की जिनमें कुछ मॉडल काफी सस्ते भी थे पर टैबलेट के जमाने में प्रयोक्ताओं को ब्राउजर आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम वाले लैपटॉप खास पसन्द नहीं आए। विण्डोज़ आरटी की तरह ही कम्प्यूटिंग के प्रति
सीमित अप्रोच के कारण इन्होंने निराश किया।

रास्पबेरी पाई

फरवरी में रास्पबेरी पाई नामक दुनिया के सबसे सस्ते मिनी कम्प्यूटर का आना हुआ। यह ए.आर.एम. प्रोसैसर वाला एक पॉकेट साइज लिनक्स कम्प्यूटर है जिसके साथ मॉनीटर, कीबोर्ड-माउस तथा अन्य उपकरण जोड़कर उसे एक सामान्य कम्प्यूटर की तरह प्रयोग किया जा सकता है। यह छोटा पीसी एक चैरिटेबल संस्था द्वारा विद्यार्थियों को प्रोग्रामिंग सिखाने के उद्देश्य से बनाया गया था। दिसम्बर में इसका पाइ स्टोर नाम से ऍप्लिकेशन स्टोर भी आया जिसमें खास इसके लिये विकसित किये गए सॉफ्टवेयर उपलब्ध हैं। केवल २५ डॉलर कीमत के चलते यह अत्यन्त लोकप्रिय हुआ एवं खूब बिका। बाद में ३५ डॉलर कीमत वाला एक बेहतर मॉडल भी आया। यह ७,५०,००० से अधिक संख्या में बिक चुका है। इसको देखते हुए और भी कई सुपर-बजट कम्प्यूटर आए पर कोई इसके जैसा प्रभाव नहीं छोड़ सका।

ऍण्ड्रॉइड युक्त नए गैजेट


यह साल ऍण्ड्रॉइड के लिये बेहतरीन रहा। ऍण्ड्रॉइड ने स्मार्टफोन तथा टैबलेट से निकलकर टेलीविजन, कैमरा तथा गेमिंग कंसोल जैसे उपकरणों में प्रवेश किया। पहले निकॉन फिर सैमसंग ने ऍण्ड्रॉइड युक्त कैमरा पेश किये। सैमसंग का १६ मेगापिक्सल का गैलैक्सी कैमरा ४.८ इंच की स्क्रीन, जैली बीन संस्करण तथा इनबिल्ट ३जी सुविधा युक्त है।

सितम्बर में गूगल ने अपने प्रोजैक्ट ग्लास की घोषणा की। यह ऑगमैंटिड रियलिटी तकनीक युक्त एक चश्मे जैसा हैड-अप-डिस्प्ले है जो स्मार्टफोन जैसे फॉर्मेट में सूचनायें दिखाता है। ऍण्ड्रॉइड ओऍस युक्त इस डिवाइस में वॉइस कमांड्स
द्वारा हैंड्सफ्री रूप से इंटरनेट से संवाद स्थापित किया जा सकता है।


हाइडैफीनीशन टेलीविजन

इस वर्ष कई कम्पनियाँ अत्यन्त बड़े तथा अल्ट्रा ऍचडी रिजॉल्यूशन वाले टीवी लेकर आई जिनमें सामान्य फुल ऍचडीटीवी से चार गुणा तक रिजॉल्यूशन है। अगस्त में सोनी ने अपना महाकाय ८४ इंच का ४के (३८४×२१६०) रिजॉल्यूशन वाला ब्राविया टीवी जारी किया। हालाँकि इन टीवी के आम होने में अभी शायद सालों लग जायें। हाइडैफीनीशन सैटटॉप बॉक्स आए परन्तु ऍचडी चैनलों की संख्या अभी कम ही है। कुछ कम्पनियों के इनबिल्ट सैटटॉप बॉक्स वाले टीवी भी आए।

एक ओर जहाँ अकाई कम्पनी का ६५०० रुपये का सस्ता स्मार्ट टीवी बॉक्स आया जो किसी सामान्य ऍचडीटीवी को स्मार्ट इंटरनेट टीवी में बदलता है वहीं कुछ कम्पनियों ने इनबिल्ट ऍण्ड्रॉइड वाले स्मार्ट टीवी भी बनाए। हालाँकि इंटरनेट सुविधा वाले ऐसे स्मार्ट टीवी अभी महँगे ही हैं। ऍचडीटीवी के मामले में एक परिवर्तन यह हुआ कि एल.ई.डी. टीवी ने एल.सी.डी. टीवी को काफी हद तक प्रतिस्थापित किया। एल.ई.डी. टीवी एल.सी.डी. की अपेक्षा बिजली की खपत भी कम करती है तथा पिक्चर क्वालिटी भी थोड़ी बेहतर होती है।

कुल मिलाकर यह वर्ष सस्ते टैबलेट, अल्ट्रास्लिम लैपटॉप तथा फैबलेट आदि का रहा। इस वर्ष में कम्प्यूटिंग का मुख्य उपकरण पीसी से हटकर मोबाइल डिवाइसों की तरफ हुआ। हर गैजेट में टचस्क्रीन तकनालॉजी का समावेश हुआ। इस वर्ष एक उल्लेखनीय बात यह भी हुयी कि भारतीय कम्पनियाँ भी अच्छी फीचर युक्त स्मार्टफोन एवं टैबलेट लाई। इससे कम बजट वाले प्रयोक्ताओं को अच्छा विकल्प मिला। इन सब को देखते हुए आगामी वर्ष २०१३ में भी तकनालॉजी का तीव्र विकास जारी रहेगा।

७ जनवरी २०१३