सामयिकी भारत से

क्रिकेट के मैदान पर कीर्तिमानों का ढेर लगाने वाले सचिन की नई उपलब्धि पर टीवी पत्रकार रूपेश गुप्ता की दृष्टि- 


वाह ! सचिन ‘२००’ तेंदुलकर


ग्वालियर मैच से पहले चालीस साल में किसी दर्शक ने ये चमत्कार नहीं देखा था। ग्वालियर के दर्शक ऊपर वाले भगवान को धन्यवाद दे रहे हैं कि क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर ने एक दिवसीय मैच में दोहरा शतक उनकी आँखों के सामने बनाया। यह अद्वितीय, अभूतपूर्व अद्भुत अनुभव था। हर उस क्रकेट प्रेमी के लिए जो इस मैच को देखने ग्वालियर के कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम पहुँचे थे। सचिन ने इतिहास रचने के लिए एक सौ सैतालीस गेंदों का सामना किया। अपनी पारी में उन्होंने २५ बार गेंद सीमा रेखा से बार पहुँचाई और तीन बार उनके बल्ले से टकराकर गेंद आसमान छूते हुए सीमा रेखा से बाहर गई। रनों की गति तूफानी थी लेकिन मारे गए शॉट्स में कलाकारी के शानदार नमूने थे।

जैसे ही उन्होंने २०० का ऑफ साइड में शॉट मारकर अपना दो सौंवा रन दौड़ा, स्टेडियम के अंदर और टीवी के बाहर मौजूद हर कोई उछल पड़ा। क्रिकेट पंडित अचंभे मे पड़ गए। सारे टीवी चैनल सचिनमय हो गए। बधाई देने वालों का ताँता लग गया। फिल्म इंडस्ट्री, खेल, संगीत, राजनीति से जुड़ा हर कोई सचिन की जयगान कर रहा था। इस खुशी में उल्लास के साथ विजयभाव भी शामिल था क्यों कि सबसे ज्यादा रन बनाने के रिकार्ड से एक पाकिस्तानी क्रिकेटर का नाम हट रहा है। और यहां वो स्थापित हो रहा है जो इसके सर्वथा उपयुक्त था।

पाकिस्तानी खिलाड़ी सईद अनवर ने १९९७ में चेन्नई में भारत के ही खिलाफ ये रिकार्ड कायम किया था। यह संयोग है कि सचिन ने ही उस मैच में सईद अनवर को आऊट किया था। इसके बाद कई बार मौके आए जब कोई खिलाड़ी इस रिकार्ड के पास पहुँचकर चूक गया। सचिन भी कई भार उनके आस पास पहुँचे। एक बार गांगुली भी पहुँचे। पर सईद अनवर के शिखर को पार नहीं कर पाए। १२ साल बाद कोई पहुँचा तो वह बल्लेबाज़ ज़िम्बाब्बे का अनजान खिलाड़ी चार्ल्स कावेंट्री था। जिसने बांग्लादेश के खिलाफ १६ अगस्त २००९ को बुलावायो में १९४ नाबाद बनाए और सईद अनवर के रिकार्ड की बराबरी की। हालाँकि आखिरी ओवर में चार्ल्स को खेलने का मौका नहीं मिला वरना उस दिन वे उसी दिन २०० के आँकड़े को छू लेते। बहरहाल, करीब ६ महीने बाद ये रिकार्ड बनाया है तो उस बल्लेबाज़ ने जो सर्वथा योग्य था।

टेस्ट और एकदिवसीय क्रिकेट मैचों में सचिन के नाम दर्जनों रिकार्ड हैं। आलम ये है कि वे जब भी मैदान पर उतरते हैं। कोई न कोई नया रिकार्ड उनके नाम हो जाता है। तमाम रिकार्ड के बीच उनकी नज़र शतकों के शतक पर है। टेस्ट और एकदिवसीय मिलाकर वे अब तक ९३ शतक अंतर्राष्ट्रीय कार्यजीवन में जड़ चुके हैं। नज़र सौवें पर है। शतक लगाने के रफ्तार देखकर कई विशेषज्ञों का मानना है कि सचिन यह अकल्पनीय सफलता इसी साल पा लेंगे। कुछ ही दिनों में अपने सैंतीस साल पूरे करने वाले सचिन तेंदुलकर की बल्लेबाज़ी देखकर हर कोई हैरत में है। उम्र के जिस पड़ाव में लोग अपने पैड टाँग देते हैं, सचिन मस्त होकर खेल रहे है। वे इतनी आसानी से खेल रहे हैं कि विश्वास करना मुश्किल है कि ये वही सचिन हैं, जो कुछ दिन पहले चोट और खराब फार्म से जूझ रहे थे। जिन्हें बल्ला टाँगने की सलाह दी जा रही थी और जिसके बाद सचिन को यह कहना पड़ा कि उम्र ने उनके क्रिकेट को बदला है। इस बार सचिन के शानदार फार्म ने अपनी बात को ही झुठला दिया। पिछले एक साल की उनकी बल्लेबाज़ी को देखकर कम से कम यही लगता है। वे अब तक १६६ टेस्ट में १३,४४७ और ४४२ एकदिवसीय में १७,५९८ रन के साथ ३१ हज़ार से ऊपर रनों का पहाड़ अपने खाते में जोड़ चुके हैं। दूसरे खिलाड़ियों के लिए यह रनों का एवरेस्ट है, क्योंकि दूर-दूर तक उनके पीछ कोई नहीं दिखता है। क्रिकेट के सारे बड़े रिकार्ड इस छोटे कद के खिलाड़ी के नाम दर्ज हैं।

पाँच साल पहले तक इस खिलाड़ी की तुलना अपने समकालीन तीन बल्लेबाज़ों से होती थी। ब्रायन लारा, रिकी पोंटिंग और राहुल द्रविड़। लेकिन पाँच साल के सफर में सचिन इतने आगे बढ़ चुके हैं कि उनकी तुलना अब ब्रेडमैन से ही हो सकती है। ग्वालियर एकदिवसीय मैच में उनकी २०० रनों की पारी के बाद कई क्रिकेट दिग्गज उन्हें सर्वकालीन महान बल्लेबाज़ मानने लगे हैं यानी डॉन ब्रेडमैन से बड़े। गावस्कर ने ग्वालियर एकदिवसीय पर कहा कि उनके रिकार्ड खुद उनके कद को बयान कर रहे हैं, किसके नाम ९० से ज्यादा शतक,  १७ हज़ार से ज्यादा एकदिवसीय और १३ हज़ार से ज़्यादा टेस्ट रन हैं। नासिर हुसैन भी खुलकर सचिन को सबसे महान बता रहे हैं। हालाँकि डॉन बेडमैन का औसत करीब १०० के पास है। जिसके आस-पास भी कोई दूसरा खिलाड़ी नहीं पहुँचा। लेकिन ध्यान रखने वाली बात यह है कि सचिन का औसत टेस्ट में ५५ के ऊपर और एकदिवसीय में ४५ से ऊपर २० साल लगातार खेलने के बाद का है। कई क्रिकेटर इस तरह की तुलना को अनुचित मानते हैं, क्योंकि दोनों का समय अलग-अलग है, क्रिकेट के नियम, पिच, गेंदबाज़, तकनीक सब बदल चुके है।

इन सब आँकड़ों और तुलनाओं से बेफ्रिक एक ओर सचिन घर पर आईपीएल की तैयारी कर रहे हैं और दूसरी ओर क्रिकेट के रिकार्डों का हिसाब किताब करने वाले यह सोच रहे हैं कि क्या कभी कोई फिर एकदिवसीय क्रिकेट में २०० रन बना सकता है? अगर हाँ तो कौन? सचिन तो चाहते हैं कि उनका ये रिकार्ड कोई भारतीय ही तोड़े।

२२ जनवरी २०१०