प्रौद्योगिकी


इंटरनेट सुरक्षा के बीस सुझाव
- विनीता माथुर


जितनी तेजी से इंटरनेट हमारे जीवन का अंग बन रहा है उतनी ही तेजी से उसके खतरे बढ़ रहे हैं। लेकिन यहाँ दिये गए कुछ सुझावों का पालन करने से बहुत से खतरों से बचाव संभव है।

१. अनजान लिंक पर कभी क्लिक न करें।
अनजान लिंक से सावधान रहें। इंटरनेट द्वारा किसी भी कंप्यूटर में वायरस भेजने का सबसे प्रचलित तरीका है कि आपसे किसी लिंक को क्लिक करने या फिर किसी संलग्न पत्र को खोलने के लिये कहा जाता है और ऐसा करते ही मल्वेयर (वायरस) आपके कम्प्यूटर में आ जाता है। सामाजिक मीडिया साइटों (जैसे फेसबुक, गूगल प्लस, ट्विटर आदि) के द्वारा वेब अपराधी, इन साइटों का प्रयोग करने वाले लोगों के विषय में जानकारी प्राप्त करते हैं और उनकी पसन्द के अनुसार छद्म लिंक भेजते हैं। अपनी पसन्द के लिंक अक्सर लोग क्लिक कर देते हैं और वेब-वायरस का शिकार बन जाते हैं।

२. हर साइट के लिये अलग पासवर्ड बनाएँ
ज्यादातर लोग जन्मदिन या नाम पर आधारित पासवर्ड बनाते हैं और एक ही पासववर्ड कई जगह प्रयोग में लाते हैं। इन्हें तोड़ना बहुत आसान होता है। सबसे मज़बूत पासवर्ड वे होते हैं जो किसी शब्दकोश में न मिलें। इसे बनाने का एक आसान तरीका है, आप किसी कहावत या मुहावरे को लें और उसके हर शब्द के पहले अक्षर को जोड़ कर नया शब्द बना लें। अब जिस साइट पर पासवर्ड का प्रयोग करना हो उसका पहला और आखिरी अक्षर इसके आगे और पीछे जोड़ दें।

३. प्रमुख ई-मेल खाते के पासवर्ड का प्रयोग सब जगह न करें
एक ही पासवर्ड का हर जगह प्रयोग खतरनाक हो सकता है। अगर कोई हैकर आपके प्रमुख ई-मेल का पासवर्ड तोड़ लेता है तो वह आपकी सभी अन्य साइटों का पासवर्ड बदल सकता है। अत: इस पासवर्ड का विशेष ध्यान रखें। यह पासवर्ड मुश्किल बड़ा और सबसे अलग होना चाहिये।

४. एन्टी वायरस का प्रयोग करें
हालाँकि एंटी वायरस की संख्या बहुत बड़ी है और रोज़ नये वायरस दिखाई पड़ते हैं फिर भी एंटी वायरस का प्रयोग ज़्यादातर मालवेयर और वायरस से सुरक्षा देता है। अपने एंटी वायरस को समय समय पर अपडेट करते रहे क्योंकि कम्पनियाँ नये सुरक्षा उपाय अपने सोफ्ट्वेयर में जोड़ती रहती हैं।

५. सामाजिक मीडिया पर अविश्वसनीय लोगों के आमंत्रण को स्वीकार न करें
फेसबुक, गूगल प्लस, ट्विटर, ऑरकुट आदि पर ऐसे लोगों के आमंत्रण स्वीकार न करें, जिन्हें आप ठीक से नहीं जानते हैं। बहुत से लोग वायरस नहीं भी भेजते लेकिन इस प्रकार की सामग्री प्रकाशित करते हैं जिसे आप अपने पन्नों पर प्रकाशित करना पसंद नहीं करते। अतः उनकी प्रोफाइल और पसंद को ठीक से देखे बिना उनके अनुरोध को स्वीकारना, अनजान व्यक्ति को घर बुलाने जैसा है।

६. सामाजिक साइटों पर सोच समझ कर लिखें
फेसबुक, ट्विटर इत्यादि सामाजिक साइटों पर लोग अपनी व्यतिगत जानकारी पोस्ट कर देते हैं जैसे फोन नम्बर, घर का पता, बैंक एकाउंट नम्बर इत्यादि। ध्यान रक्खें इसे सब लोग देख रहे हैं और अपराधी तत्व इसका गलत इस्तेमाल कर सकते हैं।

७. मोबाइल की सुरक्षा सुविधा का प्रयोग करें
 कुछ मोबाइल कम्पनियाँ यह सुविधा देती है जिसमें मोबाइल खो जाने पर उसमें लिखी जानकारी को मिटाया जा सकता है। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि मोबाइल में लोग पासवर्ड इत्यादि सहेज कर रखते हैं। यदि आपके मोबाइल में इस प्रकार की कोई सुविधा है तो उसकी जानकारी रखें और कठिन समय में उसका प्रयोग करें।

८. औनलाइन खरीदारी केवल सुरक्षित साइटों से करें।
सुरक्षित साइटों में कोने में ताले और चाभी का प्रतीकचिह्न बना होता है तथा इनके इंटरनेट पते में http की जगह https होता है। इसे देखना ना भूलें। शौपिंग प्रक्रिया के बीच यह बदल न जाय इसका भी ध्यान रक्खें। असुरक्षित साइटों से खरीदारी करते हुए आपके कार्ड का नंबर चोरी हो जाने का डर रहता है।

९. क्रेडिट कार्ड के दुरुपयोग की जिम्मेदारी बैंक नहीं लेगा
अगर आप अपनी असावधानी के कारण क्रेडिटकार्ड की किसी धोखधड़ी का शिकार होते हैं, जैसे कि आपका कार्ड नंबर चोरी कर के कोई अन्य व्यक्ति आपके धन का प्रयोग कर लेता है तो यह ना सोचें कि बैंक आपका पैसा वापस करेंगा, या वापस करवाने में मदद करेंगा। इस सम्बन्ध में बैंक नियमो को ध्यानपूर्वक पढ़ें और समझ लें।

१०. ‘पौप अप’ पर क्लिक न करें
किसी वेब पेज पर आने वाले पौप-अप खतरनाक हो सकते हैं। आपके क्लिक करते ही, यह मालवेयर या वायरस आपके कम्प्यूटर पर डाउनलोड कर देते हैं। इन पर कभी क्लिक न करें। साथ ही सर्वे फार्म के रूप में आए पौप अप में कोई व्यक्तिगत जानकारी जैसे फोन नं. घर का पता आदि न दें।

११. सार्वजविक वाईफाई का प्रयोग करते समय सावधान रहें।
सार्वजनिक वाईफाई का प्रयोग करते समय कोई महत्वपूर्ण जानकारी न दें। अगर आप किसी मित्र से चैट कर रहे हैं तो ऐसे कनेक्शनों पर कोई पासवर्ड, क्रेडिटकार्ड नंबर या कोई अन्य जानकारी जिसे आप गुप्त रखना चाहते हैं, नहीं देनी चाहिये। ऐसे कनेक्शन भरोसेमन्द नही होते।
 
१२. एक से ज्यदा ई-मेल एकाउंट बनाएँ।
बैंक कार्य, खरीददारी और सामाजिक नेटवर्क के लिये अलग अलग ई-मेल का प्रयोग करें। अगर आपके खरीददारी वाले ई-मेल में कोई पत्र बैंक द्वारा भेजा हुआ मिलता है तो आपको तुरंत समझ आ जाएगा कि ये नकली है। साथ ही एक ई-मेल एकाउंट हैक होने पर कम से कम दूसरे सुरक्षित रहेंगे।

१३. पीसी की तरह मैक भी असुरक्षित है।
यह सच है कि अपराधी अधिकतर विंडोज़ जैसे अधिक प्रयोग होने वाले प्रोग्राम्स पर हमला करते है पर इसका मतलब यह नही कि मैक इस्तेमाल करने वाले कम्प्यूटर पूरी तरह सुरक्षित है। प्रमुख सुरक्षा सुझावों का हर कंप्यूटर पर पालन करना अच्छा है।

१४. अपने कार्ड की जानकारी वेब साइट पर स्टोर न करें।
जिस जगह आपसे पूछा जाता है कि क्या भविष्य में इस्तेमाल के लिये आप क्रेडिट कार्ड विवरण स्टोर करना चाहते है वहाँ टिक न करें। इसी प्रकार सार्वजनिक कंप्यूटरों पर अपना पासवर्ड या ईमेल आई डी का विवरण स्टोर करना खतरे को निमंत्रण देना है।

१५. डी एन एस से जुड़ें।
ओपन डीएनएस या नौर्टन कनेक्ट्सेफ सेवाएँ आपको गलत वेबसाइटों पर जाने से रोकती हैं। इसलिये इनमें से अपनी रुचि के अनुसार किसी सेवा का प्रयोग करें।

१६. दो चरणों वाली सत्यापन प्रणाली लागू करें।
इस प्रणाली में पासवर्ड देने के बाद एक सत्यापन कोड आपके मोबाइल पर भेजा जाता है जिसको डालने के बाद ही आगे बढ़ा जा सकता है। इस प्रकार की प्रणाली से युक्त साइटें सुरक्षित समझी जा सकती हैं।

१७. अपने फोन व टेबलेट को लौक अवस्था में रक्खें।
बार बार पासवर्ड भरना और तब काम शुरू करना मुसीबत सा लगता है इसलिये बहुत से लोग अपना लैपटॉप या टैबलेट सारे दिन खुला ही रखते हैं। यह वेब अपराधियों को खुला निमंत्रण है। यदि आप एक दो घंटे के लिये ही सही अपने कंप्यूटर पर नहीं हैं तो इसे बंद कर दें। यदि फिंगरप्रिंट वाली सुरक्षा आपके डिवाइस में है तो उसका प्रयोग करें।

१८. नीलामी साइटों का प्रयोग सावधानी से करें।
अगर आप नीलामी साइटों पर सामान खरीदने और बेचने के शौकीन हैं तो इस प्रकार की साइटों पर पैसे भेजने के लिये जिस खाते का प्रयोग करते हैं उस बैंक खाते का पासवर्ड नियमित रूप से बदलते रहें। अच्छा यह होगा कि इस प्रकार के सौदों के लिये एक अलग बैंक खाता रक्खे।

१९. फेसबुक एकाउंट लौक रक्खें
फेसबुक पर प्रायवेसी सेटिंग समय समय पर बदलती रहती है। इस बात का ध्यान रक्खें कि आपकी व्यक्तिगत जानकारी कहीं अनजान लोग न देख रहे हों। इसके लिये प्राइवेसी सेटिंग ‘केवल मित्र’ तक ही सीमित रक्खें।

२०. याद रक्खें कि आप इंसान है।
ऊपर लिखे तकनीकी समधान आपको हैकिंग से बचा सकते है, पर ध्यान रक्खें कि ज्यादातर हैकर इंसानो की कमज़ोरी का ही फायदा उठाते है। आकर्षक प्रस्तावों पर बिना सोचे समझे क्लिक न करें। खुद सावधान रहें।

२४ जून २०१३