फुलवारी

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ग्रामोफोन

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दादा जी भारत से आए हैं। उनके साथ मनु भी आया है। मनु मीतू के चाचा जी का बेटा है। दादा जी ने बताया चाचा जी के बेटे को चचेरा भाई कहते हैं। हाँ, तो मनु, मीतू का चचेरा भाई है। दोनो छुट्टियाँ साथ बिता रहे हैं। वे मिलकर बहुत से खेल खेलते हैं जैसे- छुपन छुपाई और सोने की चाभी।

चाभी से याद आया! दादा जी एक चीज लाए हैं। उसका नाम ग्रामोफोन है। उसमें चाभी भरते हैं। जब चाभी भर जाती है तब रेकार्ड बजने लगता है। रेकार्ड में गाने होते हैं। मीतू के पास ग्रामोफोन नहीं है रेकार्ड भी नहीं हैं। वह सारे गाने टैबलेट पर सुनती है।

मीतू ने पहली बार ग्रामोफोन देखा है। वह देखने में सुंदर है। उसका चमकीला भोंपू बड़ा अच्छा लगता है। लेकिन टैबलेट पर गाने सुनना आसान है। ग्रामोफोन बजाना कठिन है। दादा जी ने बताया ग्रामोफोन बड़े बच्चों के लिये है।

- पूर्णिमा वर्मन

२९ जुलाई २०१३

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