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१. ९. २०२५ 

 

विजयदशमी विशेषांक में-         

समकालीन कहानियों में
इस माह प्रस्तुत है- भारत से महेश केसरी
की कहानी
क्यू आर कोड

दशहरे की कलश स्थापना हो चुकी थी। एक ओर रामलीला शुरू हो चुकी थी तो दूसरी ओर दुर्गापूजा के पंडालों में उत्सव और उल्लास की झलक देखी जा सकती थी। दूकानें जगमग हो उठी थीं। बाजारों की रौनकें देखने लायक थीं। हर शो-रूम में सेल लगी हुई थी, शाम की भीड़ का ठिकाना न था। सड़क जाम और गाड़ियों की पों पों से कान फट रहे थे। इस सबके बावजूद मिंटू की दूकानदारी मंदी चल रही थी। वह गुब्बारे और फुँकनी बेचता है। कभी किसी मॉल के सामने तो कभी मेले ठेले के द्वार पर। काम ठप हो जाने से खाने के लाले पड़े हुए थे और ऊपर से उसका बेटा बीमार हो गया।

जब से सावन लगा था। तब से ही पूरा का पूरा सावन और भादों निकल गया। लेकिन कहीं से पैसा नहीं आ रहा था। हाथ बहुत तंग चल रहा था। ये सावन भादों और पूस एकदम से कमर तोड़ महीने होते हैं। बरसात में कहीं आना जाना नहीं हो पाता। पूस खाली-खाली रह जाता है। पितृपक्ष के कारण लोग कोई नया काम इस महीने शुरू नहीं करते। ...आगे-

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मुक्ता पाठक की लघुकथा
कागज का रावण 
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श्रीराम पुकार शर्मा का आलेख
महालया के अमर गायक बीरेन्द्र कृष्ण भद्

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पर्व परिचय में पूर्णिमा वर्मन का आलेख
सिंदूर खेला- दुर्गा पूजा की आनंदमयी प्रथा
 
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पुनर्पाठ के अंतर्गत देव प्रकाश से जानें-
दुर्गापूजा का सांस्कृतिक विश्लेषण

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अनुभूति-में- वर्षा विशेषांक के अंतर्गत छंदमुक्त विधा में रची गयी अनेक रचनाकारों की रसरंजित रचनाएँ।

स्थायी स्तंभों में-

गृह सज्जा में- सुंदर बैठक की बारह विशिष्ट शैलियों की शृंखला में इस माह प्रस्तुत है- झरोखे और पारंपरिक चित्रों से सजी बैठक।

रसोईघर में- हमारी रसोई संपादक शुचि अग्रवाल प्रस्तुत कर रही हैं- नवरात्रि के लिये फलाहारी व्यंजन

बात फूलों की- चुने हुए, सबसे सुंदर वे बारह फूल जो विशेष अवसरों पर आपके केश विन्यास को सजाते हैं। इस अंक में प्रस्तुत है- बेबीज़ ब्रेथ

स्वास्थ्य के अंतर्गत- वे बारह भोजन तो उच्चरक्तचाप को सामान्य बनाए रखने में सहायक हो सकते हैं। इस अंक में प्रस्तुत है- दही

डाक टिकटों पर विशेष दिवस- देश विदेश के वे टिकट जो विशेष दिवसों पर प्रकाशित हैं शिक्षक दिवस के अवसर शिक्षा देने वाली पंचतंत्र की कहानियाँ डाकटिकटों पर।

बतरस से लिखवट तक - रतन मूलचंदानी के फोटो निबंध मेरा शहर और आसपास में इस माह चलते हैं- यारा नदी के किनारे

गौरवशाली भारतीय- क्या आप जानते हैं कि अगस्त महीने में कितने गौरवशाली भारतीय नागरिकों ने जन्म लिया? ...विस्तार से

नवगीत संग्रहों और संकलनों से परिचय की शृंखला में- अवनीश सिंह चौहान के नवगीत संग्रह- एक अकेला पहिया का परिचय डॉ. रेशमी पांडा मुखर्जी की कलम से।

वर्ग पहेली-३८९
गोपालकृष्ण-भट्ट-आकुल और
रश्मि आशीष के सहयोग से

हास परिहास
में पाठकों द्वारा भेजे गए चुटकुले

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 पता-

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