मुखपृष्ठ

पुरालेख-तिथि-अनुसार -पुरालेख-विषयानुसार -हिंदी-लिंक -हमारे-लेखक -लेखकों से


नाटक एवं रंगमंच
नाटक  
देखौ कर्म कबीर का डॉ. प्रेम जनमेजय
साकेत डॉ. प्रेम जनमेजय
सीता अपहरण केस डॉ. प्रेम जनमेजय
फिर दीप जलेगा मिलिंद तिखे
मन में है विश्वास योगेश त्रिपाठी
रक्तदान नितिन उपाध्ये
संदेश मथुरा कलौनी
संकल्प कुमार आशीष

रंगमंच - नाटकों के विषय में विशेष आलेख

असमिया नाटकों की विकास यात्रा दिनकर कुमार
उड़िया नाटक: उद्भव और विकास अजयकुमार पटनायक
कश्मीर- नाट्य लेखन व मंचन का विकास मोतीलाल क्यूम
गली गली में नुक्कड़ नाटक देवेंद्रराज अंकुर
नाटक - क्रमिक विकास, प्रयोग और प्रयोजन वंदना शुक्ल
नाटककार और रंगमंच मोहन राकेश
बाल रंगमंच की सार्थकता नताशा अरोड़ा
भरत की सौंदर्य दृष्टि भारतेन्दु मिश्र
भारतीय-जननाट्य-संघ-(इप्टा):-जन्म-और-विकास

दिनकर कुमार

भारतीय नाटकों पर अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव प्रकाश गोविंद
मंचन के पीछे की पीड़ा

योगेश विक्रांत

मंच पर कहानी की उपस्थिति अजित राय
मंच पर कविता की उपस्थिति विनय उपाध्याय
मंच से उजड़ी मन में बसीः नौटंकी नारायण भक्त
मराठी रंगमंच का विकास मेधा साठे
मलयालम नाटक का उद्भव और विकास कुन्नुकुषि कृष्णनकुट्टी
यह समाज यह संस्कृतिः आज का नाटक मिथिलेश श्रीवास्तव
रंग अनुभवों का संरक्षण- देवेंद्रराज अंकुर
रंगभूमि पर रौशनी के हस्ताक्षर कीर्ति शर्मा
रंगमंच और त्रासदी शून्य सुशील कुमार सिंह
विदूषक की तलाश ह्रषीकेश सुलभ
सूत्रधार की रंग छवियाँ ह्रषीकेश सुलभ
हिंदी नाटक कहाँ गया स्वयं प्रकाश
हिंदी नाटकों में परिवार रवींद्र त्रिपाठी
हिंदी रंगमंच प्रयोग और परंपरा श्याम नारायण
लोकनाट्य-
भारत के विभिन्न प्रदेशों से-
आंध्र प्रदेश की नाट्य शैलियाँ
उड़ीसा की नाट्य परंपरा
कर्नाटक की लोक कला- यक्षगान
छत्तीसगढ़ के लोकनाट्
मालवा का लोकनाट्य माच
राजस्थानी लोकनाट्य ख्याल
सिंधी लोकनाटक
गोवा का अनोखा लोकनाट्य- त्रियात्र
उत्तरांचल का लोकनाट्य- पाँडव नृत्य
निमाड़ का लोकनृत्य- काठी
भोजपुरी लोकनाट्य- बिदेसिया
विभिन्न प्रांतों में लोकनाट्य- स्वांग
विदेसिया- भिखारी की अद्भुत देन
 
1

1
मुखपृष्ठ पुरालेख तिथि अनुसार । पुरालेख विषयानुसार । अपनी प्रतिक्रिया  लिखें / पढ़े
1
1

© सर्वाधिका सुरक्षित
"अभिव्यक्ति" व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक
सोमवार को परिवर्धित होती है।