  | 
                  
                  
पात्र - डुग्गीवाला तथा नागरिक १, २, ३, ४, 
एवं ५ मंच पर एक डुगडुगी वाला प्रवेश करता 
है। 
डुग्गीवाला- सुनो...सुनो...सुनो! राज्य के 
राजा, परमात्मा के प्रतिनिधि, ईश्वर के अंश, महाराजा अनंत सुखदाता का ख़ास ऐलान! 
सुनो...सुनो...सुनो! 
(मंच पर दूसरे पार्श्व से कई लोगों का प्रवेश जो क्रम से खड़े होंगे। नागरिक १ से 
लेकर नागरिक ५ तक। क्रम निर्धनता की ओर है।) 
नागरिक १- आओ भाई! हाँ आप लोग लेन लगाकर 
खड़े हो जावें। 
नागरिक ५- क्या बँटने वाला है? 
नागरिक २- (नागरिक १ से) और लोगों को बुलाएँ? 
नागरिक १- अरे यार कोई नेताजी थोड़ी आए हैं? ऐलान सुनना है। बाद में उसका 
प्रचार करना है अपन लोगों को। 
नागरिक ४- ऐसे बैठ जाओ बाबा! 
नागरिक ५ ज़मीन पर बैठ जाता है।  |