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घमौरियों के
लिये मुल्तानी मिट्टी
घमौरियों पर मुल्तानी
मिट्टी में पानी मिलाकर लगाने से रात भर में आराम आ जाता
है।
१८ जुलाई २०११
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खुजली की घरेलू दवा
फटकरी के पानी से
खुजली की जगह धोकर साफ करें, उस पर कपूर को नारियल के तेल
मिलाकर लगाएँ लाभ होगा।
११
जुलाई २०११
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मुहाँसों के लिये संतरे के छिलके
संतरे के छिलके को पीसकर मुहाँसों पर लगाने से वे जल्दी
ठीक हो जाते हैं। नियमित रूप से ५ मिनट तक रोज संतरों के
छिलके का पिसा हुआ मिश्रण चेहरे पर लगाने से मुहाँसों के
धब्बे दूर होकर रंग में निखार आ जाता है।
४
जुलाई २०११
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बंद नाक खोलने के लिये अजवायन की भाप
एक चम्मच अजवायन पीस कर गरम पानी के साथ उबालें और
उसकी भाप में साँस लें। कुछ ही मिनटों में आराम मालूम
होगा।
२७ जून २०११
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चर्मरोग के लिये टेसू और नीबू
टेसू के फूल को सुखाकर चूर्ण बना लें। इसे नीबू के
रस में मिलाकर लगाने से हर प्रकार के चर्मरोग में लाभ होता
है।
२० जून २०११
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माइग्रेन के लिये काली मिर्च, हल्दी और दूध
एक बड़ा चम्मच काली मिर्च का चूर्ण एक चुटकी हल्दी
के साथ एक प्याले दूध में उबालें। दो तीन दिन तक लगातार
रहें। माइग्रेन के दर्द में आराम मिलेगा।
१३ जून २०११
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गले
में खराश के लिये जीरा
एक गिलास उबलते पानी में एक चम्मच जीरा और एक टुकड़ा अदरक
डालें 5 मिनट तक उबलने दें। इसे ठंडा होने दें। हल्का
गुनगुना दिन में दो बार पियें। गले की खराश और सर्दी दोनों
में लाभ होगा।
६ जून २०११
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सर्दी
जुकाम के लिये दालचीनी और शहद
एक ग्राम पिसी दालचीनी में एक चाय का चम्मच शहद मिलाकर
खाने से सर्दी जुकाम में आराम मिलता है।
३०
मई २०११
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टांसिल्स के
लिये हल्दी और दूध
एक प्याला (२०० मिलीली.) दूध
में आधा छोटा चम्मच (२ ग्राम) पिसी हल्दी मिलाकर उबालें।
छानकर चीनी मिलाकर पीने को दें। विशेषरूप से सोते समय पीने
पर तीन चार दिन में आराम मिल जाता है। रात में इसे पीने के
बात मुँह साफ करना चाहिये लेकिन कुछ खाना पीना नहीं
चाहिये।
२३
मई २०११
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मधुमेह के
लिये आँवला और करेला
एक प्याला करेले के रस में
एक बड़ा चम्मच आँवले का रस मिलाकर रोज पीने से दो महीने
में मधुमेह के कष्टों से आराम मिल जाता है।
१६
मई २०११
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मधुमेह के लिये कालीचाय-
मधुमेह में सुबह खाली पेट एक प्याला काली चाय
स्वास्थ्यवर्धक होती है। चाय में चीनी दूध या नीबू नहीं
मिलाना चाहिये। यह गुर्दे की कार्यप्रणाली को लाभ पहुँचाती
है जिससे मधुमेह में भी लाभ पहुँचता है।
९
मई २०११
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माइग्रेन और सिरदर्द के लिये सेब-
सिरदर्द और माइग्रेन से परेशान हों तो सुबह खाली पेट एक
सेब नमक लगाकर खाएँ इससे आराम आ जाएगा।
२
मई २०११
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अपच
के लिये चटनी-
खट्टी डकारें, गैस बनना, पेट फूलना, भूक न लगना इनमें से
किसी चीज से परेशान हैं तो सिरके में प्याज और अदरक पीस कर
चटनी बनाएँ इस चटनी में काला नमक डालें। एक सप्ताह तक
प्रतिदिन भोजन के साथ लें, आराम आ जाएगा।
२५
अप्रैल २०११
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उच्च
रक्तचाप के लिये मेथी
सुबह उठकर खाली पेट आठ-दस मेथी के दाने निगल लेने से
उच्चरक्त चाप को नियंत्रित करने में सफलता मिलती है।
१८
अप्रैल २०११
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कोलेस्ट्राल
पर नियंत्रण सुपारी से
भोजन के बाद कच्ची सुपारी २० से ४० मिनट तक चबाएँ फिर मुँह
साफ़ कर लें। सुपारी का रस लार के साथ मिलकर रक्त को पतला
करने जैसा काम करता है। जिससे कोलेस्ट्राल में गिरावट आती
है और रक्तचाप भी कम हो जाता है।
११
अप्रैल २०११
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जलन की चिकित्सा चावल से
कच्चे चावल के ८-१० दाने
सुबह खाली पेट पानी से निगल लें। २१ दिन तक नियमित ऐसा
करने से पेट और सीन की जलन में आराम आएगा। तीन माह में यह
पूरी तरह ठीक हो जाएगी।
४
अप्रैल २०११
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दाँतों के कष्ट में तिल का उपयोग
तिल को पानी में ४ घंटे भिगो दें फिर छान कर उसी पानी से
मुँह को भरें और १० मिनट बाद उगल दें। चार पाँच बार इसी
तरह कुल्ला करे, मुँह के घाव, दाँत में सड़न के कारण होने
वाले संक्रमण और पायरिया से मुक्ति मिलती है।
२८
मार्च २०११
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विष से
मुक्ति
१०-१० ग्राम
हल्दी, सेंधा नमक और शहद तथा ५ ग्राम देसी घी अच्छी तरह
मिला लें। इसे खाने से कुत्ते, साँप, बिच्छु, मेढक,
गिरगिट, आदि जहरीले जानवरों का विष उतर जाता है।
१४ मार्च
२०११
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स्वस्थ
त्वचा का घरेलू नुस्खा
नमक, हल्दी और मेथी तीनों को बराबर मात्रा में लेकर पीस
लें, नहाने से पाँच मिनट पहले पानी मिलाकर इनका उबटन बना
लें। इसे साबुन की तरह पूरे शरीर में लगाएँ और ५ मिनट बाद
नहा लें। सप्ताह में एक बार प्रयोग करने से घमौरियों,
फुंसियों तथा त्वचा की सभी बीमारियों से मुक्ति मिलती है।
साथ ही त्वचा मुलायम और चमकदार भी हो जाती है।
७
मार्च २०११
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ल्यूकोरिया
से मुक्ति
ल्यूकोरिया नामक रोग कमजोरी, चिडचिडापन, के साथ चेहरे की
चमक उड़ा ले जाता हैं। इससे बचने का एक आसान सा उपाय- एक-एक
पका केला सुबह और शाम को पूरे एक छोटे चम्मच देशी घी के
साथ खा जाएँ ११-१२ दिनों में आराम दिखाई देगा। इस प्रयोग
को २१ दिनों तक जारी रखना चाहिए।
२८
फरवरी २०११
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खाँसी में
प्याज
अगर बच्चों या बुजुर्गों को खांसी के साथ कफ ज्यादा गिर
रहा हो तो एक चम्मच प्याज के रस को चीनी या गुड मिलाकर चटा
दें, दिन में तीन चार बार ऐसा करने पर खाँसी से तुरंत आराम
मिलता है।
२१
फरवरी २०११
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पेट
साफ रखे अमरूद-
कब्ज से परेशान हों तो शाम को चार
बजे कम से कम २०० ग्राम अमरुद नमक लगाकर खा जाएँ, फायदा
अगली सुबह से ही नज़र आने लगेगा। १० दिन लगातार खाने से
पुराने कब्ज में लाभ होगा। बाद में जब आवश्यकता महसूस हो
तब खाएँ।
१४
फरवरी २०११
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बीज
पपीते के स्वास्थ्य हमारा
पके पपीते के बीजों को खूब
चबा-चबा कर खाने से आँखों की रोशनी बढ़ती है। इन बीजों को
सुखा कर पावडर बना कर भी रखा जा सकता है। सप्ताह में एक
बार एक चम्मच पावडर पानी से फाँक लेन पर अनेक प्रकार के
रोगाणुओं से रक्षा होती है।
७
फरवरी २०११
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मुलेठी पेप्टिक अलसर के लिये-
मुलेठी के बारे में तो सभी जानते हैं। यह आसानी से बाजार
में भी मिल जाती है। पेप्टिक अल्सर में मुलेठी का चूर्ण
अमृत की तरह काम करता है। बस सुबह शाम आधा चाय का चम्मच
पानी से निगल जाएँ। यह मुलेठी का चूर्ण आँखों की शक्ति भी
बढ़ाता है। आँखों के लिये इसे सुबह आधे चम्मच से थोड़ा सा
अधिक पानी के साथ लेना चाहिये।
३१ जनवरी २०११
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भोजन से
पहले अदरक-
भोजन करने से दस मिनट
पहले अदरक के छोटे से टुकडे को सेंधा नमक में लपेट कर
[थोड़ा ज्यादा मात्रा में ] अच्छी तरह से चबा लें। दिन में
दो बार इसे अपने भोजन का आवश्यक अंग बना लें, इससे हृदय
मजबूत और स्वस्थ बना रहेगा, दिल से सम्बंधित कोई बीमारी
नहीं होगी और निराशा व अवसाद से भी मुक्ति मिल जाएगी।
२४ जनवरी २०११
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मुहाँसों से
मुक्ति-
जायफल, काली मिर्च और
लाल चन्दन तीनो का पावडर बराबर मात्रा में मिलाकर रख लें।
रोज सोने से पहले २-३ चुटकी भर के पावडर हथेली पर लेकर
उसमें इतना पानी मिलाए कि उबटन जैसा बन जाए खूब मिलाएँ और
फिर उसे चेहरे पर लगा लें और सो जाएँ, सुबह उठकर सादे पानी
से चेहरा धो लें। १५ दिन तक यह काम करें। इसी के साथ
प्रतिदिन २५० ग्राम मूली खाएँ ताकि रक्त शुद्ध हो जाए और
अन्दर से त्वचा को स्वस्थ पोषण मिले। १५- २० दिन में
मुहाँसों से मुक्त होकर त्वचा निखर जाएगी।
१७ जनवरी २०११
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सरसों का तेल केवल पाँच दिन-
रात में सोते समय दोनों नाक में दो दो बूँद सरसों
का तेल पाँच दिनों तक लगातार डालें तो खाँसी-सर्दी और साँस
की बीमारियाँ दूर हो जाएँगी। सर्दियों में नाक बंद
हो जाने के दुख से मुक्ति मिलेगी और शरीर में हल्कापन
मालूम होगा।
१० जनवरी
२०११
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अजवायन
का साप्ताहिक प्रयोग-
सुबह खाली पेट सप्ताह में एक बार एक चाय का चम्मच अजवायन
मुँह में रखें और पानी से निगल लें। चबाएँ नहीं। यह सर्दी,
खाँसी, जुकाम, बदनदर्द, कमर-दर्द, पेटदर्द, कब्जियत और
घुटनों के दर्द से दूर रखेगा। १० साल से नीचे के बच्चों को
आधा चम्मच २ ग्राम और १० से ऊपर सभी को एक चम्मच यानी ५
ग्राम लेना चाहिए।
३ जनवरी
२०११