कहानियों में
चंद्र मोहन प्रधान की कहानी खिड़की

आज पाँच साल पुरानी बात खत्म हो जाएगी। अब नीरज अपना नया खाता फिर खोल सकता है। वह पिछला सब हिसाब साफ़ कर देगा। न एक पाई उधर, न एक पाई इधर। २१ फरवरी है आज। आज से पाँच साल पहले उसने यहीं, इसी वेटिंग रूम में कुछ देर ठहर कर बनारस वाली गाड़ी पकड़ी थी। ठीक ही कहा गया है, इतिहास अपने को दुहराता है। चित्रा से उसकी पहली भेंट भी इसी २१ फरवरी को हुई थी।

साहित्य संगम में

सुप्रसिद्ध कवियित्री एवं लेखिका अमृता प्रीतम की पंजाबी कहानी
एक जीवी एक रत्नी एक सपना

"पालक एक आने गठ्ठी, टमाटर छह आने रत्तल और हरी मिर्चें एक आने की ढेरी "पता नहीं तरकारी बेचनेवाली स्त्री का मुख कैसा था कि मुझे लगा पालक के पत्तों की सारी कोमलता, टमाटरों का सारा रंग और हरी मिर्चों की सारी खुशबू उसके चेहरे पर पुती हुई थी। उस स्त्री ने अपने बच्चे की मुठ्ठी खोलकर पालक के पत्तों को छुडा़ते हुए घूरकर देखा। 

 

प्रकृति पर्यटन
में महेन्द्र सिंह रंधावा के लेख ऋतुओं की झाँकी की दूसरी किस्त ग्रीष्म ऋतु

कविताओं की पत्रिका
अनुभूति में

हर रोज़ एक गुनगुनी रचना के साथ

साहित्यिक निबंध
में
प्रसिद्ध समाज शास्त्री
प्रो श्यामाचरण दुबे द्वारा गोविंद वल्लभ पंत समाज संस्थान द्वारा आयोजित 'साहित्य एवं सामाजिक परिवर्तन' विषय पर आयोजित संगोष्ठी में दिए गए व्याख्यान पर आधारित लेख 
साहित्य का सामाजिक प्रभाव

 

संस्मरण  में
नरेन्द्र पुण्डरीक का आलेख
 जीवन सत्य के उद्घोषक थे
केदारनाथ

 

हास्य व्यंग्य  में
प्रेम जन्मेजय का तीखा व्यंग्य 
ये पीड़ित जनम जनम के

 

पिछले अंक से-

दो पल में
तत्व की तलाश में


घर परिवार में
जीवन का नया अंदाज़
तनाव मुक्त जीवन

कला दीर्घा में
भारतीय लोक कलाओं से परिचय की श्रृंखला में तंजावुर शैली के बारे में रोचक जानकारी

स्वाद व स्वास्थ्य
में
कमाल के केले में केले के गुणों की चर्चा

रसोईघर
में एक अनोखी आइसऋम
हिम कदली

पर्व परिचय
 
में 
अप्रैल माह के पर्वऋ मेलों और उत्सवों के विषय में

फुलवारी
में गौरव गुप्ता की कहानी
गल्लू सियार का लालच
और सुषमा श्रीवस्तव की कविता
बंदर मामा

प्रेरक प्रसंग
में प्रेरणाप्रद प्रसंगों के ख़ज़ाने का एक और मोती
कानून का पालन

प्रकाशन : प्रवीण सक्सेना -|- परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन, कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन
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सहयोग : दीपिका जोशी

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