चाय हो जाए

 

जन्मदिवस के इस अवसर से
थोड़ा  सा तो न्याय हो जाए
गुमसुम  से बैठे हैं हम तुम
चलो एक कप चाय हो जाए

 

 
धूम  धड़ाका  किया उम्र  भर
जीवन  जी भर जिया उम्र भर
आज सुखद यह शीतल मौसम
कल  की  यादों  में डूबा मन
खिड़की  में  यह सुबह सुहानी
यों  ही  ना  बेकार  हो  जाए
चलो  एक कप  चाय हो जाए



 

खुशबू  जो   हमने  महकाई
देखो   दुनिया   ने  अपनाई
जगह  जगह  लगते  हैं मेले
हम  क्यों  बैठे  यहाँ  अकेले
नई तुम्हारी
 इस  किताब का
जरा  एक  अध्याय  हो जाए
चलो  एक कप  चाय हो जाए

 

 

फूल   भरा  सुंदर   गुलदस्ता
देखो  कहता   हँसता   हँसता
दुख  का जीवन में ना भय हो
जन्मदिवस  शुभ मंगलमय हो
नानखताई  का  डिब्बा  खोलो
मुँह  मीठा  इक  बार हो जाए
चलो  एक  कप चाय हो जाए