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घर परिवार - गपशप

स्फूर्तिदायक सुबह
- गृहलक्ष्मी


दादी माँ के मुँह से सुनी यह कहावत शायद आपको याद होगी 'सुबह भली तो दिन भला' या सुबह सुबह बच्चे को क्यों डाँटते हो? पर क्या आपने कभी यह सोचा है कि सुबह सुबह हम अपने साथ कैसा व्यवहार करते हैं। शायद नहीं।

हम सुबह बहुत से काम अपनी सेहत व तन की स्फूर्ति के खिलाफ करते हैं और दिन भर की थकान को न्यौता दे बैठते हैं। अगर थोड़ा सा ध्यान दें तो सुबह के साथ-साथ सारा दिन स्फूर्तिदायक को बनाए रखना कोई मुश्किल नहीं। हम सभी सुबह की शुरुवात चाय या कॉफी के साथ करते हैं। जी कड़ा कर के सुबह की सुस्ती छोड़ दें। कैफीन की भारी मात्रा के बिना भी जोश की अनुभूति की जा सकती है।

आइये कुछ नये प्रयोग कर के देखें -

  • पिपरमेंट तेल की सुगंध मस्तिष्क की लहरों को उत्तेजित करने का पुराना नुस्ख़ा है। एक छोटी शीशी सिरहाने रखें। सुबह उठते ही इसकी एक बूँद रुमाल पर डालें, सूँघें और चैतन्यता का अनुभव करें।

  • मन में निश्चय के साथ दोहराएँ, आज की सुबह मैं शान्त, सुखी और संतुलित हूँ। आप अपने जीवन लक्ष्य को भी इस समय दोहरा सकते हैं।

  • कलेवा आराम से धीरे धीरे करें। कम से कम १० मिनट का समय ज़रूर दें। इसमें स्फूर्तिदायक भोजन-तत्त्वों को शामिल करें। सम्पूर्ण गेहूँ की ब्रेड (होल व्हीट ब्रेड) और विटामिन सी से युक्त फलों का रस स्फूर्ति प्रदान करने में अधिक सहायक होते हैं।

  • घर या बगीचे के उस कोने में सुबह के कुछ पल अवश्य बिताएँ जो आपको सबसे अधिक प्रिय है। सुविधा हो तो आप सुबह का नाश्ता भी यहीं कर सकते हैं।

क्या आप जानते हैं ?

  • कि जो लोग सुबह का नाश्ता नहीं करते उन्हें कोलेस्ट्रोल की मात्रा अधिक होने की ज्यादा संभावना होती है।
  • अगर कब्ज़ आपके स्वास्थ्य के लिये मुसीबत बना हुआ है तो दो दिन दूध और चीज़ के बिना रह कर देखें। दूध और उससे निर्मित पदार्थों में स्थित कैसेइन नामक तत्व कब्ज़ के लिये ज़िम्मेदार माना गया है।

  • केलों से पोटैशियम अच्छी मात्रा में प्राप्त होता है जो रक्तचाप को सामान्य रखने में सहायक होता है। ज़रूरत समझें तो इन्हें अपने भोजन में शामिल करें।

यह भी आज़माएँ -

  • शक्कर के स्थान पर शहद का प्रयोग करें। इसमें २४ विटामिन, खनिज और फूलों से प्राप्त होने वाले अन्य पोषक तत्व होते हैं।

  • सामान्य चाय के स्थान पर हरी चाय का प्रयोग करें यह पाचन में सहायक होती है, सिरदर्द दूर करती है और स्फूर्ति बढात़ी है।

  • ताज़ी हवा और सूरज का प्रकाश, शारीरिक ऊर्जा और स्फूर्ति को बढ़ाने में सहायता करते हैं। इसलिये सुबह होते ही पर्दे ओर खिड़कियाँ खोल दें। ताज़ी हवा और प्रकाश से शरीर को प्रफुल्लित रखें।

रंगों से रंगीन दिन -

  • कपड़ों, सजावट के सामान, पर्दो और रंगीन बल्बों से आप चित्त की स्फूर्ति को बढ़ा सकते हैं।

  • नीला रंग अच्छी नींद और स्नायुओं को शांत रखने में सहायक होता है। हरे रंग से आराम और स्थिरता पाने में सहायता मिलती है। नारंगी रंग उदासीनता को दूर करता है और गुलाबी प्रेम और अपनेपन की प्रतीति कराता है।

  • आप आवश्यकता के अनुसार रंग का चयन करके मन और शरीर की स्फूर्ति पा सकते हैं।

 
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