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घर-परिवारगपशप

सुंदर घर
  नीलम जैन 


मौसम के परिवर्तन का समय आ गया है और आप सब छुटि्टयों की तैयारी कर रहे होंगे। घर की सज्जा सफाई का इससे उत्तम कोई समय नहीं। मन में उत्साह भी है और यह एक परम्परा भी है। सर्दी को अलविदा कहने और वसन्त ऋतु का स्वागत करने का समय है।

घर किसी संग्रहालय की तरह चकाचक और सुव्यवस्थित हो यह आवश्यक नहीं। हाँ व्यवस्था ऐसी हो कि सुविधा पूर्वक सभी सामान आपकी पहुँच में हो। सच तो यह है कि सज्जा और सफाई का मतलब तनाव न होकर तनाव मुक्ति होना चाहिए। पुरानी कहावत है कि घर इतना साफ हो कि स्वस्थ रहें और इतना गन्दा कि खुश रहें। मैं इस कहावत को अमल में लाते हुए अपनी खुशी के लिए जो नुस्खे प्रयोग करती हूँ आप भी सम्भवत: कुछ ऐसा ही करते होंगे। इसमें कुछ पसंद आए तो कर देखिए-

घर को कैसे महसूस करें इसका सार अन्य सभी बातों के साथ-साथ पाँचों इन्द्रियों की सन्तुष्टि पर भी निर्भर करता है। चाहे हर पल कोई इन सब संवेदनाओं के प्रति जागरूक हो या नहीं पर जाने अनजाने हम सभी यह अनुभव निश्चित रूप से करते हैं। इसलिए इन सब पहलुओं पर ध्यान देना आवश्यक भी है और आनंदप्रद भी।

घर की ध्वनियाँ

घर में सुनाई देने वाली आवाज़ों का बहुत महत्व है। मनपसंद संगीत, घर के अंदरूनी ड्योढ़ी में झरझर करता पानी का फव्वारा, बाहर दरवाजे पर एक रूनझुन सा लटका घंटियों वाला झूमर आदि कानों को बहुत सुखद होते हैं। अपने मनपसंद संगीत के स्वरों से घर को सजाएँ।

घर की गंध

आप अपनी पसंद के इत्र की एक दो बूँद फव्वारे के पानी में डालें, ताजा फलों की टोकरी, कटे हुए फूलों का ताजा गुलदस्ता, ये सभी घर को आपकी रुचि के अनुसार महकाते हैं। सुगन्धित मोमबत्ती अगरबत्ती आदि का प्रयोग करते समय ध्यान रखें कि वो हानिकारक रसायनों से बनी न हों। आज बाजार में प्राकृतिक सामानों से बनी बहुत-सी मोमबत्तियाँ व दिये आदि उपलब्ध हैं। सारे घर में व्याप्त मिली जुली गन्धों से छुटकारा पाने के लिये सजावट के पात्रों में बेकिंग सोडे का प्रयोग करें।

घर का स्पर्श

बैठने, सोने के फर्नीचर आदि के कपड़े आपके व्यक्तित्व के अनुसार हों। नरम शीतल कपड़ों से मढ़े फर्नीचर जहाँ गर्मी में दिन भर की थकान हर लेते हैं, सर्दियों में गरम नरम कपड़ों का अलग ही आनंद है। खुरदरे कपडों वाले फर्नीचर का चयन बहुत सोच समझ कर करें।

घर का स्वाद

खाना खाने और परोसने के लिए सुलभ समय रखें। समय की कमी हो तो मिलजुल कर खाने की मेज़ को मनपसन्द तरीके से सजा कर खाना खाने का अलग ही महत्व है। स्वास्थ्यवर्धक खाने की चीजों का प्रयोग करें। खाने में प्रेम और मुस्कराहट होना बहुत जरूरी है। बिना मन से बना खाना सम्भवत: स्वास्थ्यवर्धक नहीं हो सकता। आपके घर आए अतिथि भी इस बात को बखूबी महसूस करते हैं।

घर का रूप

गहरा असर करती है अत: बहुत ही महत्वपूर्ण है। इससे आपकी रुचियों और आँखों को सन्तुष्टि मिलती है। अपनी पसन्द की साज-सज्जा और रंगो का प्रयोग न केवल आपकी सुरुचिपूर्णता को दर्शाता है बल्कि आपके कलात्मक भावों का भी प्रदर्शन करता है, साथ ही आप अपने बारे में कैसा महसूस करते हैं यह भी। आपके घर की बनावट और देखरेख से आपका आत्मविश्वास भी उजागर होता है।

सुन्दर पात्रों में ताजा पौधे घर के अन्दर खुशहाली भर देते हैं। अपने बनाए या खरीदे हुए सज्जा के सामान को सुरुचिपूर्ण रूप से सजाते हुए अगर घर के सभी लोग अपना सहयोग दें तो यह और भी मज़ेदार अनुभव होगा। स्वयं तैयार किए चित्रों व शिल्प की वस्तुओं को सजाने का अलग ही आनंद है।

 
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