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घर-परिवारगपशप

घर को कैसे रखें व्यवस्थित
—अर्बुदा ओहरी 

आँकड़े बताते हैं कि हम आपनी आयु के पाँच वर्ष स्नानगृह में ही गुज़ारते हैं। इतनी महत्वपूर्ण जगह को नज़रअंदाज़ भला कैसे किया जा सकता है। स्नानगृह में एक अलमारी का होना आवश्यक है। ज़रुरत के हिसाब से यह छोटी बड़ी हो सकती है। ढेरों तरह के साबुन, लोशन, शैम्पू, क्रीम, तेल इत्यादि खूब सारी जगह तो लेते ही हैं, स्नानगृह की शोभा भी खराब करते हैं।
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इन्हें रोज़ याद करके स्नानगृह में लाना और फिर वापस सही जगह पर रखना आसान नहीं। फिर हमेशा कुछ न कुछ भूल जाने का डर बना ही रहता है। इसलिए नहाने के समय प्रयोग में आने वाला सामान को इसमें रखा जा सकता है। साथ ही स्नानगृह से जुड़ा सफ़ाई का समान जैसे फ़र्श साफ़ करने के तरह तरह के साबुन, तेज़ाब, कीटाणुरोधक और इससे संबंधित अन्य सामान भी इसमें रखे जा सकते हैं। एक प्राथमिक चिकित्सा पेटी (फर्स्ट एड किट) भी इसमें रखा जा सकता है, जिसमें डेटोल, ऐंटीसेपटिक क्रीम तथा बेंडेड हों। इसमें कोई ऐसी दवा न रखें जो गर्मी व नमी में खराब हो सकती हो।

हाथ पोंछने का तौलिया या टिश्यू जैसी आवश्यकता की वस्तुएँ भी यहाँ रखी जा सकती हैं। स्नानगृह को व्यवस्थित रखने में उसकी सफ़ाई भी शामिल है। इसे प्रतिदिन साफ करना आवश्यक है। गर्मी तथा नमी से बाथरूम में अजीब तरह की गंध आ जाती है तथा कुछ विशेष प्रकार के काई या फफूँद भी पैदा हो सकती है जो स्वास्थ्य की दृष्टि से ठीक नहीं। ब्रश तथा शेविंग के सामान को भी इस्तेमाल के बाद खुला न रख कर अलमारी में रखना सफाई की दृष्टि से बेहतर होता है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि तीन महीने से पुरानी चीज़ो को बाथरूम से बाहर निकाल देना चाहिये।

सोने का कमरा घर का सबसे शांत कोना है। यह घर में रहने वालों के लिये आराम फरमाने की जगह के साथ साथ प्रेम व रिश्तों में गहराई का परिचायक भी है। इसलिये बेडरूम की साज सज्जा तथा व्यवस्था पर खास ध्यान देना चाहिये। बेडरूम को अपनी पसंद से सजाएँ यदि बच्चों का बेडरूम अलग हो तो अपने बेडरूम में खिलौने न रखें। बिस्तर साफ़-सुथरा और आरामदेह हो। चादरें तथा अन्य औढ़ने व बिछाने के कपड़ों के लिए अलग बक्सा ठीक रहता है। कमरे में जगह कम हो तो एक छोटा बक्सा या सूटकेस पलंग के नीचे रखा जा सकता साथ ही ध्यान रहे कि ऐसा सामान न इकट्ठा करें जिसकी ज़रूरत आपको नहीं होती है। हर छह महीने में जो कुछ भी बेड के नीचे रखा है उसे निकाल कर अच्छी तरह सफाई करें, जो काम न आता हो उसे बाहर निकाल दें और यह हर छह महीने में दोहराएँ। बेडरूम में कपड़ों की अलमारी पर ध्यान दें। यह एक आश्चर्यजनक सत्य है कि हम अपने बीस प्रतिशत कपड़ों को करीब अस्सी प्रतिशत समय ही पहनते हैं। जो कपड़े पिछले एक साल में काम न आये हों उन्हें निकाल देना बेहतर होता है। पुराने कपड़ों को दान किया जा सकता है या घर में काम करने वाले नौकर नौकरानियों या जिन्हें भी इनकी ज़रूरत हो उनको दिया जा सकता है। किसी साड़ी का सूट बनवाना हो या कुछ और फेर बदल करना हो तो हर छह महीने में इस काम को याद से करने का समय निकालना चाहिए।

बच्चों के कमरे का बिखरा हुआ होना बचपने की निशानी है और उनका हक भी। हाँ, बच्चों को सफाई रखने की समझ अवश्य दें तथा कमरे को साफ करने में उनसे मदद भी लें। बच्चों के कमरे में शेल्फ आदि लगाते समय ऊँचाई का ख़याल रखें। कमरे में बहुत से खिलौने न रखें। बच्चे बहुत जल्दी खिलौनों से बोर हो जाते हैं और ज़रुरत से ज़्यादा खिलौने कमरे में यहाँ वहाँ फैले रहते हैं। अनावश्यक खिलौनों को कहीं दान किया जा सकता है और यह काम बच्चों के साथ मिल कर किया जाए तो उनमें भी बाँट कर खेलने का गुण आयेगा इसके साथ वे यह भी समझेंगे कि उनके लिये कौन सा खिलौना आवश्यक है। खेलने के बाद बच्चों के खिलौनों को समेटना भी ज़रूरी है। जब भी बच्चे किसी खिलौने से खेल लें तो आप स्वयं उनके साथ लग कर पहले वाले खिलौने को समेट दें इससे बच्चों में सफाई तथा समेटने की आदत रहेगी। परीक्षाएँ ख़त्म होने के बाद बच्चों की किताबें तथा बेकार कागज़ो की सफ़ाई ज़रूरी है।

घर में मौज मस्ती के लिये एक जगह होनी ज़रूरी होती है इस ज़रुरत को लिविंग रूम पूरा करता है, जहाँ टेलीविज़न, म्युज़िक प्लेयर, होम थियेटर, किताबें आदि फुरसत में समय बिताने का सारा सामान मौजूद रहता है। लिविंग रूम में आरामदायक सोफा, काफी टेबल तथा टीवी युनिट होना चाहिये। इस कमरे में सभी के लिये कुछ न कुछ सामान होता है इसलिये इसे व्यवस्थित रखने में सभी की राय लेना बेहतर रहता है। सभी डीवीडी तथा सीडी को आप म्यूज़िक सिस्टम के पास ही स्थान दें, जो काम की सीडी न हो उसे वहाँ से हटा दें। बच्चों की डीवीडी, फिल्म की डीवीडी और म्यूज़िक की डीवीडी को अलग अलग कवर या बाक्स में रखें, इससे ज़रुरत के समय कम मेहनत करनी पडे़गी। और हाँ, उपयोग के बाद सीडी को यथास्थान ही रखें। ऐसा ही किताबों व पत्रिकाओं के साथ करें। दैनिक तथा साप्ताहिक पत्रिकाओं को बहुत दिनों तक लिविंग रूम में न रहने दें।

यह बात सच है कि व्यवस्थित लोगों का घर व्यवस्थित रहता है। जितने हाथ बँटाने के लिये लोग होंगे घर को व्यवस्थित करने में उतनी ही कम कठिनाई होगी, इसलिये इस काम में सभी सदस्यों की सहायता लें। सप्ताह में एक दिन इधर उधर बिखरी हुई गंदगी को समेटने में लगाएँ। टेलीफोन, बिजली तथा पानी के पुराने बिल, बैंक के पेपर, बच्चों की फीस की रसीद सभी के लिये अलग अलग फाइल बना कर रखें और ऐसे पेपर कहीं और रखने की बजाये हाथों हाथ फाइल में लगा डालें।

बगीचा घर की सुन्दरता में इजाफा करता है। पेड़, पौधे घर के सदस्यों की तरह ही महत्त्वपूर्ण हैं इसलिये इनकी अच्छी तरह से देखभाल करना बहुत ज़रूरी है। आप नियमित रूप से पौधों में पानी देने के साथ समय समय पर सफाई भी करते रहिये यदि इसे आप करने में समर्थ न हों तो कोई माली रख सकते हैं।

घर के साथ साथ हमारी कार का व्यवस्थित होना भी ज़रूरी है जब हम कार में बैठते हैं तो कुछ न कुछ सामान हमारे साथ होता है जो कि उतरते समय हम अक्सर भूल जाते हैं। इसे नज़रअंदाज़ न करें, हफ्ते में एक बार कार की सफाई भी अवश्य करें। कार का ओनर्रस मेन्युअल ज़रूर पढ़े। इससे आपको पता रहेगा कि अपनी कार को कैसे मेंटेन कर सकते हैं। कार में एक फर्स्ट एड किट रखें जिसमें रखी दवाइयों की एक्पायरी समय समय पर जाँच लें। कार में एक एयर फ्रेशनर तथा फायर रोकने का स्प्रे का होना बहुत ज़रूरी है। कार चलाते हुए फोन आपको परेशान न करे इसके लिये अपनी कार मे हैंडफ्री रखें। यदि आप ब्लू टूथ का इस्तेमाल करते हैं तो पहले यह ज़रूर चेक करें कि यह चार्ज है या नहीं।

घर में सभी कुछ व्यवस्थित हो तो सुकून रहता है। बस ज़रूरत है तो थोड़े से समय की और याददाश्त की। घर में कौन सी वस्तु कहाँ रखी है यदि यह पता हो तो समझिये कि घर व्यवस्थित है।

१४ जुलाई २००८ १५ सितंबर २०१४

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