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अलाव के नये अंदाज़ 
संकलित


सर्दी का मौसम हो और अलाव की गरमाहट तो फिर सजावट का सौदर्य भी क्यों पीछे रहे। घर और सजावट एक दूसरे के पर्यायवाची है। आइये अलाव को दें एक नया अंदाज़ यानी गरमाहट में सजावट।

अलाव के ऊपर फूलदान, घड़ी और चित्रकला के नमूनों को सजाने की परंपरा पुरानी है। अगर अलाव के आसपास शोख नमूनों वाला वॉल पेपरहै तो उससे मेल खाते सादी पृष्ठभूमि के साथ फ्रेम किये हुए छह नमूनों का यह समूह दीवार के सौदर्य को सुंदर आकार देता हैं। मेंटलपीस के ऊपर सजावटी सामानों की भीड़ और सफाई से बचने का यह आसान तरीका है। पीले रंग के साथ भूरे पीले और काले रंग के हर शेड का इस्तेमाल सुंदरता से किया जा सकता है। चाहें तो मेंटल पीस पर एक दो या तीन चीज़ें और भी रखी जा सकती हैं।

इस फायर प्लेस के चारों ओर चौखानों वाले परंपरागत शैली के स्टेनलेस स्टील टाइल्स लगाए गए हैं। सजावट के लिये फर्श पर रखी गयी मूर्ति और फर्नीचर भी स्टेनलेस स्टील का है। फायर प्लेस के सामने ज़मीन काले रंग के टाइल्स में रखी गयी है ताकि स्टील की चमक के साथ विरोधाभास का चमत्कार नज़र आए। फर्श का कालीन और कुर्सी के कपड़े को मिलते जुलते रंगों का रखा गया है। कमरे के समग्र प्रभाव को सर्दी के मौसम के लिये आरामदेह गरमाहट से भरपूर रखने की कोशिश की गयी है।
 



किताबें अलाव के पास न सिर्फ अच्छी लगती हैं, समय बिताने का सर्वोत्तम साधन भी हो सकती हैं। किताबों की रंग बिरंगी सुनहरी लाइनों वाली जिल्दें किसी सजावटी अलंकरण से कम नहीं। सुनहरे पीले रंग की दीवार पर स्थित इस अलाव को चमकदार काले रंग से रंगा गया है। फायर प्लेस के ऊपर लगी हुयी तस्वीर का काला रंग अलाव के रंग को संपूर्णता प्रदान करता है। साथ में दीवार पर टँगा है छोटे बड़े प्रमाणपत्रों का एक समूह और मेंटलपीस पर सजे हैं स्मृतिचिह्न!


कमरा बच्चों का हो तो खिलौनों की भरमार रहती ही है। अगर फायर प्लेस का इस्तेमाल नहीं हो रहा है तो छोटे बड़े खिलौनों को आसपास सजा कर इस कोने को सुंदर बनाया जा सकता है। सजावट के समय खिलौनों के रंग और उनके आकार का ध्यान रखें। जिस रंग और आकार के खिलौने जहाँ उपयुक्त लगें वहाँ सजाएँ। 
 




फूल, गमले, दीप स्तंभ और पात्र यह सब न केवल किसी कमरे में सजावट जोड़ते हैं बल्कि उसमें जीवन भी जोड़ते हैं। कमरा सजीव हो उठता है और घर में रहने वाले की सुरुचिपूर्ण दिनचर्या को व्यक्त करता है। फायर प्लेस के किनारे टिकी हुयी लंबे डंडे वाली पारंपरिक झाड़ू न केवल राख साफ करने के काम आती है बल्कि कमरे को सौंदर्य भी प्रदान करती है। 

और जब सर्दी का मैसम न हो तो? अलाव को बदल दें एक बड़े से फूलदान में। पुष्पसज्जा या कोई गमला और साथ में जलती मोमबत्ती! यह सब मिल कर मौसम के बाद इस कोने को दिलचस्प बनाए रखेंगे, मेहमानों का स्वागत करेंगे और कमरे के इस अंधेरे कोने को मौसम के खुशनुमा रंगों से रंग देंगे।

२४ दिसंबर २००३

 
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