मुखपृष्ठ

पुरालेख-तिथि-अनुसार -पुरालेख-विषयानुसार -हिंदी-लिंक -हमारे-लेखक -लेखकों से


परिक्रमा दिल्ली दरबार

पुतिन की भारत यात्रा



रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ऐसे समय भारत की यात्रा पर आये जब दोनो ही देश एक जैसी समस्या 'विश्व शान्ति' के लिये सबसे बडा खतरा बने इस्लामी आतंकवाद से जूझने में लगे हुये हैं।जहाँ रूस चेचन्या में जारी आतंकवाद से त्रस्त है वहीं भारत कश्मीर के आतंकी कहर से जूझ रहा है। भारत और रूस ने आतंकवाद से निपटने के लिये सामूहिक प्रतिबद्धता दिखायी है। दिल्ली घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करके द्विपक्षीय सम्बन्धों की दिशा में नवीन अध्याय की शुरूवात हुयी है व सामरिक सम्बन्धो मे मजबूती आयी है। 

भारत और रूस ने अलग अलग आठ समझौतो पर हस्ताक्षर किये। दोनो देशो के बीच आर्थिक, वैज्ञानिक एवं तकनीकी सहयोग को दृढता प्रदान करने पर बल दिया गया। अपने सम्मान में  राष्ट्रपति कलाम द्वारा दिये गए रात्रि भोज में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि आपसी समझदारी और सहयोग से दोनो देशों में सुरक्षा तथा समृधी आयेगी जो विश्व शान्ति एवं स्थिरता में सहायक होगी।

जहाँ भारत–रूस दोस्ती से खिसियाये पाकिस्तान ने  पुतिन को कोसा, वही चीन ने भारत और रूस के बीच सार्थक बातचीत का स्वागत किया है और दोनो देशो के बीच सामरिक समझौतों को सराहा है।

प्रधान मन्त्री बाजपेई ने इराक पर अमेरिकी हमला करने की धमकी का पुरजोर विरोध किया है। भारत सरकार का मानना है कि सद्दाम हुसैन के नेतृत्व में इराक भारत का दोस्त है। इराक के सम्बन्ध में भारत अपनी परम्परागत नीति पर कायम है। यदि हथियार निरीक्षको की जांच में इराक के खिलाफ कुछ नही पाया जाता तब इराक पर लगे सभी प्रतिबन्धों को हटा दिया जाना चाहिये। पाकिस्तान के प्रति नरमी और इराक के प्रति बेजा आक्रामकता जैसी दोगली अमेरिकी नीति का भारत पक्षधर नही हो सकता।  

रमजान के पाक महीने में भी दहशतगर्दो की नापाक कोशिशे बदस्तूर जारी रही। श्रीनगर में सी आर पी एफ शिविर पर फिदाइन हमला, अगले दिन सेना की एक बस उडाना और २४ नवम्बर की जम्मू कश्मीर की शीतकालीन राजधानी जम्मू के ऐताहासिक रघुनाथ मदिर में घुसकर आत्मघाती आतंकियों का व्यापक कहर बरपाना इन हमलों की प्रमुख वारदातें रहीं। 

इन हमलों मे लगभग ३४ लोग मारे गये और पचासो लोग घायल हुये  मन्दिर परिसर से आतंकियो को निकालने में सुरक्षा कर्मियों को काफी मशक्कत करनी पडी। हमले के बाद मन्दिर को आम जनता के लिये खोलने से पहले हवन किया गया। एहतिआत के तौर पर रघुनाथ मन्दिर के चारो ओर सुरक्षा चक्र बढा दिया गया।

 

काबिले गौर है कि नवनिर्वाचित साझा सरकार के मुखिया मुप्ती मुहम्मद सईद ने २४ खतरनाक आतंकवादियों को बिना केन्द्र सरकार की राय के कैद से आजाद कर दिया। लगातार जारी आतंकी गतिविधियो के कारण मुप्ती सरकार आतंकवादियों के साथ नरमी बरतने के गम्भीर आरोपों से घिर गयी है। ऐसे मे साझा सरकार में शिरकत के कारण कांग्रेस मौजूदा मुख्यमन्त्री की तरफदारी करने को मजबूर है।

भारतीय जनता पार्टी की वैशाखी पर टिकी  बहुजन समाज पार्टी की सरकार उत्तर प्रदेश में राजनीतिक उथल पुथल से जूझ रही है। सरकार गिराने के मुहिम पर लगे कई  बाहुबली विधायक मुख्यमन्त्री मायावती के कोपभाजन का शिकार हो जेल के सीकचो के पीछे पहुँच गये। राजनीतिक अस्थिरता बनी हुयी है। इन सबके बावजूद मायावती की गणना एक सख्त प्रशासक के रूप में की जा रही है।

बारह दिसम्बर को होने वाले गुजरात विधान सभा चुनाव के मददेनजर सभी प्रमुख सियासी दलों ने अपना चुनाव प्रचार अभियान तेज कर दिया है। मतदाताओं को रिझाने के लिये राजनेता बने अभिनेताओं का जमावडा हो रहा है। भाजपा के पक्ष मे शत्रुघन सिन्हा, विनोद खन्ना, हेमामलिनी एवं विजय शान्ति चुनाव प्रचार करेगी वही कांग्रेस दिलीप कुमार के साथ गोविन्दा और माधुरी को आजमा रही है। प्रतिष्ठा परक चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के सभी प्रमुख राजनीतिज्ञ अपनी वाक्पटुता के जाल में मतदाताओं को फांसने की फिराक में लगे हुये हैं।

उत्तर प्रदेश की माटी से जुडे हिन्दी साहित्य के पुरोधा कवि पद्मश्री शिवमंगल सिंह सुमन व कवि और प्रख्यात प्रसारक ओंकार नाथ चिर निद्रा में लीन हो गये, हिन्दी साहित्य की इस अपूरणीय क्षति से शोक संतप्त समस्त देशवासियों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किये।  

कम्पयूटर क्षेत्र में विश्व की अग्रणी कम्पनी माइक्रो साफ्ट देहरादून में देश की पहली हिन्दी सूचना प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला स्थापित करने वाली है। यह प्रयोगशाला ३० दिन में काम शुरू कर देगी।

विश्व स्वास्थ संगठन ने भारत चीन सहित एशिया के कई देशो को आगाह किया है कि यदि एडस फैलने से रोकने के लिये समुचित कदम नही उठाये गये तो  इस पर नियन्त्रण पाना अत्यन्त कठिन हो जायेगा । भारत में करीब ४० लाख एच आइ वी से ग्रस्त है जो १९९४ के मुकाबले दो गुने  हो गये हैं। दक्षिण अफ्रीका के बाद भारत में ही सबसे अधिक लोग इस बीमारी की चपेट में हैं। एडस की रोकथाम के लिये हर साल १००० करोड रूपया खर्च करने के बावजूद व्यापक परिणाम नही प्राप्त होते दिख रहे। स्थिति चिन्ता जनक है अभी ज्यादातर लोग इस महामारी से पूरी तरह परिचित भी नही हुये हैं। महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आन्ध्रप्रदेश और मणिपुर सर्वाधिक प्रभावित राज्य हैं। भारत में यह महामारी अभी प्रारम्भिक दौर में है। केन्द्र और राज्य सरकारों को एडस से मुकाबले के लिये स्पष्ट और व्यापक नीति बनानी होगी।  

— बृजेश कुमार शुक्ल

 
1

1
मुखपृष्ठ पुरालेख तिथि अनुसार । पुरालेख विषयानुसार । अपनी प्रतिक्रिया  लिखें / पढ़े
1
1

© सर्वाधिका सुरक्षित
"अभिव्यक्ति" व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक
सोमवार को परिवर्धित होती है।