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 पर्व परिचय

राजस्थानी नृत्यअप्रैल माह के पर्व

गणगौर (राजस्थान)

अप्रैल में मनाया जाने वाला राजस्थान का यह सबसे लोकप्रिय पर्व १८ दिनों तक चलता है। इन दिनों पार्वती के अवतार गौरी की आराधना की जाती है। इसे पूरे राजस्थान की महिलाएँ और लडकियाँ अत्यंत श्रद्धापूर्वक मनाती हैं। गौरी की मूर्तियों को सजाया जाता है और प्रसाद अर्पित किया जाता है। इस अवसर पर विवाह के योग्य युवक - युवतियों के जीवनसाथी का चयन शुभ माना जाता है। पर्व के अंतिम दिन हर नगर में हाथी घोड़े नर्तक और बाजों गाजों से युक्त जलूस निकाले जाते हैं जो बड़े ही सुन्दर प्रतीत होते हैं।

मेवाड़ उत्सव (उदयपुर, राजस्थान)
बसन्त के आगमन की सूचना देने वाला यह पर्व राजस्थानी नृत्य, गीत, भक्ति संगीत, शोभा यात्राओं और आतिशबाजी के सौंदर्य से परिपूर्ण होता है। इसे गणगौर त्योहार के साथ ही उदयपुर के मनोरम वातावरण में मनाया जाता है। गणगौर की मूर्तियाँ हाथ में ले कर झील की ओर प्रस्थान करती रंगबिरंगे परिधान में सजी महिलाओं का सौदर्य देखते ही बनता है। पिछोला झील में नावों के अत्यंत अपूर्व प्रदर्शन से इस समारोह की अंत होता है।

भांगड़ा नृत्यबैसाखी
भारतीय नववर्ष की सुचना देने वाले इस पर्व को लगभग पूरे भारत में मनाया जाता है। लेकिन बैसाखी नाम से पंजाब में मनाए जाने वाले इस त्योहार की बात ही कुछ और है। यह पर्व सिखों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है। इसी दिन गुरु गोविंद सिंह ने खालसा की स्थापना की थी।

सम्पूर्ण उत्तर भारत में किसान पूजा प्रार्थना तथा हर्षोल्लास के साथ इसे मनाते हैं। एक ओर प्रकृतिक सुषमा से परिपूर्ण खेत और दूसरी उत्सव और भोज के साथ-साथ भांगडा की दमदार ताल का आनंद वातावरण में तैरने लगता है। मिठाइयाँ बाँटी जाती हैं पुराने वैर माफ कर दिए जाते हैं और हर तरफ हर व्यक्ति खुशी में डूबा दिखाई देता है।

विशू (केरल)

केरल में इस दिन मनाए जाने वाले विशु उत्सव में आतिशबाज़ी नए कपड़ों और 'विशुकनी' की खरीदारी प्रमुख होती है। विशुकनी फूल, फल, अनाज, कपड़ा, सोना और रूपयों से बनी एक सजावट होती है। मलयाली लोगों का विश्वास है कि सुबह आँख खुलते ही सबसे पहले इसे देखने से साल भर परिवार में संपन्नता बनी रहती है। दिया, नारियल, सिक्के और पीले फूल भी शुभ वस्तुओं में गिने जाते हैं। कुछलोग प्रात:काल ईश्वर के दर्शन करना पसन्द करते हैं और कुछ शीशे में अपना प्रतिबिंब देखना जो आत्मविश्वास का प्रतीक माना जाता है। घर में काम करने वालों और बच्चों को नकद उपहार देने की परंपरा भी इस त्योहार में है।

रंगाली बिहू (असम)

रंगाली बिहू के नाम से आसाम में इसे सजीव नृत्य संगीत और भोज के साथ धूमधाम से मनाया जाता है। आज के दिन अच्छी फसल और पशुधन की सम्पन्नता के लिए प्रार्थना की जाती है।सामुदायिक उत्सव भोज और नृत्य का आयोजन इस पर्व की विशेषताएं हैं। इस अवसर पर उनका पारंपरिक बिहू नृत्य मन मोह लेता है। ढोल की तेज ताल पर दिल की धड़कनों को बढ़ाने वाले प्रेमगीतों से ओतप्रोत इस मदमस्त नृत्य पर थिरकते युवक युवतियों के झुंड बरबस अपनी ओर आकर्षित करते हैं।

महावीर जयंती

जैन धर्म के प्रवर्तक भगवान महावीर के जन्मदिन के अवसर को जैन संप्रदाय द्वारा पूरे भारत में श्रद्धापूर्वक मनाया जाता है। जैन मंदिरों और तीर्थस्थानों में विशेष प्रार्थनाएँ अर्पित की जाती हैं।

रामनवमी

श्री राम का जन्मदिवस पूरे भारत में अत्यंत भक्ति और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। रामायण का अखण्ड पाठ होता है। व्रत रखे जाते हैं। मन्दिरों में दर्शन किए जाते हैं और मध्याह्ण १२ बजे के बाद भोज का आयोजन होता है। फलाहार किया जाता है तथा गीत संगीत और भजन के कार्यक्रम भी होते हैं।

 
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