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पर्यटन

आधुनिकता के दौर में संस्कृति का महापौर – लंदन

— पर्यटक

                            बकिंघम पैलेस लंदन
यू के में रहते हुए लन्दन भ्रमण न करना आगरा मे रहकर ताजमहल न देखने जैसा होगा, आखिरकार मुझे भी विमान के उतरने के पूर्व धुन्ध मे टिमटिमाती हुयी लन्दन शहर की रौनक दिखायी देने लगी।  बाहर निकलते ही सर्द हवाओं के झोको के साथ लन्दन की झिलमिलाती रंग बिरंगी रोशनियों ने मुझे अपने बाहुपाश मे ले लिया़ ।

जहाँ लन्दन अपनी ऐतिहासिक,...... आधुनिक, धार्मिक महत्व, चहल–पहल और चुहल के कारण विश्व के अद्वितीय शहर के रूप में पहचाना जाता है वहीं यहाँ के बकिंघम पैलेस, विन्डसर पैलेस और केन्सिंगटन पैलेस राजवंश के गौरव को दिग्दर्शित करते है । इस शाही शहर की अपनी एक निजी सुन्दरता है, जो अन्यत्र देखने को नही मिलती।

सुबह नाश्ते के बाद गाइड के साथ प्रसिद्ध जर्मन चिन्तक मार्टिन लूथर द्वारा स्थापित ईसाई सम्प्रदाय (प्रोटेस्टेन्ट) के विश्व प्रसिद्ध गिरजाघर ‘सेन्ट पाल कैथेड्रल’ देखने पहुँचा। इसे 600 ई मे बनाया गया था किन्तु कई बार इसका पुनर्निमाण किया जा चुका है। प्रोटेस्टेन्ट ईसाइयों का यह सबसे बडा केन्द्र माना जाता है। ब्रिटेन के राष्ट्रीय ख्याति के महापुरूषों को यहां समाधिस्थ कर गौरव प्रदान किया जाता है। मुझे कई सम्राटों, मनीषी साहित्यकारों और राजनीतिज्ञो की समाधियां देखने को मिली। इसके ऊपरी गुम्बद से लन्दन का बहुत बडा भाग दृष्टिगोचर होता है। 

  वेस्टमिंस्टर एबे नामक गिरजाघर लन्दन की सबसे पुरानी इमारतो मे एक मानी जाती है। यह ब्रिटेन की  प्राचीन स्थापत्य शैली का उत्कृष्ट नमूना है। सेन्ट पाल गिरजाघर की तरह यहाँ भी राष्ट्र के प्रमुख व्यक्तियों को समधिस्थ कर उनकी स्मृति को गौरवान्वित किया जाता है।  यहाँ हार्डी, लिटन, ठेकरे, विलियम स्टाक जैसे प्रसिद्ध लेखक तथा कवियो मे किपलिंग, ब्राऊनिंग, टैनिसन भी यहीं चिर निद्रा मे सोये हुए है।  जिन कवियो की कृतियों को मैं अभी तक सिर्फ पढता रहा था, उनमें से अनेक की समाधि को एक स्थान पर देखकर आर्श्चय मिश्रित भावों से अभिभूत हो गया।

वेस्टमिंस्टर एबे कोर्ट 

ब्रिटेन में सम्राटो के बाद सर्वाधिक सम्मान लेखको कवियो और सैनिको को दिया जाता रहा है।इसी कारण यहाँ की धरती ने जहाँ शेक्सपियर बर्नाड शा जैसे साहित्यकार दिये वही वलिंगटन और नेल्सन जैसे वीर पुरूषो को जन्म दिया। संसद भवन जो एबे के पास ही है उसके बाहर लगी हुयी घड़ी बिगबेन समय का बोध तो कराती ही है कला और तकनीक का बेहतरीन नमूना भी है।

लन्दन मे अपार जन जीवन की चहल पहल यहाँ की दुकानों, पाताल ट्रेनो बसो और नाइटक्लबो मे देखने को मिलती है। ट्राफल्गर स्क्वायर में कबूतरों के झुन्ड को दाना चुगाते हुए लोगो की भीड़ में मै भी शामिल हो गया। यहीं नेशनल आर्ट गैलरी के अन्दर विश्व के दुर्लभ चित्रो को देखता हुआ बाहर निकला जहाँ सामने ही एडमिरल लार्ड नेलसन की बहुत विशाल प्रतिमा चबूतरे पर खडी है इस वीर पुरूष ने नेपोलियन को पराजय का स्वाद चखाया था।

दोपहर का खाना इन्डिया हाउस मे खाने के बाद टेम्स के किनारे 750 वर्ष पूर्व निर्मित टावर आफ लन्दन गया। इसकी मोटी–मोटी पत्थर की दीवारे और लोहे से जड़े हुए लकड़ी के बड़े बड़े फाटक जैसे अपने बीते इतिहास की गौरव गाथा कह रहे है। यह इमारत अपने अन्दर बहुत सा ऐतिहासिक दर्द एवं अकूत सम्पति को छिपाए हुए है।

शाम हो रही थी मै हरियाली युक्त हाइड व जेम्स पार्क देखने निकल गया इसके बीच मे सरपेन्टाइन झील अद्वितीय लग रही थी। इस विशाल पार्क में काफी समय व्यतीत करने के पश्चात होटल वापस आ गया।

ट्राफल्गर स्क्वायर

ब्रिटेन अपने संग्रहालयों के लिये विश्व प्रसिद्ध है। ब्रिटिश म्यूजियम की गणना विश्व के चार महान संगहालयों में की जाती है। यहाँ का प्रमुख आर्कषण मानव विकास की यात्रा का इतिहास है। प्रागैतिहासिक काल से आज तक मानव किस प्रकार विकास के राहो मे आगे बढा है उसे मूर्तियो और यन्त्रो के माध्यम से दिग्दर्शित किया गया है। प्राकृतिक इतिहास संग्राहालय मे विश्व के दुर्लभ जीव जन्तुओ के बारे में जानने को मिलता है विशेष रूप से डायनासोर के कंकाल। प्रसिद्ध उपन्यासकार चार्ल्स डिकेन्स के आवास में जिसे उनकी स्मृति में संग्रहालय बना दिया गया है इनकी पुस्तकों की मूल पाण्डुलिपियां रखी हुयी हैं। 

मैडम तुसान के संग्रह में विश्व के अनेको प्रसिद्ध व्यक्तियों की आदम कद मोम प्रतिमांए स्वाभाविक एवं सजीव दिखती है। हेरायाड में अब राजकुमारी डायना और डाडी फयाद की स्मृति का प्रतीक बना दिया गया है।फेम के विशाल कक्ष मे प्रसिद्ध फुटबाल खिलाडियो का इतिहास प्रतिब्म्बित होता है।

बंकिघम पैलेस के द्वार पर तैनात सख्त चेहरे वाले शाही प्रहरी मूर्तियो की भांति दिखाई देते है। इनकी पाली बदली का दृश्य ब्रिटेन की प्राचीन राजसी परंपरा को आज भी जीवित रखे हुए है। निश्चित लय और ताल में बद्ध इस अवसर को देखना आश्चर्य जनक होता है जिसे देखने के लिए लोग उस विशेष समय की प्रतीक्षा मे खडे़ रहते है। 

आज प्रचार तन्त्रों ने लन्दन आई एवं मिलेनियम डोम को सम्पूर्ण विश्व में प्रचारित एवं प्रतिष्ठित कर दिया है। लन्दन आई में शीशे की दीवारों वाले 32 कैप्सूलनुमा कमरे बनाए गये हैं जिसमें से प्रत्येक में 25 लोगों के लिये स्थान है। इसकी पारदर्शी दीवारों से लन्दन शहर का विहंगम परिदृश्य देखा जा सकता है लेकिन यदि बारिश शुरू हो गयी तो सारा आनन्द किरकिरा हो जायेगा। पारदर्शी दीवारों वाले 32कमरों का यह चक्र धीरे धीरे घूमता है इस कारण कमरे के अन्दर घूमते हुए कोई असुविधा महसूस नहीं होती।

ग्रीनविच के मिलेनियम डोम आज 21 वी शताब्दी मे भी बडो की अपेक्षा बच्चो को अधिक उल्लासित एवं आकर्षित करते हैं। यहाँ की विशाल भूलभुलैया इतनी बड़ी है कि सभी मण्डलों को देखने के लिए सम्पूर्ण दिन लगाना पडेगा।

अपने लन्दन प्रवास के दौरान मुझे अग्रेजो की सभ्यता और संस्कृति को बहुत नजदीक से देखने और समझने का मौका मिला।आज भी वे आधुनिकता के दौर में अपनी संस्कृति और परम्पराओ को जीवित रखे हुए है।

लंदन टावर

 
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