मुखपृष्ठ

पुरालेख-तिथि-अनुसार -पुरालेख-विषयानुसार -हिंदी-लिंक -हमारे-लेखक -लेखकों से


रसोईघर- मिठाइयाँ

शुचि की रसोई से

शकरपारे


सामग्री--

bullet मैदा १ कप
bullet आटा १ कप
bullet घी ४ बड़े चम्मच, मोयन के लिये
bullet घी तलने के लिये
bullet पानी आधा कप आटा गूथने के लिये
चाशनी बनाने की विधि-
 
bullet

पानी और शक्कर को कड़ाही मे उबालें। पहले उबाल के बाद आँच को धीमा कर दें और चाशनी के गाढ़ा होने तक पकाएँ। इस प्रक्रिया में लगभग ७-८ मिनट लगते हैं। (इस पाग के लिये दो तार की चाशनी उपयुक्त रहेगी।) हरी इलायची के छिलके उतारकर बीज को दरदरा कूट लें और चाशनी में मिला दें। चाशनी तैयार है।

पारे बनाने की विधि-

bullet

एक परात/ कटोरे में आटा, मैदा, और गरम घी लें। घी को मैदे में अच्छे से मिला हथेली में रगड़ें। मिलाने के बाद आप देखेगें की मोयन की वजह से मुट्ठी में भरने पर मैदा का लड्डू जैसा बँध जाता है। यह इस बात कि पहचान है कि मोयन ( घी/ तेल) एकदम ठीक मात्रा में है।

bullet

अब थोड़ा-थोड़ा पानी डालते हुए कड़ा आटा गूँथ लें। गुथे आटे को गीले कपड़े से ढककर १ ५-२० मिनट के लिये ढककर रखें।

bullet

१५-२० मिनट के बाद आप देखेंगें कि आटा काफ़ी चिकना हो जाता है। अब इसको ५ बराबर भागों में बाँट लें। तेल/ घी की मदद से लगभग ६-७ इंच की बड़ी पूरी जैसी बेलें।

bullet

अब इस बिली हुई पूरी को आधे इंच चौड़ी पतली-पतली पत्तियाँ काट लें और फिर बेड़ा करके लगभग डेढ़ इंच के टुकड़े काट लें जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। इसे किसी भी मनचाहे आकार में काटा जा सकता है।

bullet

एक कड़ाही में घी गरम करें और मध्यम से धीमी आँच पर पारे को गुलाबी होने तक तलें, तलकर किचन पेपर पर निकाल लें।

bullet

इन तले पारों को गरम चाशनी डालें और अच्छे से चाशनी लपेटते हुए तुरंत निकाल लें। चाशनी में डूबे पारों को थाली में फैलाएँ और ठंडा होने दें।

टिप्पणी-

bullet

शकरपारों को पहले से बनाकर रख सकते हैं। इनको कभी भी परोसा जा सकता है। ये हवाबंद डब्बे में दो हफ्ते तक ताजे रहते हैं।

bullet

तलने के लिये हमेशा कम से कम घी से कढ़ाई भरें। तला हुआ घी दोबारा कम से कम इस्तेमाल करना पड़े, तो यह स्वास्थ्य की दृष्टि से अच्छा है।

१ दिसंबर २०१४

1

1
मुखपृष्ठ पुरालेख तिथि अनुसार । पुरालेख विषयानुसार । अपनी प्रतिक्रिया  लिखें / पढ़े
1
1

© सर्वाधिका सुरक्षित
"अभिव्यक्ति" व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक
सोमवार को परिवर्धित होती है।