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अन्तर्राष्ट्रीय काव्योत्सव कृत्या २००८

अपनी रचना प्रस्तुत करते हुए डॉ. रति सक्सेना

१४ नवंबर २००८, चंडीगढ़ के पंजाब कला भवन स्थित प्रेक्षागृह में, प्रातः साढ़े नौ बजे काव्योत्सव कृत्या-२००८ का कलात्मक शुभारंभ हुआ। कृत्या, पंजाब कला परिषद, हरियाणा साहित्य अकादमी और भारतीय भाषा संस्थान के संयुक्त प्रयास से तीन दिनों तक चलने वाले इस आयोजन का शुभारंभ मुख्य अतिथि, पंजाब के वित्तमंत्री सरदार मनप्रीत सिंह बादल, पंजाबी के प्रसिद्ध कवि सुरजीत सिंह पातर तथा पंजाब कला परिषद के सचिव राजपाल सिंह ने दीप जलाकर किया।

पहले दोनों दिन भोजन से पहले और भोजन के बाद चलने वाले दो लंबे कविता सत्रों में के अतिरिक्त शाम को अन्य कलात्मक तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। पहले दिन कवियों ने सूफ़ी संगीत और चित्रकला प्रदर्शनी का आनंद उठाया तथा दूसरे दिन नॉर्वे फिल्म सोसायटी की ओर से तीन कविता फ़िल्में प्रस्तुत की गईं।

विदेशी कवियों में विदेशी प्रतिनिधियों में प्रमुख हैं- नोर्वे की  ओदविग क्लीव, कैरी क्लीव गुलब्रैंडसन, और बियौर्न गुलब्रैंडसन, इटली की‍ - एलिसा बियागिनी, मैक्सिको से आर्सेली मन्सिला ज्यास और रिको गोन्ज़ालेस, इस्टोनिया से -मारगुस लटिक और ट्रिन सूमेट्स, इसराइल से नईम अरीदी, अमेरिका से -डायर्ड्रे ओ-कोन्नूर, इंगलैण्ड से पीटर वॉग जॉन और एनिम एडो, आइरलैंड से जॉन सिद्दीक़, आस्ट्रिया से ईवलिन हॉलोवे, लेबनान से - हनाने आद और उजबेकिस्तान से उक्तमख़ोन ख़ोलदोरोवा प्रमुख रहीं। भारत के जाने माने कवियों में से रमाकान्त रथ (उड़िया), नन्द किशोर आचार्य (हिंदी),  के.सचिदानन्दन (मलयालम),  केकि दारुवाला( अंग्रेजी), उदय नारायण सिंह, (मैथिली), कुंवर नारायण जी (हिन्दी), सुरजीत पातर (पंजाबी), चन्द्र प्रकाश देवल (राजस्थानी), दिलीप झावेरी, (गुजराती), ममंग दई (अरुणाचल प्रदेश), रोनिन एस गंगोम (मणिपुरी), शंभु बादल (हिंदी) एस एस नूर (पंजाबी), श्री किक्केरि नारायण तथा प्रवासियों में पूर्णिमा वर्मन (हिंदी- दुबई) तथा अजमेर रोड़े (पंजाबी- कनाडा) प्रमुख रहे। इसके अतिरिक्त अनेक पंजाबी और हिन्दी कवियों ने अपनी रचनाओं का पाठ किया। विदेशी तथा वरिष्ठ भारतीय कवियों के पंजाबी अनुवाद तत्काल पढ़े गए। तीसरे दिन धन्यवाद ज्ञापन के बाद दोपहर का भोजन हुआ और सब नगर की सैर को निकल पड़े।

संपूर्ण कार्यक्रम में पंजाब कला भवन का आतिथ्य प्रशंसनीय रहा और वर्मिलियन टच का रचनात्मक सहयोग आकर्षक। इन सबके संयोजन के लिए कृत्या की संपादक रति सक्सेना बधाई की पात्र हैं।

सूफ़ी संगीत की प्रस्तुति

२४ नवंबर २००८

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