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साहित्य समाचार

हिन्दी ज्ञान प्रतियोगिता में हिन्दी के सैंकड़ों विद्यार्थियों ने ब्रिटेन में भाग लिया

हिन्दी परामर्श मंडल यू•के• के तत्ववधान में भारतीय उच्चायोग के सहयोग से यू•के• हिन्दी समिति ने इस वर्ष भी राष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन किया। लगभग एक महीने तक चली इस प्रतियोगिता में पांच सौ से अधिक हिन्दी के विद्यार्थियों ने भाग लिया।  इस आयोजन के दो वर्ग थे।  एक में उनकी लिखित परीक्षा हुई तथा दूसरे में उनकी हिन्दी भाषण क्षमता को परखा गया।  भाषण प्रतियोगिता एवं पुरस्कार समारोह 15 दिसम्बर 2002 को लंदन में आयोजित हुआ।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारतीय उच्चायोग के कॉन्सिलर प्रेस एण्ड इन्फोर्मेशन, श्री नवदीप सूरी ने आयोजकों को बधाई देते हुए कहा कि ब्रिटेन में हिन्दी शिक्षण के सहयोग के लिये भारतीय उच्चायोग के द्वार हमेशा खुले हैं।

प्रतियोगिता से प्रभावित होकर भारत के वरिष्ठ साहित्यकार श्री अजित कुमार जी ने कीर्ति चौधरी एवं उनके परिवार की ओर से स्व• श्री ओंकार श्रीवास्तव की स्मृति में 13 से 19 वर्ष के विद्यार्थियों की ब्रिटेन में कहानी प्रतियोगिता के लिए 150 पाउण्ड के पुरस्कार की घोषणा की।  उन्होंने ब्रिटेन के छोटे छोटे बच्चों के हिन्दी में बोलने के तरीके को अत्यंत रोचक एवं आकर्षक बताया।

भारतीय उच्चायोग के हिन्दी एवं संस्कृति अधिकारी श्री अनिल शर्मा ने कहा कि एक बड़ी संख्या के विद्यार्थियों के लिये पाठ्यक्रम़ एवं परीक्षा के आयोजन हेतु एक बड़े सचिवालय की आवश्यकता थी, इस कार्य को पूरा करने के लिये यू•के• हिन्दी समिति के अध्यक्ष डॉ•पद्मेश गुप्त बधाई के पात्र हैं।  उन्होंने मिड्लैण्ड्स में हिन्दी ज्ञान प्रतियोगिता का संयोजन करने के लिए कृति यू•के• की एवं अनुराधा शर्मा की विशेष रूप से सराहना की।   प्रतियोगियों में बढ़ती संख्या और उत्साह को देखते हुए उन्होंने आशा व्यक्त की कि अगले वर्ष संख्या हजारों में हो जायेगी।

खचाखच भरे हॉल में सम्पन्न हुए इस कार्यक्रम के संचालक यू•के• हिन्दी समिति के अध्यक्ष डॉ• पद्मेश गुप्त ने कृति यू•के• के भारतीय उच्चायोग एवं अन्य सहयोगी संस्थाओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस आयोजन का मुख्य श्रेय उन हिन्दी शिक्षण संस्थाओं एवं शिक्षकों को जाता है जो पूरे समर्पण भाव से मिशनरीज के रूप में इस देश की नई पीढ़ी को हिन्दी से जोड़ रही हैं।  उन्होंने हिन्दी के समस्त विद्यार्थियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि अंग्रेजों के देश में हिन्दी का सुनहरा भविष्य है और वह दिन दूर नहीं जब यहां के विद्यार्थी भारत के हिन्दी विद्यार्थियों से भी आगे निकल जायेंगे।  पुरस्कार समारोह की अध्यक्षता करते हुए अंत में श्री राजेन्द्र चोपड़ा ने आयोजकों को बधाई दी तथा आभार व्यक्त किया।

हिन्दी ज्ञान प्रतियोगिता 2002 में ब्रिटेन में लंदन, मैनचेस्टर, मिडलैण्ड्स, आयरलैण्ड, लीड्स, नॉटिंघम एवं हर्टफर्डशायर के करीब 35 हिन्दी शिक्षण केन्द्रों के विद्यार्थियों ने भाग लिया जिनमें प्रमुख नाम है कला निकेतन हिन्दी स्कूल नॉटिंघम, गीता भवन बर्मिंघम एवे लैस्टर, भारतीय विद्या भवन लंदन एवं मैनचेस्टर, विश्व हिन्दू मंदिर साउथहाल, आर्य समाज ईलिंग, हिन्दू मंदिर स्लाहो, बाल भारतीय केन्द्र, भारतीय ज्ञानदीप, सेवन ओक्स स्कूल, लीड्स यूनिवर्सिटी, एलमवेल स्कूल, शायरलैण्ड लैन्गुएज कॉलेज बर्मिंघम, रूडेन्ड स्कूल एवं इंडियन कम्युनिटी सेन्टर बेलफास्ट।  प्रवेश वर्ग में आकांक्षा अग्रवाल, टिया वार्ड, ईशानी फाके, राहुल सिद्धू, नीलराय शर्मा, मीतल वोरा, निहारिका वर्मा, रूचिका कुमारी, सलीना शर्मा, पूजा वाधवा, रीना गुप्ता, प्रियंका खरबंदा, मोहित खलवानी, सपना खत्री, प्रिया खत्री, अक्षय डेट, ऋषिराघव कालरा एवं शिवानी फाके को पुरस्कृत किया गया।

परिचय वर्ग से शिवानी गुप्ता, ओजल किरण ग्रोवर, बनीष चोपड़ा, अंशु वाधवा, अनील नाथ, बॉबी थानवी, अमित भारद्वाज, हरिहरन रामशंकर, निशा संगीता बेरी, प्रिया अग्रवाल, अभिषेक बेनर्जी शुक्ला एवं पूनम शांतिलाल को पुरस्कार मिला।

प्रबोध वर्ग से ब्रिटेन में पढ़ रहे भारत के विद्यार्थियों में रूचि जैन, मिडलेंड्स की रोहिणी गूगना, उत्तर ब्रिटेन से करिश्मा सेठी और लन्दन से नीरज पॉल को सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी का पुरस्कार मिला।  ब्रिटेन में भारत सरकार के कार्मिकों के बच्चों में प्रवेश वर्ग से नेहा वर्मा, परिचय वर्ग से नचिकेत गोस्वामी, दीपाली मौर्य, प्रज्ञा शर्मा, उत्तरा पुरकायस्थ, संदीप सिंह एवं श्रीकांत महापात्र तथा प्रबोध वर्ग से गरिमा गोस्वामी, कृति शर्मा एवं निखिल जरूहार को पुरस्कार मिला तथा भाषण प्रतियोगिता में निखिल जारूहर को प्रथम, कृति शर्मा को द्वितीय एवं संकल्प जोशी शर्मा को तृतीय पुरस्कार मिला।

भाषण प्रतियोगिता में चोदह वर्ष से कम आयु के विद्यार्थियों में कार्तिक सुब्बराय को प्रथम, पूजा बब्बर को द्वितीय, सोनिया कालिया को तृतीय, शिवानी गुप्ता को एवं निष्मा शर्मा को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया।

चोदह वर्ष से अधिक आयु वर्ग में आशा वालिया को प्रथम, अनुज अग्रवाल को द्वितीय, नीरज पॉल को तृतीय तथा रोहिणी गूगना एवं रूपल स्वामी को सांत्वना पुरस्कार दिया गया।

हिन्दी ज्ञान प्रतियोगिता 2002 में भाग लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर नॉटिंघम कला निकेतन स्कूल को प्रथम, गीता भवन लेस्टर को द्वितीय एवं विश्व हिन्दू मंदिर को तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

इन प्रतियोगिता में भाग लेने वाले 6–7 प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को भारत यात्रा पर ले जाया जायेगा।  इस यात्रा का व्यय श्री सुखदेव बसरा, उषा राजे, श्री बृजमोहन गुप्त, धर्मेन्द्र त्रिपाठी, अशोक शर्मा, पॉल निश्चल एवं कृति यूके के सौजन्य से प्राप्त होगा।

पुरस्कार समारोह हिन्दू कल्चरल सोसायटी फिन्चले के सौजन्य से सोसायटी के परिसर में श्री राजेन्द्र चोपड़ा जी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ।

भाषण प्रतियोगिता के पुरस्कार स्व• श्रीमती सावित्री श्रीवास्तव की स्मृति में उनके पुत्र डॉ• राजेन्द्र श्रीवास्तव, लेखन प्रतियोगिता के पुरस्कार श्री सुदर्शन भाटिया एवं श्री सुरेश जोशी के सौजन्य से प्रायोजित किये गये। प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल के सदस्य थे श्री कैलाश बुधवार, नरेश भारतीय, विजय राणा, गौतम सचदेव, उषा मिधा, तेजेन्द्र शर्मा, राम भट्ट एवं कृष्ण अरोड़ा। भाषण प्रतियोगिता का संचालन किया श्री वेद मित्र मोहला एवं तितिक्षा शाह ने। पुरस्कारों का वितरण भारतीय उच्चायोग के श्री नवदीप सूरी के करकमलों द्वारा किया गया।

कार्यक्रम को भारत के वरिष्ठ साहित्यकार श्री अजीत कुमार, सुविख्यात कवि श्री सत्यनारायण मौर्य, हिन्दी परामर्श मंडल यू•के• के अध्यक्ष डॉ• सत्येन्द्र श्रीवास्तव, श्री नरेश चांडला, कृति यू•के• के अध्यक्ष श्री नरेन्द्र अग्रवाल, श्रीमती शैल अग्रवाल तथा अनेक गणमान्य लोगों ने अपनी उपस्थिति से गरिमा प्रदान की।

कार्यक्रम को सफल बनाने में यू•के• हिन्दी समिति की उपाध्यक्ष श्रीमती दिव्या माथुर, मीनू कटयार, डॉ• के•के• श्रीवास्तव, डॉ•अंजनी कुमार एवं कमल रॉनियार जैसे लोगों की अहम भूमिका रही।

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