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स्वाद और स्वास्थ्य


सर्दियों में स्वास्थ्यवर्धक फूलगोभी
-डॉ अशोक उदयवाल


क्या आप जानते हैं?

  • गोभी में गंधक एवं क्लोरीन घटकों की मात्रा अधिक होती है, जिसके कारण यह शरीर की गंदगी साफ करने का काम करती है।
  • फूलगोभी में "सलफोराफीन" रसायन पाया जाता है जो सेहत के लिए, ख़ासकर दिल के लिए काफ़ी फ़ायदेमंद होता है।

शीत ऋतु की सब्जी गोभी और पत्ता गोभी मुख्य हैं। पूरे विश्व में सामान्यतः शीत ऋतु में मुख्य रूप से गोभी खाई जाती है, जो अनेक गुणों से भरपूर है। भारत में सब्जी, पराठा, भरवाँ, दुलमा, अचार आदि अनेक व्यंजनों में गोभी का प्रयोग किया जाता है।

रासायनिक तत्व-

गोभी का वानस्पतिक नाम ’ब्रेसिका ओलीरोसिया वेराइटी बॉट्राइटिस‘ के रूप में जाना जाता है। गोभी की फसल ठण्डे एवं नमी - युक्त वातावरण में अच्छी होती है। १०० ग्राम फूल गोभी में निम्न तत्व पाये जाते हैं। जल - ९०.८ ग्राम, प्रोटीन - २.६, वसा - ०.४ ग्राम, रेशा - १.२ ग्राम, कार्बोहाइड्रेट - ४.० ग्राम, कैल्सियम - ३३ मि. ग्रा., थायेमिन - ०.०४ मि. ग्रा., राइबोफ्लेबिन - ०.१० मि. ग्रा., नियासिन - १६ मि. ग्रा., विटामिन सी - ५६ मि. ग्रा., ऊर्जा - ३० कि, कैलोरी।

रोचक तथ्य-

गोभी का जन्म एशिया में भूमध्य सागर के आस पास के स्थानों पर हुआ। पंद्रहवी शताब्दी में यह यूरोप में पहचाना जाने लगा। लेकिन १९वीं शती तक संयुक्त राज्य अमेरिका के लोगों को इसके विषय में जानकारी नहीं थी। फूल गोभी आकार में ८ से ३० इंच तक लंबा और चौड़ा हो सकता है। फूल गोभी की पत्तियाँ उसके डंठल को चारों ओर से संभाले रखती हैं जिससे वह अपने श्वेत मस्तक शान से सीधा रखते हुए खड़ा रह सके। गोभी विश्व की सबसे लोकप्रिय सब्जियों में से है। इसे उगाने वाले देशों में चीन का नाम सबसे ऊपर है। गोभी स्वास्थ्य के लिये आठ प्रकार से सहयोग करता है- वह कैसर से लड़ता है, हृदय को स्वस्थ रखता है, सूजन दूर करता है, विटामिन और खनिज की आपूर्ति करता है, दिमाग के स्वास्थ्य की देखभाल करता है, शरीर की अशुद्धियों को दूर करता है, पाचन शक्ति को सुधारता है और आक्सीकरण से हमें बचाता है।

गोभी एक रंग अनेक-

गोभी सफेद के अतिरिक्त नारंगी और बैंगनी रंग का भी होता है। नारंगी रंग का फूल गोभी सबसे स्वादिष्ट माना गया है। बहुत से लोगों को जिन्हें बंदगोभी पसंद नहीं है, नारंगी बंदगोभी का हल्का मीठा स्वाद खूब पसंद आता है। नारंगी बंद गोभी सफेद की अपेक्षा नर्म होता है इसलिये इसे कच्चा खाना भी आसान है। टैनिन तत्वों से भरपूर बैंगनी फूल गोभी कच्चा खाया जा सकता है या फिर इसको कढ़ाई में हल्का सा पकाकर स्वादिष्ट हो जाता है। बैंगनी बंदगोभी को भाव में हल्का पका लेने पर यह पल भर में नर्म हो जाता है। ज्यादा पकाने पर इसका रंग बदलकर हरा हो जाता है। यह स्वास्थ्य के लिये हानिकर तो नहीं है लेकिन उसका सुंदर रूप बिगड़ जाता है।

कच्चे गोभी का प्रयोग-

गोभी को पकाकर तथा कच्चा सलाद के रूप में खाया जाता है। परंतु श्रेष्ठ फायदे के लिए इसे कच्ची ही खाना अच्छा रहता है। गोभी को ज्यादा पकाने से इसके महत्त्वपूर्ण पोषक तत्व एवं विटामिन नष्ट हो जाते हैं। गोभी में कुछ ऐसे तत्व एवं घटक हैं, जो मानव में रोग प्रतिकार शक्ति को बढ़ाते हैं एवं समय से पहले आने वाली वृद्धावस्था को रोकते हैं। गोभी में ’’ टारट्रोनिक ‘‘ नामक एसिड होता है, जो चरबी, शर्करा एवं अन्य पदार्थों को इकट्ठा होने से रोकता है, जिससे शरीर का आकार बना रहता है। छोटे छोटो टुकड़ों में काटकर गोभी खूब चबा चबाकर खानी चाहिये।

फूलगोभी में "सलफोराफीन" रसायन पाया जाता है जो सेहत के लिए, ख़ासकर दिल के लिए काफ़ी फ़ायदेमंद होता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस रसायन की मदद से दिल को काफ़ी समय तक स्वस्थ्य रखा जाता है। कब्ज़ में रात को गोभी का रस पीने से लाभ होता है। गोभी में क्षारीय तत्त्व होते हैं। जिससे क्षय रोगी को भी लाभ होता है। गोभी खाते रहने से चर्म रोग, गैस, नाख़ून और बालों के रोग नष्ट होते हैं।

कच्ची गोभी, पकी गोभी से ज्यादा सुपाच्य होती है। गोभी स्नायु मजबूत करती है एवं साथ ही साथ शरीर की गंदगी को भी साफ करती है। गोभी में गंधक एवं क्लोरीन घटकों की मात्रा अधिक होती है, जिसके कारण यह शरीर की गंदगी साफ करने का काम करती है। गंधक एवं क्लोरीन आंतों के मार्ग साफ करने में उपयोगी हैं, परंतु यह तब ही संभव है जब गोभी या इसके रस को कच्चा लिया जाए।

स्वास्थ्य के क्षेत्र में-

स्टेटफोर्ड यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसन के प्रो. गार्नेट ने गोभी के गुणधर्मों को खोजा। उनके अनुसार गोभी का रस पेट एवं अल्सर रोग के लिए फायदेमंद है। पेट अल्सर का रोगी सामान्य भोजन के बाद दिन में तीन बार तीन से छह औसतन जितना गोभी का रस पिएं या चार से पांच बार कच्ची गोभी खाएं तो पेट एवं अल्सर के रोग में फायदा हो सकता है।

सूजन, दाह, जख्म आदि दूर करने में भी गोभी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। चोट या जले जख्म पर गोभी के पत्तों को गरम पानी में धोकर उसके बाद उन्हें कपड़े में सुखाकर चोट पर लगाने से फायदा होता है। गोभी में विटामिन ’सी‘ होता है, जो रक्त वाहिनियों को मजबूत करता है। गोभी वृद्ध लोगों के लिए भी फायदेमंद है।

गोभी का रस पीते रहने से आँखों की कमजोरी और पीलिया में लाभ होता है। इसके अत्यधिक प्रयोग से वायु बन सकती है। इससे बचने के लिये इसे बराबर मात्रा में गाजर के साथ खाना चाहिये।

 

१० दिसंबर २०१२

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