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हास परिहास
(पाठकों द्वारा भेजे गए चुटकुलों पर आधारित)

एक विदेशी पढ़ा-लिखा और रहा कुत्ता भारत आ गया...
देशी कुत्तों ने पूछा - 'भाई, वहाँ कोई कमी है जो आप यहाँ आ गये ?'
उसने कहा - 'वहाँ का रहन सहन, वातावरण, खान-पान, जीवन स्तर सब कुछ यहाँ से ज्यादा अच्छा है।... लेकिन भौंकने की जैसी खुली आजादी भारत में है ऐसी आजादी संसार में कहीँ नही है।'

- सौरभ पांडेय
१५ दिसंबर २०१६
एक बार एक बार कुछ मित्र ताजमहल देखने दिल्ली से आगरा पहुँचे। उन्हें ताजमहल बहुत पसंद आ गया, इसलिये यह निर्णय लिया गया की ताजमहल को धकेलकर आगरा से दिल्ली ले जाएँगे। सब मिलकर ताजमहल को धक्का लगाने लगे। कुछ देर बाद जब उन्हें थकान कारण पसीना आने लगा, तो सबने अपनी अपनी कमीज उतारकर पीछे रख दी और धक्का देना जारी रखा। एक चोर यह सब देख रहा था और सबके व्यस्त होते ही वह सारी कमीजें समेटकर चलता बना। जब दिन बीता और अँधेरा होने लगा तब उनमें से एक को कमीज़ों की याद आई। लेकिन कमीजें खो जाने के दुख की बजाए वह खुशी से उछलते हुए चिल्लाने लगा- अरे देखो दोस्तों हम ताज को कितना दूर ले आए, यहाँ से तो हमारे कपड़े भी नहीं दिख रहे हैं।
१ दिसंबर २०१६
एक चीता सिगरेट का कश लगाने ही वाला था कि अचानक चूहा वहाँ आया और बोला, "भाई छोड़ दो नशा, जिंदगी बहुत कीमती है,
आओ मेरे साथ, देखो जंगल कितना खूबसूरत है।
चीता चूहे के साथ चल दिया।
आगे हाथी कोकीन ले रहा था, चूहा फिर बोला, "भाई छोड़ दो नशा,
जिंदगी बहुत कीमती है, आओ मेरे साथ, देखो जंगल कितना खूबसूरत है। हाथी भी साथ चल दिया।
आगे बंदर हुक्का पी रहा था, चूहा फिर बोला, "भाई छोड़ दो नशा,
जिंदगी बहुत कीमती है, आओ मेरे साथ, देखो जंगल कितना खूबसूरत है। बंदर भी साथ चल दिया।
आगे शेर मदिरा पीने की तैयारी कर रहा था, चूहे ने उसे भी वही कहा। शेर ने गिलास एक ओर रखा और चूहे को पाँच-छह थप्पड़ मारे।
हाथी बोला- अरे क्यों मार रहे हो इस बेचारे को?
शेर बोला, "ये साला रोज़ भांग पीके ऐसे ही सबको पूरी रात जंगल घुमाता है

- राजेन्द्र प्रसाद
१५ नवंबर २०१६
एक फिल्मी चुटकुला
अमिताभ बच्चन-  मेरे पास राकेट है,
               शुर्ली है,
               मुर्गा बम है,
               अनार है।
               तुम्हारे पास क्या है?
शशि कपूर-  मेरे पास माचिस है।
१ नवंबर २०१६
जब रामसेतु बनने की खबर लंका पहुँची तो लंकावासियों ने विद्राह कर दिया। सेनापति ने रावण से कहा- इस युद्ध में जनता आपका साथ नहीं देगी। जिस राम के नाम के पत्थर तैर रहे हैं उस राम में कितनी ताकत होगीं, यह सोचकर जनता भयभीत हैं। जनता का विश्वास जीतने के लिए आपको भी अपने नाम का पत्थर तिराना होगा।

यह सुन रावण अन्दर से हिल गया। उसने कुछ क्षण सोचा और पत्थर तिराने की घोषणा कर डाली। सब लंकावासी समुद्र तट पर पहुँच गए। रावण ने बड़ा भारी पत्थर उठाकर रावण लिखा और समुद में फेंक दिया और यह देखकर सबको आश्चर्य हुआ कि पत्थर डूबने की बजाय तिर गया। सभी रावण की जयजयकार करने लगे।

रात को मंदोदरी ने पूछा- राम में तो शील, सत्य और धर्म की शक्ति है।, पर आपने ऐसा कमाल कैसे कर दिया ? रावण ने कहा- प्रियतमे, तुमसे क्या छिपाना। मैने पत्थर से कहा था- ‘‘हे पत्थर ! तुझे राम की सौगंध अगर डूब गए तो।

१५ अक्तूबर २०१६

एक बार मास्टर जी ने मुन्ना भाई से पूछा,
" गांधी जयंती के बारे में क्या जानते हो?
मुन्ना भाई बोले, " गांधी जी बहुत जबरदस्त आदमी था बाप लेकिन ये जयंती कौन है अपुन को नहीं मालूम।"

१ अक्तूबर २०१६

एक बार की बात है भारत में एक गाइड किसी विदेशी पर्यटक को दिल्ली घुमा रहा था।
गाइड ने कहा, "यह हमारा संसद भवन है।"
विदेशी पर्यटक ने कहा, बस....? इतना बड़ा तो हमारे यहाँ पीत्ज़ा होता है।"
गाइड चुप रहा और उसे आगे ले गया। फिर बोला, "यह है हमारा लाल किला।
विदेशी पर्यटक बोला, बस....? इतना तो हमारे यहाँ बर्गर होता है।"
गाइड को गुस्सा तो बहुत आ रहा था मगर वह चुप रहा।
गाइड उसे आगे कुतुब मीनार दिखाने पहुँचा।
विदेशी पर्यटक ने पूछा, "ये क्या है?"
गाइड बोला, "ये तुम्हारे पीत्ज़ा और बर्गर पर टोमेटो सॉस डालने की बोतल है।"                              

१५ सितंबर २०१६

विवाह के लिये बात करने आए हुए लड़के के माता-पिता ने अपने होने वाले समधी से कहा- दहेज का चलन तो आज भी है, हमारा बेटा डाक्टर है। शादी के पहले जरा इस बात पर विचार कर लीजियेगा।
- अजी विचार तो आप करें हमारी बेटी पुलिस में है। लड़की वालों ने शांत भाव से कहा।

- प्रदीप शर्मा

१ सितंबर २०१६

एक बार एक अफ़ीमची बारिश में कहीं जा रहा था।
अचानक वह फिसलकर कीचड़ में जा गिरा। तभी जोर से बिजली कड़की तो वह बोला, "वाह! ऊपरवाले, पहले तो गिराते हो फिर फोटो भी खींचते हो?"

१५ अगस्त २०१६

आजकल घर बैठे मोबाईल सें बुक कराके कुछ भी मँगा लो...। मैंने होटल में फ़ोन लगाया...घंटी जाने के बाद आवाज आई
- मोतीस्वीट्स में आपका स्वागत है। कहिए क्या चाहिये।
- मीठा चाहिये।
- लड्डू के लिये एक दबाएँ, रसगुल्ले के लिए दो दबाएँ, गुलाबजामुन के लिये तीन दबाएँ।
- मैंने एक दबाया- लड्डू चाहिये।
- आवाज आई- बूँदी के लिये एक दबाएँ, मगज के लिये दो दबाएँ, सोंठ के लिये तीन दबाएँ।
- मैने एक दबाया... बूँदी चाहिये।
- आवाज आई- एक पाव के लिये एक दबाएँ, एक किलो के लिये दो दबाएँ, एक क्विंटल के लिए तीन दबाएँ।
गलती से तीसरा बटन दब गया। डर के मारे फोन काट दिया पर अगले ही पल उधर से फोन आया - आपसे एक क्विंटल लड्डू का आर्डर मिला है कृपया पता बताएँ।
मैं बोला - मैंने तो फोन ही नहीं किया है।
- आपके भाई ने किया होगा इसी नंबर से था... अपने भाई को फ़ोन दीजिये।
मैं बोला- हम लोग छः भाई है, बड़े से बात के लिये एक दबाएँ, उससे छोटे के लिये दो दबाएँ, उससे छोटे के लिए तीन दबाएँ, उससे छोटे के लिए चार....
उसने फ़ोन काट दिया।

अगस्त २०१६

"अरी, मोटर ड्राइविंग के तुम्हारे टेस्ट का क्या हुआ? क्या तुम्हें लाइसेंस मिल गया?
एक पड़ोसिन ने दूसरी पड़ोसिन से पूछा।
"अभी कहाँ, अभी तो मेरा इंस्ट्रक्टर ही अस्पताल में है।"
दूसरी ने अत्यंत भोलेपन से उत्तर दिया।

१५ जुलाई २०१६

डॉक्टर- अवसाद (डिप्रेशन) की मरीज से- क्या तकलीफ़ है..?
महिला मरीज़- सर, दिमाग में बहुत उल्टे पुलटे विचार आते हैं, रुकते ही नहीं...
डॉक्टर- कैसे विचार आते हैं ..?
महिला मरीज़- जैसे अब मैं यहाँ आई हूँ तो आपके क्लीनिक में एक भी मरीज़ नहीं था.. तो मैं सोचने लगी कि डॉक्टर साहब के पास कोई भी मरीज़ नहीं है, इनकी कमाई कैसे होगी, घर कैसे चलेगा, इतना पैसा डाला पढ़ाई में, अब क्या करेंगे.. हॉस्पिटल बनाने में भी बहुत पैसा लगाया होगा, अब लोन कैसे चुकाएँगे ? कहीं किसानों की तरह लटक तो नहीं जाएँगे एक दिन...!! ऐसे कुछ भी विचार आते रहते हैं...
अब डॉक्टर अवसाद में है।

- पूर्णिमा दुबे

१५ जुलाई २०१६

एक बहुत मुश्किल मरीज़ डॉक्टर के पास पहुँचकर बोला- "डॉ. साहब मैं पुराने डाक्टर को छोड़कर आपके पास इलाज के लिए आया हूँ।"
"क्यों भई, क्या पहले डॉक्टर के इलाज से फ़ायदा नहीं हुआ?"
"फ़ायदा हुआ या नहीं, वह तो दूर की बात है डाक्टर साहब, उसने मुझे झिड़कते हुए कहा कि तुम्हारा इलाज तो कोई गधा ही कर सकता है।" मरीज़ ने उत्तर दिया।

जुलाई २०१६

एक बार एक आदमी बस मे चढ़ा
कंडक्टर- टिकट
आदमी- २ दे दो सोनीपत की
कंडक्टर- दूसरी सवारी कहाँ हैं
आदमी- कहीं नहीं
कंडक्टर- तो दो टिकट कयों?
आदमी- भाई एक खो गयी तो दूसरी काम तो आयेगी
कंडक्टर- छेड़ते हुए भाई दूसरी भी खो गयी तो ?
आदमी- तो एक टिकट मैंने बस अड्डे पर भी तो ली थी
कंडक्टर- फिर से छेड़ते हुए- भाई वो भी खो गयी तो ?
आदमी- जेब से पास निकालते हुए- तेरे फूफा नै पास बनवा रखा हैं ये किस दिन काम आयेगा
कंडक्टर- यार अजीब पागल इंसान है, फ़िर भी चल थोड़े और मजे लेता हूँ इसके, अच्छा भाई साहब मान लो पास भी खो जाये तो ?
आदमी- तो क्या ? मैं हरयाणा रोडवेज़ का कर्मचारी हूँ हमारी टिकट ही नहीं लगती

१५ जून २०१६

एक मित्र दूसरे मित्र से-
'मेरे लिये ११ का अंक हमेशा ही शुभ रहा है।
११वें महीने की ११ तारीख को ११ बजे हमारी शादी हुई।
जो मकान रहने को मिला उसका नंबर भी ११ है।
फिर एक दिन मुझे किसी ने बताया कि आज बड़ी रेस होने वाली है। अचानक समय पर निगाह पड़ी तो ११ बजकर ११ मिनिट और ११ सेकण्ड !
मैंने सोचा कि मेरे लिये ११ के नम्बर में जरूर चमत्कार छिपे हुये हैं, मैं गया और ११वें नम्बर की रेस के लिये ११ वें घोड़े पर ११ हजार रूपये लगा दिये।'
दूसरा मित्र : 'और घोड़ा जीत गया?'
पहला मित्र : 'यही तो रोना है! कम्बख्त ११वें नम्बर पर आया!'

जून २०१६

एक यात्री ट्रेन से यात्रा कर रहा था, तभी टिकट चेकर ने आकर कहा- ''टिकट दिखाओ।''
यात्री- ''नहीं है।''
टिकट चेकर- ''कहाँ जाना है?''
यात्री- ''वही जहाँ राम पैदा हुए थे।''
टिकट चेकर- ''अब चलो मेरे साथ।''
यात्री- ''कहाँ?''
टिकट चेकर- ''जहाँ श्रीकृष्ण पैदा हुए थे।''

१५ मई २०१६

एक कवि ने ढेर सारी कविताएँ लिखीं और एक प्रसिद्ध पत्रिका के संपादक को निम्नलिखित टिप्पणी के साथ भेजीं- महोदय मैंने ये कविताएँ मात्र भावनाओं के आवेश में आकर लिखी हैं। मैं यह नहीं जानता कि ये कविताएँ किस धारा के अंतर्गत आती हैं, कृपया बताएँ।
उत्तर मिला- आपकी कविताएँ ध्यान से पढ़ने के बाद मैं इस निष्कर्ष पर पहुँचा हूँ कि ये कविताएँ केवल गंगा की धारा के ही उपयुक्त हैं, इसलिये आप कृपया इन्हें वहीं डाल दें।

मई २०१६

"भाग्यवान...! य-यह जो तुमने सब्जी बनाई है, इसे क्या कहते हैं जी?"
पत्नी- "क्यों किसलिये पूछ रहे हो ?"
पति- " अरे भाई मुझसे भी तो स्वर्ग में पूछा जायेगा....
क्या खा के मरे थे!"

१५ अप्रैल २०१६

एक जाट ने सार्वजनिक स्थान पर भैंस बाधने के लिये खूँटा गाड़ रखा था। अन्य चौधरियों ने खूँटा उखाड़ने का अनुरोध किया किन्तु जाट ने बात नहीं मानी। अन्त में पंचायत बुलाई गयी।
पंचों ने जाट से कहा - तूने खूँटा गलत जगह गाड़ रखा है।
जाट- मानता हूँ भाई।
पंच- खूँटा यहाँ नहीं गाड़ना चाहिए था।
जाट- माना भाई।
पंच- खूँटे से टकरा कर बच्चों को चोट लग सकती है।
जाट- मानता हूँ।
पंच- भैंस सार्वजनिक स्थान पर गोबर करती है, गन्दगी फैलती है।
जाट- मानता हूँ।
पंच- भैंस बच्चों को सींग-पूँछ भी मार देती है।
जाट- मानता हूँ, मैंने तुम्हारी सभी बातें मानी। अब पंच लोगों मेरी एक ही बात मान लो।
पंच- बताओ अपनी बात!!!
जाट- खूँटा यहीं गड़ेगा ।

१ अप्रैल २०१६

एक मित्र ने दूसरे से पूछा- किस प्रकार के लोग सबसे अच्छे नागरिक होते हैं?
दूसरे मित्र ने कहा- बनिये
वह कैसे? पहले मित्र ने पूछा।
देखते नहीं हर जगह लिखा होता है- देश के अच्छे नागरिक बनिये, देशभक्त बनिये, समझदार बनिये, ईमानदार बनिये, व्यवहारिक बनिये, शाकाहारी बनिये, सात्विक बनिये, धार्मिक बनिये....

१५ मार्च २०१६

दिल्ली से एक आदमी दो साल बाद अपना खाली प्लॉट देखने रोहतक आया।
उस स्थान पर एक कोठी बनी हुई थी और वहाँ एक ताऊ कुर्सी पर बैठे थे।
आदमी- यहाँ तो मेरा प्लॉट था?
ताऊ- हाँ तो... कोठी के नीचे आ गया होगा... लिकाड़ ले भई

१ मार्च २०१६

एक दिन सरदार जी टैक्सीवाले से एक जापानी व्यक्ति ने एअरपोर्ट चलने के लिए कहा। रास्ते भर वह जापानी व्यक्ति जापान की तारीफ करता रहा। एक होंडा उनकी टैक्सी को पीछे छोड़कर आगे निकल गई तो जापानी खुशी से बोला, “होंडा‚ सबसे तेज़! मेड इन जापान!” सरदार जी को अच्छा नहीं लगा।
थोडी देर बाद एक ‘टोयोटा’ बगल से गुज़री और आगे निकल गई तो फिर से वह बोला, “टोयोटा‚ सबसे तेज़! मेड इन जापान!” अब सरदार जी को गुस्सा आया, लेकिन वे शांत रहे।
एअरपोर्ट पहुचने पर जापानी ने किराया पूछा, सरदार जी बोले ५०० रुपये।
जापानी ने चौंकते हुए पूछा ” इतना ज्यादा ?”
अब सरदार जी को बोलने का अवसर मिला, "मीटर, सबसे तेज़! मेड इन इंडिया।”

१५ फरवरी २०१६

एक लड़का साइकिल की दूकान पर पहुँच कर बोला,
"आपने कहा था कि एक साल में जो टूटेगा उसकी मुफ़्त मरम्मत कर देंगे।"
"हाँ हाँ बिलकुल करेंगे, दूकानदार बोला, "मगर टूटा क्या है?"
"साइकिल का तार और मेरे दो दाँत।" लड़के ने उत्तर दिया।

 

फरवरी २०१६

गणतंत्र दिवस का उत्सव मनाया जा रहा था। पंडाल सजा था और मंच पर नेता जी भाषण दे रहे थे। जनता श्रोताओं के लिए बनाई गई जगह पर जमी हुई थी। भाषण के बाद लौटते समय एक व्यक्ति नेता जी की चमचागिरी करते हुए बोला, "आपका भाषण तो लाजवाव था सर।"
नेता जी कुछ अप्रसन्न मुद्रा में थे। बोले, "लेकिन सुनने वाले तो सभी गधे थे।"
अब चमचे से न रहा गया। वह तपाक से बोला, "तभी आप ज़ोर ज़ोर से पुकार रहे थे- प्यारे भाइयो! प्यारे भाइयो!"

१५ जनवरी २०१६

एक विवाह उत्सव में कहीं से एक भूत आ गया। उसे देख कर लड़कियों की चीखें निकल गई...
शादी में एक बाबा जी भी थे। वे बोले डरो मत, बस जैसा मै कहता हूँ वैसा करो। उन्होंने लड़कियों से कहा.... जाओ और मुँह धो कर आओ।
लड़कियाँ मुह धो कर आईं।
और...
भूत की चीख निकल गई ...

- हीरेन्द्र बहादुर माथुर

१ जनवरी २०१६

२०१६ के चुटकुले

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