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टिकट संग्रह

डाक टिकटों के संसार में कचनार
पूर्णिमा वर्मन


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०२ में हांगकांग चाइना ओपन के अवसर पर जारी एक टिकट पर कचनार


डाक टिकटों की दुनिया को सबसे अधिक रिझाते है फूल। फूल किसे अच्छे नहीं लगते और किस अवसर पर काम नहीं आते? जन्म से मृत्यु तक फूलों का महत्व हमारे जीवन में बना ही रहता है। राजनीति शास्त्र में भी फूलों की अच्छी पैठ है तभी तो हर देश का एक राष्ट्रीय फूल होता है। कचनार को हांगकांग का राष्ट्रीय फूल होने का गौरव प्राप्त है। शायद वह एक ऐसा अकेला फूल है जो किसी देश के झंडे का हिस्सा है। शोभाकर फूलों वाले वृक्षों में कचनार को विभिन्न देशों के डाक टिकटों में महत्वपूर्ण स्थान मिला है पर सबसे ज्यादा कचनार की तस्वीरों वाले डाक टिकट हांगकांग के ही हैं।

२५ सितंबर १९८५ को जारी एक डाक-टिकट के साथ बिलकुल वैसा ही प्रथम दिवस आवरण जारी किया गया। प्रथम दिवस आवरण को दाहिनी ओर के चित्र पर क्लिक कर के देखा जा सकता है। १.७० हांगकांग डॉलर वाले इस टिकट पर चीनी और अंग्रेज़ी में बुहेनिया लिखा गया है। यह बुहेनिया की ब्लैकियाना प्रजाति का पुष्प है। यह एक संकरित प्रजाति है अर्थात इसमें बीज या फल नहीं होते जिसके कारण नगर की सजावट के लिए इसका प्रयोग बहुत सुविधाजनक हो जाता है। बीज या फल न होने के कारण फूलों का समय लंबा होता है साथ ही सफ़ाई की आवश्यकता बीज और फल वाले पेड़ों की अपेक्षा बहुत कम होती है।

१४ मार्च २००८ को हांगकांग पुष्प प्रदर्शनी के अवसर पर उद्घाटन समारोह में देश में बहुलता से पाए जाने वाले ६ फूलों वाली एक डाक टिकट शृंखला को जारी किया। फूलों के ये चित्र पारंपरिक चीनी शैली में हाथ से बनाए गए थे जबकि इनकी पृष्ठभूमि को कंप्यूटर से बनाया गया था। इन फूलों में एक स्थान बुहेनिया ब्लैकियाना यानी कचनार को भी दिया गया था और ये एक सुंदर प्रथम दिवस कवर के साथ जारी किए गए थे। इनका मूल्य १.४० हांगकांग डॉलर रखा गया था। संग्रहकर्ताओं को आकर्षित करने के लिए इनके दो तीन प्रकाऱ के अलग अलग आकर्षक पैकिंग भी बनाए गए थे जिसमें स्मारिका पैक, मिनिएचर शीट और उपहार पैक भी शामिल थे। चित्र पर क्लिक करने से इस पूरी शृंखला को मिनियेचर शीट के साथ देखा जा सकता है।

टिकट इतिहास की अमूल्य धरोहर भी होते हैं। दाहिनी ओर दिखाए गए हांगकांग के टिकट पर ताज और महारानी एलिजबेथ की फ़ोटो हांगकांग पर ब्रिटिश अधिकार की याद दिला देते है। ६५ सेंट के इस टिकट में कचनार के स्केच के नीचे बुहेनिया ब्लैकियाना पढ़ा जा सकता है।

१९९७ में जब हांगकांग चीन को वापस किया गया तो उसकी याद में भी छे टिकटों के साथ एक प्रथम दिवस आवरण जारी किया गया। बाईं ओर दिया गया कचनार की फूलों वाला यह टिकट बड़े शीट पर नीचे की ओर बाएँ कोने में स्थित है। इस टिकट के साथ जारी किया गया पूरा सेट टिकट पर क्लिक कर के देखा जा सकता है।

२००७ में चीन के अधिकार में हांगकांग के १० वर्ष पूरे हुए। इस उपलक्ष्य में दसवीं जयंती के को मनाते हुए हांगकांग और चीन के प्रमुख चिह्नों और प्रतीकों को प्रदर्शित करने वाला यह टिकट जारी किया गया। यह टिकट हांगकांग और चीन ने एक साथ जारी किया था। इन पर लगाने जाने के लिए विशेष मोहरों का निर्माण भी किया गया था। चित्र में हांगकांग के लाल झंडे पर सफ़ेद कचनार का फूल देखा जा सकता है। १९ जून २००७ को जारी इस टिकट का मूल्य १.४० डॉलर था।

प्रशांत महासागर में चार द्वीपों का एक देश है जिसे पिटकर्न आईलैंड के नाम से जाना जाता है। पत्तियों पर चित्रकारी यहाँ का परंपरिक लोक हस्त शिल्प है। इस शिल्प में जिन पत्तों का प्रयोग किया जाता है उसमें कचनार की एक प्रजाति बुहेनिया मोनान्ड्रा प्रमुख है।


इस देश द्वारा १८ अगस्त २००३ को जारी किए गए, देश की लोक कला को समर्पित पाँच टिकटों के इस समूह में तीन ऐसे वृक्षों को चित्रित किया गया है जिनकी पत्तियाँ चित्रकारी के काम आती हैं। इनमें बाईं ओर कचनार के गुलाबी फूल और द्विदलीय पत्तियों से पहचाने जा सकते हैं। चित्र में इनमें पत्तियों के साफ़ करने और उन पर चित्रकारी करने की प्रक्रिया को दिखाया गया है जबकि टिकटों के साथ छपे हाशिए पर इसे विस्तार से लिखा भी गया है। (यह हाशिया यहाँ दिखाई नहीं दे रहा है।) टिकटों पर इस कला में दक्ष कुछ महिला कलाकारों को भी दिखाया गया है। १.५० डॉलर वाले टिकट पर बरनिस का चित्र है जिनका देहांत १९९३ में ९४ वर्ष की आयु में हुआ था और जो अपने अंतिम समय तक कलाकृतियाँ बनाती रहीं थीं। ३ डॉलर वाले टिकट पर उनकी बेटी कार्लो क्रिश्चियन हैं। कार्लो ने यह कला आपनी बेटी कैरोल और नातिनों डार्लिन और चार्लिन को सिखाई। ८० सेंट के टिकटों पर कैरोल तथा  सेंट के टिकट पर  डार्लिन और चार्लिन के चित्र हैं। 

कचनार पिटकर्न द्वीप की संस्कृति का अभिन्न अंग है। इसके पेड़ यहाँ बहुतायत से मिलते हैं। यहाँ उत्पन्न होने वाली एक और प्रजाति बुहेनिया वेरियागाटा का तना मज़बूत होता है, घनी शाखाएँ फूल और पत्तियों को इस प्रकार सहारा देती हैं कि यह एक सुंदर छायादार वृक्ष दिखाई देता है। १९८३ में इस देश  के डाक विभाग ने अपने देश के महत्वपूर्ण वृक्षों को प्रदर्शित करने वाले टिकटों की एक शृंखला जारी की जिसमें कचनार की इस प्रजाति एक पेड़ दिखाया गया है। ३५ सेंट के इस टिकट में बाईं ओर ऊपर के कोने पर इसका स्थानीय नाम हैटी ट्री भी लिखा गया है।

इसी अवसर पर जारी एक और टिकट में कचनार की इसी प्रजाति  बोहेनिया वेरियागाटा का एक और रूप चित्रित किया गया है। इस प्रजाति के कचनार पत्तों पर भी इस देश की बहुचर्चित लोककला अंकित की जाती है। टिकट पर इस कला से अंकित दो पत्ते भी दिखाए गए हैं। ऊपर की ओर बीच में महीन अक्षरों में हैटी ट्री और बोहेनिया वैरिगाटा भी लिखा गया है।

 

इसी देश के गुलाबी रंग के एक और सुंदर चौकोर टिकट पर कचनार की ही एक प्रजाति बुहेनिया मोनान्ड्रा के एक फूल को प्रदर्शित किया गया है। १० डॉलर मूल्य के इस टिकट पर बायीं और ऊपर देश का नाम है दाहिनी ओर ब्रिटिश साम्राज्य का ताज दिखाई दे रहा है और नीचे की ओर बाएँ कोने पर हैटी ट्री लिखा गया है।

१९९५में प्रकाशित थाईलैंड के एक टिकट में कचनार के सफ़ेद रंग के छोटे फूलों वाली एक जाति बुहेनिया एक्युमिनाटा को चित्रित किया गया है। २ बहत के हरे रंग के इस सुंदर चित्र में दाहिनी ओर ऊपर प्रकाशन तिथि को अंग्रेज़ी और थाईलैंड की भाषा में लिखा गया है। नीचे दाहिनी ओर देश का नाम दोनों भाषाओं में है।

दाहिनी ओर दिए गए कांगो के टिकट में कचनार की बोहेनिया वेरियागाटा प्रजाति का नाम लिखा है। क्षेत्रफल के हिसाब से कांगो अफ्रीका महाद्वीप का तीसरा सबसे बड़ा देश है। टिकट पर लिखी गई भाषा से अंदाज़ लगाया जा सकता है कि इस देश की आधिकारिक भाषा फ्रांसीसी है। १० फ्रैंक वाले इस टिकट पर नीचे फ्रेन्च में उष्णकटिबंधीय पुष्प लिखा है। बायीं ओर प्रजाति का नाम है और दायीं ओर टिकट के जारी किए जाने का वर्ष १९७१ लिखा हुआ है। पूरे अफ्रीका और प्रशांत क्षेत्र में बहुनिया की बोहेनिया वेरियागाटा और बोहेनिया मोनान्ड्रा प्रजातियाँ बहुतायत से पाई जाती हैं। यही कारण है कि कांगो, लीबिया, मोंत्सेरात कंबोडिया और सॉल्मन द्वीप के डाकटिकटों में इन्हीं को स्थान मिला है।

मोंटेसेराट कैरेबियन सागर में स्थित लीवार्ड द्वीप समूह में ब्रिटेन का सागर पार क्षेत्र के अंतरगत एक छोटा सा द्वीप है। साढ़े चार हज़ार की जनसंख्या वाला यह द्वीप प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। कचनार यहाँ के प्रमुख फूलों में से एक है। इसी कारण दिए गए चित्र में कचनार की एक झाड़ी और उसके फूलों के गुच्छे को दिखाया गया है। टिकट का मूल्य १५ सेंट हैं। यहाँ पश्चिम कैरेबियन डॉलर मुद्रा के रूप में प्रयोग किए जाते हैं।

गिनि बिसाउ पश्चिम अफ्रीका का एक देश है। इससे मिलते जुलते नाम का एक देश गिनि गणतंत्र इसके पास ही है। गिनी बिसाऊ की भाषा पुर्तगीज़ है और राजधानी बिसाऊ है। कचनार की बोहेनिया वेरियागाटा प्रजाति के चित्र वाला यह टिकट १९८३ में जारी किया गया था.। मुद्रा के स्थान नीचे ध्यान से देखें तो अंग्रेज़ी के "सी ओ आर आर ई आई सी एस (CORREICS)" अक्षर दिखाई देते हैं। यह इनकी डाक संस्था का संक्षेप है जिसका पूरा नाम है- इम्प्रेसा ब्राज़िलियेरा डि कोरियोस ए टेलीग्राफ़ोस, इसका अर्थ है ब्राजीलियन डाक व तार संस्थान। यह ब्राज़ील की राष्ट्रीय डाक सेवा है। हो सकता है गिनी बिसाउ के टिकट छापने का काम इसी संस्था के पास हो या यह संस्था गिनी बिसाऊ में भी डाक की ज़िम्मेदारी संभालती हो।

१ सितंबर १९८१ में भारत ने भी देश के प्रमुख पेड़ों के चित्रों से युक्त एक टिकट शृंखला जारी की थी। इसके चार टिकटों में अमलतास, पलाश, वरना और कचनार के अत्यंत सुंदर चित्र प्रदर्शित किए गए हैं। ये चित्र भारत के दो प्रसिद्ध फ़ोटोग्राफ़रों द्वारा खींचे गए हैं। अमलतास व कचनार के टिकटों पर के एम वैद द्वारा खींचे गए फ़ोटो हैं और पलाश व वरना के टिकटों पर राजेश बेदी द्वारा खींचे गए। टिकटों में बाईं ओर ऊपर मूल्य अंकित किया गया है और दाहिनी ओर दो भाषाओं में देश का नाम छापा गया है। चित्र के नीचे पेड़ का नाम और टिकट का प्रकाशन वर्ष अंकित किया गया है। मौसम की कड़ी मार सहकर भी खुशी से खिलने वाले इन बहुरंगे टिकटों की २० लाख प्रतियाँ जारी की गई थीं। लगभग ढाई से.मी. चौड़े और ३.५ से.मी. ऊँचे टिकटों के इस सेट के साथ एक प्रथम दिवस कवर भी जारी किया गया था जिसे सुहमिंदर सिंह ने डिज़ाइन किया था।

दाहिनी और स्थित कंबोडिया के टिकट में कचनार का एक और सुंदर चित्र प्रदर्शित किया गया है। कंबोडिया की वर्तनी पर ध्यान देने पर देखा जा सकता है इस पर देश के नाम की प्राचीन भारतीय ग्रंथों में प्रयुक्त वर्तनी कांबोज का प्रयोग किया गया है ना कि बुहेनिया अंग्रेज़ी वर्तनी का। सुदूर पूर्व में स्थित थाईलैंड के पास बसे इस देश की भारत के साथ सांस्कृतिक आदान प्रदान की ऐतिहासिक परंपरा पाई जाती है।

सॉल्मन आईलैंड द्वारा जारी किए गए उष्णकटिबंधीय देशों के वृक्षों की शृंखला में १९८७ में प्रकाशित २५ सेंट के इस टिकट पर बाएँ निचले कोने में बोहेनिया वेरियागाटा लिखा है।  बीच में कचनार का चित्र है बाएँ ऊपरी कोने पर देश का नाम है और दाहिने ऊपरी कोने पर राजचिह्न अंकित है। इसको १७ टिकटों के साथ जारी किया गया था जिसमें देश के सत्रह प्रमुख फूलों को प्रदर्शित किया गया था। नीले, गुलाबी और हरे रंग के इस टिकट पर किसी फ़ोटो को नहीं बल्कि एक कलाकृति को प्रदर्शित किया गया है। यह देश भी दक्षिण एशिया में पापुआ और गुयाना के पास प्रशांत महासागर में स्थित हैं और यहाँ की जलवायु कंबोडिया और इंडोनेशिया से काफ़ी मिलती जुलती है जिसके कारण यहाँ कचनार, के वृक्षों को पनपने का अच्छा अवसर मिलता है।

बारबाडोस से इस टिकट पर कचनार की बोहेनिया  ब्लेकियाना की एक झाड़ी और फूलों का एक गुच्छा चित्रित किया गया है। इस वृक्ष का बोहेनिया नाम १६ वीं शती के वनस्पति वैज्ञानिक भाइयों जोहानेस और कैस्पर बोहिन के नाम पर रखा गया है। इसकी दो हिस्सों वाली पत्तियाँ इन दो जुड़वाँ भाइयों की स्मृति ताज़ा करती हैं।

१६ जून २००८

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