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पर्व परिचय


व्यापार का किरदार सांता
-अमिता नीरव


सांता न तो कोई ऐतिहासिक किरदार है, न उसका क्रिसमस या प्रभु यीशु के जन्म से कोई लेना-देना रहा है... ये महज एक विचार है, कल्पना... एक मिथ...। दो-तीन सदियों तक संत निकोलस के सच को सँवारने का खूबसूरत परिणाम है सांता क्लॉज... एक छोटी हकीकत और बाकी फसाना, लेकिन ये फसाना इतना बड़ा सच है कि वो 'बड़े दिन" का सबसे अहम प्रतीक हो गया है।

सांता का इतिहास बताता है कि उनका 'रेखाचित्र" २८० ईस्वी के आसपास के इतिहास के संत निकोलस से लिया गया है। बताया जाता है कि संत निकोलस मायरा के पास पात्रा के थे जो इन दिनों टर्की में है। संत निकोलस के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने अपनी सारी संपत्ति गरीबों में बाँट दी थी और निकल पड़े थे, देश-भ्रमण पर। उनके बारे में ये कहानी सबसे ज्यादा लोकप्रिय है कि उन्होंने तीन गरीब बहनों को बिकने से बचाया था और उन्हें पैसा दिया ताकि उनकी शादी में दहेज के काम आ सके। जिन दिनों प्रोटेस्टेंट सुधारवाद का दौर चल रहा था, तब संतों पर श्रद्धा को अच्छा नहीं माना जाता था, तब भी योरोप में संत निकोलस के प्रति लोगों में श्रद्धा बरकरार रही, खासकर हॉलैंड में...। संत निकोलस ६ दिसंबर को अपना 'फीस्ट डे" मानते थे। ये है सांता क्लॉस का मूल चरित्र... जिसने आगे चलकर अमेरिका में एक पूरे के पूरे व्यापारिक व्यक्तित्व के रूप में आकार ग्रहण किया।

सांता क्लॉज क्रिसमस का सबसे खूबसूरत प्रतीक है। क्रिसमस के धार्मिक-आध्यात्मिक महत्व से अलग सांता क्लॉज की कल्पना बहुत मीठी, रचनात्मक और बहुत नाजुक है। ये एक काल्पनिक किरदार है, जो दशकों के 'इम्प्रोवाइजेशन" के बाद इस तरह से अस्तित्व में आया है। इस किरदार को गढ़ने में बहुत सारे रंग और फ्लेवर लगे हैं। इसमें इतिहास और कल्पना का खूबसूरत उपयोग किया गया है। कई दशकों के बाद सांता वो हो पाए हैं, जिन्हें हम देखते हैं, चाहते हैं और प्यार करते हैं।

अट्ठारहवीं शताब्दी के सांतवें दशक में अमेरिका में रह रहे डच परिवारों की परंपरा के तौर पर संत निकोलस वहाँ पहुँचे। डच परिवार निकोलस के जन्मदिन पर उन्हें आदर से याद करते रहे हैं, यहीं से वे हॉलैंड के इतिहास से निकल कर अमेरिकी कल्पनाओं में आ पहुँचे। और यहाँ से संत निकोलस के रेखाचित्र में अलग-अलग चित्रकारों ने रंग भरना शुरू किया।

१८२२ में क्लिमेंट क्लार्क मूर ने अपनी तीन बेटियों के लिए 'एन एकाउंट ऑफ ए विजिट फ्राम सेंट निकोलस" नाम की एक क्रिसमस कविता लिखी। इस कविता में मूर ने जिस तरह से सांता क्लॉज की तस्वीर खींची वह हमारे आज के सांता के करीब की ही है। ये वही सांता है जो क्रिसमस की पूर्व संध्या पर एक घर से दूसरे घर उड़ कर जाता है और चिमनी के सहारे बच्चों के शयन कक्ष में दाखिल होता है। उसके पास एक छोटी स्लेज है, जिसे आठ उड़ने वाले रेनडियर चलाते हैं। इसी कविता के आधार पर अमेरिका के एक राजनीतिक कार्टूनिस्ट थॉमस नेस्ट ने १८८१ में सांता का ताजा चित्र बनाया, जिसमें एक छोटे कद का गोल-मटोल सा वृद्ध है, जिसके बाल और दाढ़ी बर्फ की तरह सफेद हैं, जो बहुत खुशमिजाज है और जिसे बच्चे पसंद करते हैं। जो सफेद फर के कॉलर वाला लाल सूट पहनता है और उत्तरी-ध्रुव से उतर कर हमारे पास आता है, उसके पास खिलौनों से भरा हुए एक थैला है, जो 'अच्छे" बच्चों को उपहार में मिलने वाले हैं। उन्होंने ही सांता की पत्नी को मिसेस क्लॉज का नाम दिया।

यदि हम यह कहें कि वर्तमान सांता उस बाजार ने गढ़ा है, जो क्रिसमस पर अपनी सेल बढ़ाना चाहता है तो शायद आप यकीन ना करे... लेकिन अमेरिकी सांता का सच इसके बहुत करीब का ही है। उन्नीसवीं शताब्दी के दूसरे दशक के अमेरिका के अखबार के विज्ञापन वाले कॉलम को क्रिसमस के आसपास के दिनों में सांता क्लॉस की इमेज से सजाया जाता था। बाद में १८४१ में फिलाडेल्फिया के एक शॉपिंग स्टोर में बड़े से सांता क्लॉस को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुँचे... जाहिर है, यहाँ इतने बड़े सांता को बनाने का लक्ष्य बिक्री बढ़ाना ही था, अब यहाँ तक पहुँचे हैं तो कुछ न कुछ तो खरीदा ही जाएगा... फिर यदि बच्चे साथ हैं तो खरीदी से बचा जा ही नहीं सकता था। तो कुछ संत निकोलस की दानशीलता को आधार बनाकर शॉपिंग स्टोर की बिक्री बढ़ाने के लिए सांता को उपहार देने वाले का रूप दे दिया गया।

यह सिलसिला चलते-चलते १९३९ तक आया जब मोंटगोमरी के एक डिपार्टमेंटल स्टोर के कॉपीराइटर रॉबर्ट एल.मे ने अपने स्टोर में ग्राहकों को लुभाने के लिए क्रिसमस आधारित एक कहानी लिखी। इसमें उन्होंने नवें रेनडियर 'रूडोल्फ" से परिचित कराया। रूडोल्फ दुखी है, क्योंकि बाकी आठ रेनडियर उसे उसकी बड़ी, चमकीली लाल नाक के लिए चिढ़ाते हैं। क्रिसमस की पूर्व संध्या पर जब रात गहरी होती है और कोहरा गाढ़ा तो सांता परेशान हो जाते हैं क्योंकि ऐसे में वे किस तरह स्लेज चलाते हुए बच्चों को गिफ्ट दे पाएंगे, ऐसे में रूडोल्फ की लाल चमकीली नाक ही सांता को रास्ता दिखाती है। मे का रूडोल्फ के द्वारा दिया गया संदेश 'जो भी अवसर मिले उसे जिम्मेदारी से पूरा करना अच्छी बात है।" को उस वक्त बहुत प्रसिद्धि मिली।

शायद यह बाजार की ही ताकत है कि एक मिथक पूरी दुनिया में किसी त्योहार का प्रतीक बन गया। अमेरिका के पास मिथकों की कमी है, क्योंकि अमेरिका इस दुनिया की सबसे युवा सभ्यता है। और अजीब बात ये है कि अमेरिकियों की व्यावसायिक बुद्धि इतनी परिपक्व और दूरदर्शी है कि वे व्यापार के लिए किरदार गढ़ते हैं और फिर उसे इतने ग्लैमरस बना देते हैं कि वह सच लगने लगता है। सांता के उपहार देने वाले से लेकर आर्कटिक क्षेत्र के फिनलैंड में लेपलैंड को सांता के गाँव के रूप में प्रचारित करना, सांता की विश्वसनीयता को और पुख्ता बनाने का अगला चरण था।

अब बच्चों के साथ-साथ बड़े भी सांता का इतंजार करते हैं, चाहे इस बात पर वाद-विवाद हो रहा हो बड़े होने पर बच्चे सांता के सच से खुद को ठगा हुआ महसूस करते हैं, लेकिन हकीकत ये है कि सांता सपनों का सच है। हम सांता के आने से खुश होते हैं, योरोप में बच्चे सांता के खाने-पीने की चीजों का बंदोबस्त करके रखते हैं। पहले सांता के पीने के लिए अल्कोहल रखा जाता था, लेकिन अब सोच ये है कि चूँकि सांता को स्लेज ड्राइव करना है, इसलिए इन दिनों बच्चे सांता के पीने के लिए नॉन-अल्कोहॉलिक ड्रिंक रखते हैं।

तो एक परोपकारी लक्ष्य के लिए चले सांता के सच को कल्पना के रंगों से सजा-संवार कर बाजार ने एक प्रतीक तैयार किया और देखते-ही-देखते ही सांता क्लॉज एक लोककथा बन गए। कुल मिलाकर सांता के व्यक्तित्व का सार यह है कि भौतिकता सारी दुनिया पर शासन करने की शक्ति पैदा करती है और आध्यात्मिकता प्यार पाने की...।

३१ दिसंबर २०१२

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