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पर्यटन
'फातिह सुल्तान मुहम्मद पुल' इस्तांबूल पर एक सुनहरी सुबह
इतिहास प्रसिद्ध इस्तांबूल -पर्यटक

नैसर्गिक एवं प्राकृतिक सौन्दर्य की अनुपम छटा बिखेरती सूर्यरश्मियाँ, बफार्नी पहाडियाँ, समुद्रीतट व झीलों के नयनाभिराम परिदृश्यों से पर्यटको को लुभाता, दो महाद्वीपों के आलिंगन में बंधा राष्ट्र टर्की। भारत से यूरोप जाते समय टर्की रास्ते में पडता है, बिना किसी अतिरिक्त किराये के आप इसकी राजधानी अंकारा एवं प्रसिद्ध नगर इस्तंबूल के भमण की सुखद अनुभूति कर सकते है।

बोसफोरस की संकरी जल प्रणाली दोनो महाद्वीपो के मध्य सीमारेखा के रूप मे विद्यमान है, किन्तु टर्की का अधिकांश भू भाग एशिया महाद्वीप के अन्र्तगत पडता है। बोसफोरस के एक तरफ यूरोपियन इस्तंबूल का पुराना शहर है जो पर्यटको के आर्कषण का केन्द्र है। इस्तंबूल का दूसरा भाग नया शहर है, जो पाश्चात्य तरीके का व्यवस्थित उपनगर है। बोसफोरस के ऊपर दो आकर्षक पुल हैं। फातिह सुल्तान मुहम्मद पुल तथा बोस्फोरस पुल। बोस्फोरस पुल विश्व का सबसे बडा झूले पर आधारित पुल है। बोसफोरस की यह खूबसूरत नहर पर्यटकों के लिये आकर्षण का केन्द्र है। सूर्यास्त के सुंदर चित्रों के लिये प्रसिद्ध दृश्यों वाली इस नहर पर दिन में अनेक प्रकार की नावों द्वारा नौकाविहार की व्यवस्था है किन्तु एकांत में शांत पानी को देखते रहने का सुख भी कुछ कम नहीं।


बोसफोरस नहर पर दृश्यावलोकनप्राकृतिक सौन्दर्य के आनंद को दुगना करने के लिये बोसफोरस के तट पर स्थित रेस्त्राओं मे हर प्रकार का भोजन मिलता है और इनकी साज सज्जा व चहल पहल देखते ही बनती है। शाकाहार के प्रेमियों के लिये थोड़ी कठिनाई ज़रूर होती है पर भूख मिटाने के लिये कुछ न कुछ मिल ही जाता है।

सूर्यास्त के समय बोसफोरस के जल पर झिलमिलाती लालिमा और दूसरे तट पर स्थित इमारतों की प्रतिछाया का मोहक दृश्य देखकर लगता है कि शताब्दी पूर्व इन्हीं दृश्यों के लिये इस
विलक्षण स्थान पर इमारते बनायी गयी होंगी।

यहाँ के ढाई हजार वर्ष पुराने स्मारक टर्की के सुदूर गौरवमयी अतीत के साक्षी देते हैं।संसार के प्रसिद्ध ऐताहासिक नगरों में इस्तंबूल की गणना होती है। समय के साथ साथ इस्तंबूल का नामकरण होता रहा, परन्तु आज भी इसे यूरोप और एशिया के संगम के रूप में जाना जाता है। विभिन्न प्राकृतिक परिदृश्यों के कारण यहाँ एक दिन में ही आप तीनों ऋतुओं का आनन्द उठा सकते हैं, जहाँ एक ओर अप्रैल की तीक्ष्ण गर्मी वहीं बैगनी पुष्पों से आच्छादित सम्पूर्ण नगर मनोहारी लगता है।

12लाख लोगो के जनसंकुल और कोलाहल ने इस शहर को चित्ताकर्षक बना दिया है। वास्तव में इस्तंबूल की मिश्रित संस्कृति, राजप्रासाद, संग्रहालय, चर्च, विशाल मस्जिद, बाजार और प्राकृतिक दृश्यों का सौन्दर्य अनन्त प्रतीत होता है। नगर के बीच स्थित विशालकाय स्टेडिायम "हिप्पोड्रोम" इस्तांबूल का एक जीवंत परिसर है। यह विशाल मनोरंजन का क्षेत्र आज घुडदौड, रथदौड, सर्कस, प्रर्दशनी एवं सभी प्रकार के मनोरंजन का केन्द्र बन गया है।

बस से जाते समय अया सोफिया का बाहरी हिस्सा बहुत आर्कषक नही लगा लेकिन अन्दर पहुँचने पर विस्मयकारी लगता है। इसकी विलक्षणता देखकर स्वमेव ही लगता है कि बाइजन्टाइन स्थापत्य कला कितनी विकसित थी। इस चर्च का 105 फुट घेरे वाले गुम्बद की गणना विश्व के सबसे बडे एवं खूबसूरत गुम्बदों में की जाती थी, जब तक रोम के सेन्ट बेसिलका का निमार्ण नही हुआ था। कानस्टेनटाइन के द्वारा बनाये गये चर्च को 1453 में ओटोमन ने मस्जिद के रूप में परिवर्तित करा दिया था। बाद में टर्की गणतन्त्र के संस्थापक अतातुर्क मुस्तफा कमाल ने इसे संग्रहालय के रूप मे प्रतिष्ठित कर दिया।

आज यह पैलेस इस्तांबूल के महत्वपूर्ण संग्रहालयों में से एक है। 700,000 वर्ग मीटर तक फैला हुआ यह वृहदाकार किला 1459 में मुहम्मद द्वितीय ने अपने रहने के लिये बनवाया था। इस किले में तीन विशाल चौक और एक हरम शामिल है। हरम बाद में 16वीं शताब्दी में बनवाया गया। 1839 तक यह भवन राजमहल के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा। इसके बाद तत्कालीन बादशाह मुहम्मद मसीत ने अपने लिये बोसफोरस के किनारे नये महल का निर्माण करवाया और यह महल संग्रहालय के रूप में परिवर्तित कर दिया गया।

समुद्र तट पर थोडी उँचाई पर एक बहुत बडे घेरे के अन्दर निर्मित टोपकपी पैलेस तक अया सोफिया से पहुँचने में 5 मिनट लगते हैं ,जहाँ इस्तंबूल का अत्यन्त ऐताहासिक परिदृश्य आपका स्वागत करता है। सभी ओटोमन सुल्तानों ने इसे अपनी स्थापत्य कल्पनाओं के अनुरूप अलंकृति करते रहे हैं।यहाँ पर संग्रहीत शाही वस्तुओं को देखने से टर्की के ओटोमन सुल्तानों की विलासता एवं वैभव की स्पष्ट झलक मिलती है। टर्की ऐतिहासिक इमारतों और संग्रहालयों का देश है। केवल इस्तांबूल में ही ग्यारह से अधिक संग्रहालय हैं। पुरातात्विक संग्रहालय में ग्रीस और रोमन सभ्यताओं तथा ट्राय और एफेस्स द्वारा निर्मित दुर्लभ व प्राचीन वस्तुओ का संग्रह हैं जो उनके अतीत की गरिमा का परिचय देता प्रतीत होता है।

सुल्तान अहमद स्क्वायर इस्तंबूल के ऐताहासिक,सांस्कृतिक एवं पयर््ाटकीय गतिविधियो का केन्द्र है। ओटोमन शाही वंश के दीप बुझने के बावजूद शाही राजप्रसाद आज भी अपनी गरिमा के दीप से प्रज्वालित हो रहा है। तुर्की और इस्लामिक कलाकृतियों के संग्रहालय को भी यहीं स्थापित कर दिया गया है, जहाँ विभिन्न हस्तलिपियों की पुस्तकें, एवं अन्य दुर्लभ
वस्तुओं को संग्रहित किया गया है।

अतीत के भाव मे डूबे हुए बढते कदम ‘ब्लू मास्क’ यानी नीली मस्जिद के प्रागंण पहुँच गये, जिसे इजनिक क्षेत्र से लाये गये नीले रंग के टाइल्स से सजाया गया है। यहाँ के फर्श को अदभुत मोजे.क से सजाया गया है जो दस्तकारी की अनुपम कृति प्रतीत होती है।

विदेशों से लाये गये खूबसूरत क्रिस्टल लैम्प प्रकाश के लिए प्रयोग में लाये जाते हैं। इस मस्जिद की एक और विशेषता है इसके कोणो पर बनी हुयी 6 मीनारे। टर्की में ऐसी कोई अन्य मस्जिद नही है। इसके अवलोकन से प्रतीत होता है कि इसका अद्वितीय अलंकरण मानव जाति के चमत्कारों का अनूठा उदाहरण है। यदि आप अपनी प्रथम यात्रा में ही सब कुछ देख लेना चाहते है तो कुछ विशेष स्थानो को अनदेखा नही किया जा सकता। ट्रेजरी चैम्बर उनमे से एक है जहाँ शाही वंश के सिंहासन, हीरे जवाहरात के विशिष्ठ संग्रह तथा रत्न जडित अस्त्र शस्त्र एवं शाही वंश के वस्त्रो को देखकर उनके वैभव पूर्ण जीवन की कल्पना की जा सकती है। विश्व का सबसे बडा हीरा यहाँ देखा जा सकता है। इसी प्रागंण मे संचालित रेस्त्रा में सुस्वादु भोजन का आनन्द लेते हुये बोसफोरस का मनमोहक नजारा किया जा सकता है।

इस्तंबूल जाडे में अत्याधिक ठंडा एवं गर्मी में काफी गर्म रहता है। स्थानीय लोगो के अनुसार वसन्त या बरसात का मौसम अत्यन्त लुभावना रहता है। यहाँ के स्थानीय लोग सप्ताहांत मे अपनी छुट्टियाँ मनाने मारमरा समुद्री द्वीप पर जाते है जहाँ पहुचने में लगभग 45 मिनट लगते है।ग्रीनबरसा शहर के बगीचों, पार्को और हरे भरे मैदानों की निराली प्राकृतिक छटा के कारण यहां पर्यटको का जमावडा बना रहता है। यह नगर फलों और सिल्क व्यवसाय के लिए चर्चित है।
 
टर्की में दो प्रमुख बाज़ार हैं। खुला बाज़ार जिसे मिस्र बाजार कहते हैं और दूसरा लंबे बारामदों और गुंबदों से सुसज्जित ग्रैड बाजार। इन दोनों बाज़ारों का सौंदर्य देखने लायक है। ग्रैंड बाज़ार के लंबे बरामदों की रंगीन नक्काशीदार छतों का ग्रैंड बाज़ारसौन्दर्य देखते ही बनता है और मिस्र बज़ार में मिठाइयों और मसालों की रंगीन दूकानों का आकर्षण अनुपम है। टर्की में प्रतिवर्ष लगभग तीन लाख पर्यटको का सैलाब उमडता रहता ह। यहाँ ज्यादातर पर्यटक पश्चिमी राष्ट्रों से आते क्योंकि यहाँ उनको अपनी मुद्रा की वास्तविक कीमत प्राप्त हो जाती है।

खरीद फरोख्त अपनी उच्च प्राथमिकता बनाए हुए है। शोर मचाते पर्यटकों के झुंड को मिट्टी के बर्तन, चित्रो के पोस्टकार्ड, कपडे एवं अन्य वस्तुए खरीदते देखा जा सकता है। टर्की के बने हुए कम्बल और कालीन काफी प्रसिद्ध है। सस्ते क्रिस्टल, रंगीन कांच की वस्तुएं और नीले टाइल के लिये टर्की सारी दुनियाँ में जाना जाता है।

अभी टर्की में देखने को बहुत कुछ शेष था किन्तु समय सीमा को ध्यान में रखते हुए मेरे कदम स्वमेव ही वापस मुड गये मानस पटल पर अकित टर्की की सुखद स्मृति के पल आखो के सामने नाच रहे थे।

१६ अप्रैल २००२

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