मुखपृष्ठ

पुरालेख-तिथि-अनुसार -पुरालेख-विषयानुसार -हिंदी-लिंक -हमारे-लेखक -लेखकों से


फुलवारी शिल्प–कोना

 

होलिका और प्रह्लाद
शिल्प-कोना में ऐसी चीज़ें होंगी जिन्हें प्रिंटर से छापेंगे, काटेंगे, मोड़ेंगे और चिपकाएँगे, कुछ नया बनाएँगे, मित्रों को दिखाएँगे और मजे उडाएँगे।

होलिका और प्रह्लाद बनाने के लिए हमें सिर्फ तीन चीज़ें चाहिए:
१-काग़ज़, २-कैंची और ३-क्रेयॉन व मार्कर रंगने के लिए


एक काग़ज़ लो और इसको चौकोर कर लो।


इसके लिए काग़ज़ को चित्रानुसार तिकोना मोड़ो और काटो।
 

तिकोने के खोलो और बायीं ओर के चित्र में दिखाई गई लाइनों पर मोड़ो।
 

 

अब तुम्हारा काग़ज़ इस तरह दिखाई देना चाहिए।
 

नीचे दिखाई देने वाले त्रिभुज आकार को पीछे की ओर ऊपर मोड़ दो।
 

आकार को पलटो और जहाँ पर तिकोने की नोक है वहाँ से काग़ज़ को पीछे करते हुए नीचे की तरफ़ मोड़ो।
 

काग़ज़ एक ओर से ऐसा दिखेगा।
 

नीचे का हिस्सा ऊपर करो। काग़ज़ इस आकार में आना चाहिए।
 

बाएँ और दाएँ दिखाई देने वाले आकारों को दाहिनी और दिखाए गए चित्र के अनुसार सामने की तरफ़ मोड़ो।  

होलिका बनाने के लिए आँख, मुँह और बिंदी बना कर साड़ी को रंग दो। चाहो तो माँ की मदद से किसी कपड़े की साड़ी और काले ऊन की चुटिया भी बना सकते हो।

प्रह्लाद बनाने के लिए ऊपर की नोक को पीछे मोड़ दो ताकि ऊपर का सिरा सीधा हो जाए। इसको टोपी की तरह रंगो। आँख और मुंह बनाओ और कपड़ों के लिए चित्रानुसार रंग भरो
बस तैयार हैं होलिका और प्रह्लाद। जब होली जलाओ तो होलिका की गोद में प्रह्लाद को रख दो। हाँ होली जलाई जाए तो होलिका को जल जाने देना और प्रह्लाद को बचा लेना। पर यह खेल अपने आप नहीं किसी बड़े की सहायता से करना।

१ मार्च २००४

1

1
मुखपृष्ठ पुरालेख तिथि अनुसार । पुरालेख विषयानुसार । अपनी प्रतिक्रिया  लिखें / पढ़े
1
1

© सर्वाधिका सुरक्षित
"अभिव्यक्ति" व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक
सोमवार को परिवर्धित होती है।