फुलवारी

<

लहरों पर सर्फिंग

>

गर्मियों की छुट्टियों में पानी के खेलों के मजे हैं।
 
तैरना, फिसलना, हवा के गुब्बारों में पानी पर लुढ़कना, नाव चलाना और सर्फिंग करना ये सब पानी के खेल हैं। इन सबको सीखना पड़ता है। कुछ बच्चों को पानी के खेल बहुत अच्छे लगते हैं जैसे मीतू को और कुछ को रेत के खेल पसंद हैं जैसे गीतू को।

इस सप्ताह के अंत में गीतू और मीतू अपने माता पिता के साथ पानी के खेलों को खेलने जाएँगी। मीतू इसके लिये सर्फिंग सीख रही है। वह समुद्र के किनारे छोटी लहरों पर सर्फिंग करेगी। पापा उसकी मदद करेंगे। गीतू को रेत के किले बनाने पसंद हैं। उसने किले बनाने के लिये एक छोटी बाल्टी और नए साँचे खरीदे हैं। माँ ने सबके खाने के लिये अच्छे अच्छे सामान बनाए हैं।

सबको सप्ताहांत की प्रतीक्षा है।

- पूर्णिमा वर्मन

१७  जून २०१३

1

1
मुखपृष्ठ पुरालेख तिथि अनुसार । पुरालेख विषयानुसार । अपनी प्रतिक्रिया  लिखें / पढ़े
1
1

© सर्वाधिका सुरक्षित
"अभिव्यक्ति" व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक
सोमवार को परिवर्धित होती है।