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साहित्य समाचार
भारत से : स्पाइल–दर्पण का लोकार्पण 

चित्र में बायें से दायेः सुरेशचंद्र शुक्ल 'शरद आलोक', डा लक्ष्मीमल सिंघवी

दिल्ली, गत माह विधि विशेष, ब्रिटेन में 9 वर्षों तक रहे राजदूत एंव अब राज्य सभा सदस्य डा , लक्ष्मी मल सिंघवी ने अपने निवास पर नार्वे से सन् 1988 से प्रकाशित होने वाली द्वैभाषी पत्रिका स्पाइल–दर्पण का लोकार्पण किया।

इस अवसर पर डा , लक्ष्मी मल सिंघवी जी ने विदेशों में हिन्दी पर हो रहे विशद प्रचार–प्रसार की सराहना की और स्पाइल–दर्पण के सम्पादक डा ,सुरेशचन्द्र शुक्ल को उनकी विदेशों में की जा रही हिन्दी सेवा की सराहना करते हुए पत्रिका के सफल सम्पादन के लिए बधाई दी। 

शुभकामनायें व्यक्त करने वालों में यशस्वी कवियित्री श्रीमती कमला सिंघवी, हास्य–व्यंग्य के चर्चित कवि सुनील जोगी, दिल्ली में स्पाइल–दर्पण के प्रतिनिधि डा ,सत्येन्द्र कुमार सेठी, कवि एंव लेखक विक्रम सिंह आदि प्रमुख थे।


नार्वे से

नार्वे में सुनील जोगी का सम्मान एंव अर्धरात्रि का सूरज और तारूफी खत पर पर चर्चा

31 अगस्त 2002 को इन्टरनेशनल सेन्टर , ब्राइ गाता, ओस्लो में भारत–नार्वे सूचना एंव सांस्कृतिक फोरम द्वारा आयोजित साहित्यिक कार्यक्रम में डा ,सुरेशचन्द्र शुक्ल द्वारा रचित कहानी संग्रहों अर्धरात्रि का सूरज (हिन्दी) पर पर चर्चा होगी तथा हास्य–व्यंग्य के चर्चित कवि सुनील जोगी को हिन्दी की विशिष्ट सेवा के लिए सम्मानित किया जायेगा।  कार्यक्रम की मुख्य अतिथि नार्वेजीय पार्लियामेन्ट सदस्य एंव रक्षा समिति की अध्यक्ष श्रीमती मारित नीबाक होंगी जो डा , सुनील जोगी को अपने कर कमलों द्वारा सम्मानित करेंगी।


भारत से

बैंगलोर में हास्य कवि सम्मेलन

24 अगस्त 2000 को बैंगलोर के ली मेरिडियन होटल में लायन्स क्लब द्वारा एक हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कवि सम्मेलन में हुल्लड, मुरादाबादी, अभिनव शुक्ला, मधुप पाण्डेय सुरेन्द्र दुबे, सुरेश अवस्थी, जगदीश सोलंकी, तथा एक मात्र कवियित्री अर्चना अंजुम नें अपनी रचनाओं से रात भर लोगों को गुदगुदाया। 

कवि सम्मेलन का प्रारंभ अर्चना अंजुम नें मॉं शारदा की स्तुति कर के किया, इसके पश्चात कानपुर से आए सुरेश अवस्थी नें बच्चों के प्रश्नो से जोड़ती एक रचना सुनाई। दुर्ग से आए डॉ सुरेन्द्र दुबे नें भी अपनी चुटीली रचनाओं द्वारा श्रोताओ को खूब गुदगुदाया, अर्चना अंजुम नें अपने सुमधुर गीतों से माहौल को खुशनुमा बना दिया। जगदीश सोलंकी नें वीर रस की कुछ ऐसी मर्मस्पर्शी रचनाएँ सुनाई कि लागों की आँखें भर आईं । जाने माने कवि अभिनव शुक्ला नें भी अपनी चिर परिचित कविता ‘हम भी वापस जाएँगे’ सुनाकर श्रोताओ को भाव विहोर कर दिया इसके बाद उन्होंने हास्य की रचनाएँ सुनाकर माहौल को खुशनुमा बना दिया। 

हुल्लड, मुरादाबादी नें गणपति बप्पा मोरिया से रचना पाठ प्रारंभ किया और फिर काफी देर तक लोगों को हॅंसाया। मधुप पण्डेय की रचना आतंकवादी को भी काफी सराहा गया। कार्यकम का संचालन मधुप पाण्डेय नें किया और बीच बीच में अपनी चुटकियों से श्रोताओं का भरपूर मनोरंजन किया।  सभी कवियों ने इतने उत्कृष्ट आयोजन के लिए लायन्स क्लब के अध्यक्ष श्री गर्ग को और ‘दक्षिण ध्वज’ समाचार पत्र के संपादक तथा जाने माने पत्रकार श्रीकांत पराशर को धन्यवाद दिया। इस कवि सम्मेलन से जमा धन का उपयोग गरीब बच्चों की शिक्षा हेतु लायन्स क्लब द्वारा संचालित एक विद्यालय के लिए किया जाएगा।

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