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      पिछले
        सप्ताह
       नगरनामा
        मेंनिर्मल वर्मा द्वारा डायरी शैली में
        लिखा गया हार्वर्ड का वृतांत
 सीढ़ियों पर
        सिगरेट
 °
 साक्षात्कार मेंशहनाई वादक बिस्मिल्लाह खां से
 डा दामोदर खड़से की बातचीत
 संगीत सारा झगड़ा खत्म
 कर
        देगा
 °
 मंच मचान मेंअशोक चक्रधर प्रस्तुत कर रहे हैं
 सखाभाव
        की साखनीरज
 °
 फुलवारी
        मेंजंगल के पशु श्रृखला में
        जानकारी
 याक
 हिरन का एक सुंदर सा चित्र
 रंगने
        के लिए
 और कविता  याक
 °
 कहानियों
        मेंयू के से तेजेन्द्र शर्मा की कहानी
 चरमराहट
  
 
      इस समय भी उसे अपना नाम याद नहीं आ
      रहा था। उसकी आंखों में आंसू आ गए थे, लाल आंसू! वह कभी
      उस दूर तक फैले मलबे को दख रहा था तो कभी सामने बने
      कच्चेपक्के मन्दिर को। उस टूटे हुए मलबे में से रहरहकर अज़ान
      की आवाज़ें निकलकर जैसे हवा में लहरा रही थीं। पूरे वातावरण का
      तनाव रहरहकर उसकी नसोंनाड़ियों में घुसा जा रहा था।
      मन्दिर में से आ रही आरती की आवाज़ भी उसके तनाव को ढीला नहीं
      कर पा रही थी। आसपास के लोगों के चेहरों पर अविश्वास और
      असुरक्षा की भावना जैसे गर्म लोहे से अंकित कर दी गई थी।1
 |  | !इस
        सप्ताह
         कहानियों
        मेंकैनेडा से सुरेश कुमार
        गोयल की कहानी
 ग़लतफ़हमी
 
 दिल्ली में मुझे मामाजी और
      मामीजी की बहुत याद आई। बारबार उनको फोन करने का मन किया
      परन्तु मैंने उनको फोन नहीं किया। पहले जब भी कभी दिल्ली आता
      था, मामाजी को अवश्य फोन करता था। फिर या तो उनके घर आकर
      उनसे मिल आता था या फिर करोलबाग में मामाजी और मामीजी
      अपनी बड़ी बेटी के घर आ जाते थे। वहीं उन सबसे मिल लेता था।
      इस बार न जाने क्यों मैं उनको फोन करके लिए उत्साहित नहीं था।
      मामाजी ने बाबूजी के स्वर्गवास पर मुझे पत्र न लिख कर जिस
      बेरूखाई का परिचय दिया उसको मैं नहीं भुला सका। मामाजी की
      बड़ी बेटी आभा के घर के पास से न जाने कितनी बार गुजरा हूंगा
      परन्तु मैं स्कूटर रिक्शा वाले को उसके घर की ओर चलने को न कह
      सका। 
      °
         सस्मरण मेंशेरजंग गर्ग की यादें पुराने
        दिन और
 साहित्यिक मित्रों के साथ
 एक था टी हाउस
 °
 वैदिक
      कहानियों मेंडा रति सक्सेना
      की कलम से
 सौर देवता
 °
 
        रसोईघर
        मेंपुलावों के स्वादिष्ट संग्रह में
 पुदीना
        पुलाव
 °
 
        परिक्रमा मेंकनाडा कमान के अंतर्गत
 मिसीसागा
        से सुमन कुमार घई की रपट
 अभ्युदय
        विमोचन संध्या
 और कवि सम्मेलन
 °
 
            
              | !सप्ताह का विचार!कविता
                वह सुरंग है जिसमें से गुज़र कर मनुष्य एक विश्व को
                छोड़ कर दूसरे
 विश्व में प्रवेश करता है।
 रामधारी सिंह दिनकर
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            | अनुभूति
              
              
              में
      
             |  
            |   | 
              यू एस ए, कैनेडा और भारत से चार नए कवियों कीसत्रह
 बिलकुल
              नई
 रचनाएं
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              °
      पिछले अंकों से°
      
             
      कहानियों
      मेंचोरीप्रत्यक्षा
 कोठेवाली(उपन्यास)स्वदेश
      राणा
 पीठममता कालिया
 बादल छंट गएअलका प्रमोद
 गौरैयारवीन्द्र कालिया
 ढंकी हुई बातेंतरूण
      भटनागर
 यही सच हैैमन्नू
      भंडारी
 °
 
      विज्ञान
        वार्ता में
        डा गुरूदयाल प्रदीप प्रस्तुत कर
        रहे हैं
 दो
        माँओं की बेटी कागुया
 
      
      °
        
             
        नगरनामा
        मेंग़ज़ाल ज़ैग़म का इलाहाबाद
 मौसम
        मेरे शहर के
 
        
      °
         
        प्रकृति
        और पर्यावरण मेंप्रभात कुमार का जानकारी पूर्ण
        आलेख
 सागर
        की संतानें
 अलनीनो एवं लानीना
 
        
      °
         
        आज
        सिरहाने
         में
        
        कमलेश्वर के उपन्यास
 कितने
        पाकिस्तान
 से परिचय
 
        
      °
         
        हास्य
        व्यंग्य मेंमहेश चंद्र द्विवेदी का आलेख
 ग्रे हाउंड से
        एटलांटा लुइविल सिनसिनाटी
 की यात्रा1
 
        
      °
         परिक्रमा मेंशैल
        अग्रवाल
        की लंदन पाती
 यात्रा और
        पड़ाव
 तथा
 सुमन कुमार घई की कनाडा कमान
 टोरोंटो
        में छाया प्रो अशोक चक्रधर का जादू
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