अनुभूति

 1. 1. 2005

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पिछले सप्ताह

प्रकृति और पर्यावरण में
प्रभात कुमार पर्यावरण की कलम से
पर्यावरण बनाम जनावरण

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प्रौद्योगिकी में
रविशंकर श्रीवास्तव का आलेख
विश्वजाल पर हिन्दी समूह

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विज्ञान वार्ता में
डा गुरूदयाल प्रदीप से जानकारी
सदुपयोग मकड़ी के जाले का

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परिक्रमा में
लंदन पाती के अंतर्गत शैल अग्रवाल
का चिर परिचित अंदाज़
पहचान

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कहानियों में
यू के से उषा राजे सक्सेना की कहानी
रूख़साना

चौबीस दिसंबर की शाम यानी क्रिसमस ईव। बाहर तेज़ बर्फ के साथ दक्षिणी तूफ़ानी हवा चल रही थी। जया ने एटिक की खिड़की से बाहर झांक कर देखा। सड़कों, छतों और पेड़ों पर बर्फ के फाहे सफ़ेद चादर फैलाते जा रहे थे। लोगों ने अपने घर के बाहर और अंदर रंग–बिरंगी नन्हीं–नन्हीं जलती–बुझती 'फेयरी–लाइट' लगा रखी थी। पूरा मिचम हज़ारों क्रिसमस ट्री से जगमग करता परियों के देश जैसा अदभुत, अनोखा और रहस्यमय लग रहा था। जया थोड़ी देर इस खूबसूरत दृश्य को आंखों में भरती, कल स्कूल में बच्चों को सुनाई कहानी पीटर–पैन और टिंका–बेल परी के बारे में सोच रही थी।
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इस सप्ताह

कहानियों में
यू एस ए से सुषम बेदी की कहानी
हवन शेष उर्फ किरदारों के अवतार

उस पहली जनवरी को जितनी ज़ोरदार बर्फ़ गिरी थी, कोई सौ बरस से वैसी बर्फ़ उस इलाके में न गिरी होगी। यूं समाचारों में था कि बर्फ़ीला तूफ़ान आएगा। पर तूफ़ान की सूरत इस क़दर हैरतनाक होगी, इसका अंदाज़ किसी को न था। इसीसे जब हवन का न्यौता मिला तो किसी ने यह सवाल भी नहीं उठाया कि कार्यक्रम में कुछ बदलाव किया जाए। यूं भी आजकल बर्फ़ तो आए रोज़ गिरती ही थी। आख़िर सर्दी का मौसम था। सुबह जब सब अपने घर से चले तो आसमान भरा–भरा सा तो था, लगता था कि कुछ होगा। पर इस तरह के भयंकर हालात का अंदेशा सचमुच किसी को न हुआ था।

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हास्य व्यंग्य में
नरेन्द्र कोहली का व्यंग्य
टाई

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ललित निबंध में
दुर्गा प्रसाद शुक्ला की कलम से
समय बहता हुआ

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सामयिकी में 
नव वर्ष के अवसर पर बृजेश का आलेख
नयी कविता में नया साल

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फुलवारी में
आविष्कार की नई कहानियां और
शिल्पकोना में नए साल का 

शुभकामना पत्र
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सप्ताह का विचार
कता का किला सबसे सुरक्षित होता है। न वह टूटता है और न उसमें रहने वाला कभी दुखी होता है।
—अज्ञात

 

क्षिण एशिया में आए समुद्री भूकंप से भारत सहित 11 देशों के 124,000 से अधिक लोग अभी तक अपना जीवन खो चुके है। हम इस दैवी आपदा में हाथ बटाने के लिए तत्पर देश और देशवासियों के साथ हैं।  
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प्रभावित लोगों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हुए त्सुनामी से संबंधित पांच विशेष रचनाएं प्रस्तुत कर रहे हैं : लहर का कहर में। 
          —टीम अभिव्यक्ति

अनुभूति में

अनुभूति का जन्मदिन
और
काव्य संकलन 
नव वर्ष अभिनंदन
में
कविताएं

–° नववर्ष विशेषांक में °–

 

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"अभिव्यक्ति" व्यक्तिगत अभिरूचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों  अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है।
यह पत्रिका प्रत्येक माह की 1 – 9 – 16 तथा 24 तारीख को परिवर्धित होती है।

प्रकाशन : प्रवीन सक्सेना  परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन, कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन 
  सहयोग : दीपिका जोशी
फ़ौंट सहयोग :प्रबुद्ध कालिया