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घर-परिवार रूप पुराना रंग नया


रूप पुराना रंग नया
कुछ उपयोगी सुझाव (संकलित)

 


१३- आइस-ट्रे में भोजन

छोटे बच्चों की रुचि भोजन में बनी रहे उसके लिये माँ को क्या नहीं करना पड़ता। उनकी पसंद के स्वास्थ्य- वर्धक ढेरों सामानो के अंबार को घर में रखना होता है। एक बार में २-४ चीजें होनी भी जरूरी हैं। पता नहीं बच्चे को क्या पसंद आए क्या न पसंद आए। फिर बच्चे इस तरह खाते हैं कि बचा हुआ सामान प्लेट में आपस में मिलकर किसी काम का नहीं रह जाता और फेंक देना पड़ता है। इससे बचने के लिये किसी पुराने बड़े फ्रिज की आइस ट्रे का प्रयोग किया जा सकता है। एक ट्रे में चौदह तरह के सामान रखे जा सकते हैं। जब यह स्वास्थ्यवर्धक महाभोज छुटकू को मिले तो वे क्यों न शौक से खाना खाएँ? बचा हुआ सामान अलग अलग सुरक्षित रहता है तो इसे आराम से क्लिंग रैप लगाकर फ्रिज में रख दें अगले भोजन के लिये जो खाने खाली हुए हैं उनमें नई चीजें भर दें, बस छुटकू का खाना तैयार।
१अप्रैल १९१२

 


१२- कद्दूकस में पेंसिलें

कद्दूकस घर में अक्सर एक से ज्यादा हो जाते हैं और समझ में नहीं आता कि उन्हें कहाँ रखा जाए। कोई भी पुराना कद्दूकस पेंसिल या चम्मच रखने का बढ़िया पात्र बन सकता है। बस यह तय करने की देर है कि इसे कहाँ लगाया जाय। रसोई में चम्मच रखने हैं तो इसके हैंडिल में तौलिया लटकाया जा सकता है। अगर बच्चों के कमरे में पेंसिल रखनी हैं तो हैंडिल का उपयोग कोई खिलौना लटकाने या रिबन लटकाने के काम में किया जा सकता है। बगीचे में भी इसका उपयोग खुरपी आदि छोटे औजारों को रखने के लिये किया जा सकता है। कद्दूकस में जंग लगी हो तो उसे साफ कर के मनचाहे रंग से रँग दें।
१८ मार्च १९१२

 


११- बटनों में सहेजें बुंदे

छोटे छोटे बुंदों को सहेजना आसान काम नहीं। अलग से एक छोटे डिब्बे में सहेजने पर भी जल्दी हो तो किसी बुंदे का जोड़ा ढूँढने में बहुत समय लग जाता है। इससे बचने का एक सादा और सहज उपाय है उन्हें चित्र में दिखाए गए तरीके से बटन में लगाकर रखना। आजमाकर देखें हो सकता है यह तरीका ऐसा मन भाए कि बुंदों से बटन का साथ हमेशा के लिये बन जाए।
११ मार्च १९१२

 


१०- संयोजन कुर्सी और टोकरी का

अक्सर घर में एक अकेली कुर्सी होती है, जिसका कोई सेट नहीं बचा और जो परिवार के सदस्यों का बोझ भी उठाने लायक नहीं रही, लेकिन जिसकी बनावट का सौंदर्य उसे फेंकने भी नहीं देता। अक्सर घर में एक पुरानी सुंदर टोकरी होती है जिसमें किसी ने उपहार में फल या मिठाईयाँ भेजी थीं पर बाद में उसका कोई उपयोग नहीं रहा। अगर घर में कोई ऐसी चीजें हैं तो उन्हें एक रंग में रंग डालें फिर वे बगीचे या बरामदे को अपने कलात्मक सौंदर्य से भर देंगी। रंग का संयोजन इस बात को ध्यान में रखकर करें कि उन्हें रखना कहाँ हैं और वस्तुओं का संयोजन इस बात को ध्यान में रखकर कि स्टोर रूम में बेकार क्या पड़ा है। कुर्सी और टोकरी के अतिरिक्त, चौकी और लोटा, छोटी मेज और पुराना लकड़ी वाला आइसक्रीम मेकर कुछ रोचक उदाहरण हैं।
४ मार्च १९१२


९- कोस्टरों के उपहार पत्र

जब हम विदेश जाते हैं तब मित्रों के लिये उपहार भी खरीदते हैं और लौटकर उन्हें सुंदर तरह से पैक कर के सबको देते हैं। उपहारों में नाम और संदेश लिखकर लगाने के लिये हम एक छोटा सा कार्ड भी खरीदते हैं। इस बार उपहारों पर लगाने के लिये कार्ड के स्थान पर उस होटल के कोस्टर लगाएँ जहाँ आप रुके थे। ये कोस्टर मजबूत कागज या हल्की प्लास्टिक के होते हैं। आपके मित्र इन्हें पाकर खुश हो जाएँगे। इन्हें हर कमरे में रोज बदला जाता हैं। अगर आप उन्हें न भी उठाएँ तो भी अगले दिन उन्हें फेंक दिया जाता है। तो फिर क्यों न इनको इकट्ठा करें, सहेजें और उपहारों पर संदेश लिखने के लिये इनका प्रयोग करें। इनमें एक छेद करें और मैचिंग रिबन से उपहार में बाँध दें या फिर टेप से चिपका दें। कुछ होटलों के कोस्टर बहुत ही सुंदर होते हैं, कुछ में स्थानीय दर्शनीय स्थलों के चित्र बने होते हैं या स्थानीय कलाकारों की कलाकृतियाँ। कुछ पर होटल के सुंदर लोगो होते हैं। इस बार यात्रा के समय ध्यान रखें और इन्हें अपने साथ लाना न भूलें।
२५ फरवरी २०१३



८- फूलदानों पर धातु के रंग

पुराने सुंदर डिब्बों को फूलदान या गमले के रूप में प्रयोग करने की प्रथा पुरानी है। उनको रंग बिरंगा रंग देना भी कोई नई बात नहीं। लेकिन इस बार एक नया प्रयोग करें। मामूली रंगों के स्थान पर धातु के रंगों का प्रयोग करें। धातु के रंग बाजार में अपेक्षाकृत नए हैं और देखने में खूब सुंदर लगते हैं। पीतल, चाँदी और ताँबे के रंग प्लास्टिक के डब्बों पर भी किये जाएँ ते वे बर्तन धातु के मालूम होते हैं। आप भी इन्हें आजमाएँ और घर में कुछ नयापन ले आएँ।
१८ फरवरी २०१३

 


७- पुराने ट्रैम्पोलिन का नया टेंट

अक्सर ट्रैम्पोलिन जब पुराने हो जाते हैं, उनका किनारा फट जाता है और स्प्रिंग बाहर निकल आते हैं। कूदने के लिये इनका उपयोग करना उचित नहीं होता क्यों कि जोर के धक्के से प्लास्टिक फटने का भय बना रहता है। ऐसे ट्रैम्पोलिन को थोड़ी सी कलात्मकता के साथ बगीचे के एक कोने की शोभा बनाया जा सकता है। यह बैठने और आराम करने की सुंदर जगह बन सकती है। धूप सेंकने और प्रकृति का आनंद लेने के लिये यह एक उपयुक्त स्थान है। अगर घर में ऐसा कोई पुराना ट्रैम्पोलिन है तो उसके इस रूप का भी आनंद लें।
११ फरवरी २०१३

 


६- पुराने दरवाजे का फोटोफ्रेम

अक्सर पुराने घरों में एक ऐसा दरवाजा होता है जिसमें बहुत से शीशे लगाने की जगह होती है। ये दरवाजे अधिकतर इसलिये गैराज में डाल दिये जाते हैं कि इनका जोड़ा खराब हो चुका होता है। अगर ऐसा कोई दरवाजा घर में है तो उसे रंग रोगन कर के घर की गैलरी में फोटोफ्रेम की तरह प्रयोग करना काफी कलात्मक रहेगा। अगर वह प्रवेश द्वार के पास है तो उसमें कुछ खूँटियाँ भी लगाई जा सकती हैं ताकि अतिथि अपनी टोपियाँ या छाते टाँग सकें।

४ फरवरी २०१३

 


५- फाइलकेस का सुंदर शेल्फ

अकसर फाइलों के पुराने केस (बायीं ओर चित्र में ऊपर) घर में पड़े रह जाते हैं जिनका कोई उपयोग नहीं होता। इनको रंग रोगन लगाकर दीवार में जड़ दिया जाए तो यो खूबसूरत शेल्फ की तरह दिखाई देते हैं (नीचे के चित्र में)। इसका उपयोग टेलीफोन या अन्य हल्के सामान रखने के लिये किया जा सकता है। अगर एक से अधिक फाइल केस हों तो दो या तीन को एक के ऊपर एक कुछ स्थान छोड़ते हुए भी लगाया जा सकता है। तब ये आकर्षक अलमारी के रूप में दिखाई देंगे। फिर इनमें कम वजन की सजावटी वस्तुएँ भी रखी जा सकती हैं।

२८ जनवरी २०१३

 



४- टूटे बक्से का कलात्मक उपयोग

एक सुंदर रंग वाले पुराने बक्से को बगीचे में किसी आकर्षक एंगिलों पर टिकाकर फूलों के गमलों से सजाया जा सकता है। आप चाहें तो इसे रंग कर दें चाहें नैसर्गिक सौंदर्य बनाए रखें या फिर इस पर अपनी किसी और कला का प्रदर्शन करें पर इतना तय है कि बेकार और जंक लगे पुराने बक्से से इस प्रकार सौन्दर्य की निर्माण करते देख आपके मित्र, संबंधी और परिचित तारीफ किये बिना न रहेंगे। फूल किस रंग के हों और बक्सा किस रंग का यह बात पहले से सोचकर तय न भी की हो तो तरह तरह के गमले अंदर रखकर देखा जा सकता है कि कौन से फूल बक्से के रंग के साथ सुंदर लग रहे हैं।
२१ जनवरी २०१३

 


 

३- बच्चों की पिकनिक टेबल का कायाकल्प

बच्चों की पुरानी पिकनिक मेजें अक्सर गैराज सेल या घर के पिछवाड़े धूल खाती दिखाई देती हैं (ऊपर)। इनको रंग रोगन लगाकर अगर मैचिंग कपड़े से सजा दिया जाए तो ये फिर से घर के किसी कोने को सुंदर बना सकती हैं (नीचे)।

रंग और कपड़ा कमरे के रंगों से मिलता हुआ हो बस इतना सा ध्यान रखने की आवश्यकता है। बच्चे बड़े हो चुके हैं और पिकनिक टेबल पिकनिक मनाने लायक नहीं रह गई तो उन पर गमले या कलात्मक वस्तुए सजाई जा सकती हैं।
१४ जनवरी २०१२

 



२-
पुरानी बेंचें सजाएँ पुस्तक-शेल्फ के रूप में

बड़े बरामदों और ढेर सी बेंचों वाले पुराने दिन अब नहीं रहे। अगर इस तरह की पुरानी बेंचें आपके घर में भी हैं तो उन्हें नया रंग लगाकर, एक के ऊपर एक रखकर एक सुंदर पुस्तक-शेल्फ का रूप दिया जा सकता है। बेंचों के रंग, कमरे के रंग से मिलते जुलते हों, फिर तो कहना ही क्या सजावट का आनंद और व्यवस्थित घर का सुख दोनो ही अपने हाथ में होंगे। इस बात का ध्यान रखें कि बेंचों का संतुलन बना रहे वे हाथ लगाने पर गिर न पड़ें। हो सके तो इन्हें दीवार में पेंच लगाकर कस दें।
७ जनवरी २०१३

 




१-
पुराना फोटो फ्रेम- ड्रेसिंग टेबल की ट्रे के रूप में

एक ऐसे सुंदर और कलात्मक पुराने फ्रेम को, जिसकी पालिश और रंग रोगन ऐसा नहीं रहा, कि उसे बैठक या प्रवेश द्वार के पास लगाया जा सके, सफेद रंग से रंग कर ड्रेसिंग ट्रे के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। यह आपकी दैनिक प्रयोग की चीजों को सहेज कर रखेगा। फोटो के स्थान पर कमरे के रंग से मिलता जुलता एक रंगीन सजावटी कागज रखना न भूलें।
३१ दिसंबर २०१२

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