इस अंक में-
संस्मरण- महादेवी वर्मा द्वारा रचित हृदयस्पर्शी रेखाचित्र वह चीनी भाई मैने अवज्ञा से उत्तर दिया- मैं विदेशी नहीं खरीदती।  हम क्या फारन है हम तो चाइना से आता है। कहने वाले के कंठ में सरल विस्मय के साथ उपेक्षा की चोट से उत्पन्न क्षोभ भी था। इस बार रूक कर उत्तर देने वाले को ठीक से देखने की इच्छा हुई। धूल से मटमैले सफेद किरमिच के जूते में छोटे पैर छिपाये पतलून और पाजामे का संमिश्रित परिणाम जैसा पाजामा और कुर्ता तथा कोट की एकता के आधार पर सिला कोट पहने उधड़े हुए किनारों से पुरानेपन की घोषणा करते हुए हैट से आधा माथा ढके दाढ़ी मूछ विहीन दुबली नाटी जो मूर्ति खड़ी थी-

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कहानियों में
कुवैत की पृष्ठभूमि पर आधारित दीपिका जोशी की कहानी 
कच्ची नीव

"...इतने में फोन की घंटी बजी। मेरी सहेली नेहा का फोन था। उम्र में छोटी होने के नाते वह मुझे दीदी कहती है। फोन पर ही रोने लग गयी।

 

दो पल में
अश्विन गांधी का आलेख
तत्व की तलाश में

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प्रकृति में
महेन्द्र सिंह रंधावा का आलेख
ऋतुओं की झांकी

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साहित्य संगम में 
बाल शौरि रेड्डी की तेलुगू कहानी चांदी का जूता

बाथरूम से सर पोंछते हुए वेंकेटश्वर राव सीधे बैठक में आ पहुंचा पंखा चलाया । अखबार हाथ में थमा कर कपड़े पहनने के लिए शयनकक्ष में चला गया । बैठक इस तरह सजाई गई थी मानों फिल्मी शूटिंग करने के लिए अभी अभी तैयार किया गया सेट हो । मैं मन ही मन अपने मित्र की पत्नी की अंलकारप्रियता का अभिनंदन करने लगा ।

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साहित्यिक निबंध में
होली का उत्सव और वसंत के मनोरंजन भारत में बहुत प्रचीन हैं। क्या आप जानते हैं संस्कृत कवियों और लेखकों ने इनका कैसा वर्णन किया है
मादक बहलाव वसंत के

 

कविताओं की पत्रिका
अनुभूति में

नयी ऋतु की नयी सूचना
हाइकू के नये संग्रह और हर रोज़ एक नयी कविता

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पिछले अंक से-

सामयिकी में 

26 मार्च को हिन्दी की महान कवियित्री लेखिका कलाकार और शिक्षाविद महादेवी वर्मा की जन्मतिथि है। इस अवसर पर प्रस्तुत है उनका संक्षिप्त परिचय व्यक्तित्व के अन्तर्गत।

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हास्य व्यंग्य में
बाला दुबे द्वारा रचित
मिर्ज़ा ग़ालिब की बम्बई यात्रा का व्यंग्यात्मक वर्णन
गालिब बम्बई में

 

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और
यश मालवीय की रचना

लेट गाड़ी और मुरझाता हार

प्रकाशन : प्रवीण सक्सेना -|- परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन, कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन
 
सहयोग : दीपिका जोशी
तकनीकी सहयोग  प्रबुद्ध कालिया

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