प्रत्येक सोमवार को प्रकाशित 
पुरालेख तिथि
अनुसारविषयानुसार हिंदी लिंक हमारे लेखक लेखकों से
SHUSHA HELP // UNICODE  HELP / पता-


पर्व पंचांग  २१. १. २००८

इस सप्ताह गणतंत्र दिवस के अवसर पर
भारत से राजेंद्र त्यागी की कहानी
अधूरा सवाल जनतंत्र का
''राजपथ व जनपथ में से कौन किसके ऊपर से गुजर रहा है? ..एक-न-एक तो जरूर दूसरे की छाती पर पांव रख आगे बढ़ा होगा। रेखागणित का सामान्य सिद्धांत है-जब दो रेखाएँ परस्पर एक-दूसरे को काटती हैं, तो दूसरी रेखा पहली रेखा के ऊपर से गुजरती है। ..जरूर यही सिद्धांत यहाँ भी लागू रहा होगा।'' राजपथ जनपथ के चौराहे पर खड़ा मुन्नालाल रेखागणित की इस पहेली को सुलझाने में मशगूल था। तभी जनतंत्र के दो पहरेदार आए और धकियाते-धकियाते उसे जनपथ की तरफ ले गए। मुन्नालाल ने अपने को संभाला। कपड़े-लत्ते झाड़े और कुत्ते की तरह अपने ही मसूढ़ों से निकला खून चाटते हुए पहरेदार से पूछ बैठा, ''भइया मेरी गलती क्या थी?'' जवाब में पहरेदार ने मुन्नालाल के गाल पर एक तमाचा रसीद कर दिया।

*

सप्ताह का विचार
जीवन दूध के समुद्र की तरह है, आप इसे जितना मथेंगे आपको इससे उतना ही मक्खन मिलेगा
 --घनश्यामदास बिड़ला

 

संजय ग्रोवर का व्यंग्य
राष्ट्रप्रेम

*

बृजेश कुमार शुक्ल से जानकारी
भारत के बारह राष्ट्रपति

*

क्या आप जानते हैं?
इस वर्ष मकर संक्रांति का पर्व पहली बार 15 जनवरी को मनाया जा रहा है। 1927 में यह पहली बार 14 जनवरी को मनाया गया था। इससे पहले मकर संक्रांति का पर्व 13 जनवरी को मनाया जाता था।

*

महावीर शर्मा का निबंध
दिल की गीता

*

रविशंकर श्रीवास्तव से प्रौद्योगिक जानकारी
2007 में इंटरनेट पर हिन्दी – कैसा रहा साल?

*

 

अनुभूति में-
आचार्य सारथी, तेजेंद्र शर्मा बिंदु भट्ट के साथ गणतंत्र दिवस के अवसर पर अनेक कवियों की नई रचनाएँ

1
कलम गही नहिं हाथ
शारजाह का पिछला सप्ताह बारिश का था। मध्यपूर्व के रेगिस्तान में वर्षा ऋतु एक हफ़्ते की ही होती है। इन सात दिनों में इमारात की दुनिया में सर्दी का साम्राज्य छाया रहता है। घर में बारिश, सड़कों पर बारिश हर तरफ़ बारिश ही बारिश। रोशनी कम हो जाती है, न्यूनतम तापमान आठ से बारह डिग्री सेल्सियस पहुँचता है, स्कूल बंद हो जाते हैं, लोग काम पर जाना पसंद नहीं करते और यातायात अस्त व्यस्त हो जाता हैं। जिस जगह 20 मिनट में पहुँचा जा सकता है उस जगह पहुँचने में दो घंटे भी लग जाएँ तो बड़ी बात नहीं। अख़बारों के पन्ने वर्षा की तस्वीरों से रंगे रहते हैं, जैसे कोई उत्सव चल रहा हो शहर में। यह वह समय है जब लोग घरों और कारों में हीटिंग का आनंद लेते हैं। भीतर चाय और कावा के दौर चलते हैं,  बाहर बगीचे डूबे रहते हैं पानी के ताल में और खिड़कियों पर बारिश संतूर छेडती है, बेहद ठंडी बूँदों से शीशों पर कोहरा चढ़ाती हुई। इस मौसम के कुछ फ़ोटो हैं दुबई के नामी फोटोग्राफ़र हद्रियान हरनंदेज़ के कैमरे से जो गल्फ़ न्यूज़ में छपे। शायद आपको भी मनोरंजक लगें।
-पूर्णिमा वर्मन (टीम अभिव्यक्ति)

अपनी प्रतिक्रिया  लिखें / पढ़ें

 

Click here to send this site to a friend!

 

नए अंकों की पाक्षिक
सूचना के लिए यहाँ क्लिक करें

© सर्वाधिकार सुरक्षित
"अभिव्यक्ति" व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है।
यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को प्रकाशित होती है।

प्रकाशन : प्रवीण सक्सेना -|- परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन¸ कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन
-|-
सहयोग : दीपिका जोशी

 

 

 

 

 

Google
Search WWW Search www.abhivyakti-hindi.org

blog stats
 

१ २ ३ ४ ५ ६ ७ ८ ९ ०