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साहित्य समाचार

जहाजी चालीसा का लोकार्पण

त्रिनिडाड एवं टोबैगो के प्रधानमंत्री बासदेव पांडेय प्रेम जन्मेजय द्वारा प्रस्तुत जहाजी चालीसा की पांडुलिपि का लोकार्पण करते हुए।

एन सी आई सी द्वारा दीवाली नगर त्रिनिडाड में आयोजित भारतीय आगमन दिवस पर त्रिनिडाड एवं टोबैगो के प्रधानमंत्री श्री बासदेव पांडेय ने प्रेम जन्मेजय द्वारा लिखित ‘जहाजी चालीसा’ की पांडुलिपि का लोकार्पण किया। 

इस अवसर पर प्रधानमंत्री की पत्नी श्रीमती उमा पांडेय, भारतीय उच्चायुक्त प्रो परिमल कुमार दास, सांस्कृतिक मंत्री गंगासिंह, केंद्रीय मंत्री मनोहर रामसरन, शगवानास के मेयर औरलैंडो नागेसर, एन आई सी के अथ्यक्ष देवकी नंदन शर्मा, रवी जी, शम्सुद्दीन, दीवाली नगर के अथ्यक्ष बेनी बालकरन, भारतीय उच्चायोग में काउंसलर राजेन्द्र भगत, सूरजदेव मंगरू आदि अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे। 

इस अवसर पर शिरोमणि और गीता ने कुछ अंशों का गायन प्रस्तुत किया। 

 गीत मंजरी का विमोचन

चित्र में बाएं से दाएं गीत मंजरी के रचयिता रमेश पटेल, श्री जगदीश मित्तर कौशल, श्री आनंद विद्यासागर, श्री सलमान आसिफ।

लंदन में आयोजित एक कार्यक्रम में भारतीय विद्या भवन के संस्थापक श्री रमेश पटेल के गीत संग्रह ‘गीत मंजरी’ का विमोचन किया गया। मुख्य अतिथि थे अमरदीप साप्ताहिक के संपादक जगदीश मित्तर कौशल। कार्यक्रम के अन्य अतिथियों में प्रमुख थे प्रतिष्ठित साहित्यकार डा सत्येन्द्र श्रीवास्तव तथा भारतीय उच्चायोग के सांस्कृतिक अधिकारी अनिल शर्मा।

इस अवसर पर अतिथियों से कवि का परिचय कराते हुए कथा लेखक तेजेन्द्र शर्मा ने कहा कि रंगून में जन्मा, नासिक में पला बढा और लंदन में पहले भारतीय रेस्त्रां का शुभारंभ  करने वाला यह कवि आज भी अपने आयुर्वेदिक केन्द्र में लोगों को स्वाथ्य लाभ कराता है तथा अपनी मातृभाषा गुजराती और हिन्दी में कविता लिखता है।

श्री कौशल ने हिन्दी भाषा के प्रति रमेश पटेल के सहयोग की सराहना की तथा पुस्तक के विषय में बोलते हुए कहा कि गीत मंजरी के गीतों में प्रेम तथा आत्मा के आनंद की अभिव्यक्ति हुई है।
 

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