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						 ज्योतिष से वृक्ष और पौधों
 का संबन्ध
 (संकलित)
 
 
						
						
						
						९-
						राहू के लिये  दूब और चंदन 
 चंदन और 
						दूब का सम्बंध राहू ग्रह से है। चंदन परजीवी वृक्ष है। इस 
						पौधे की जड़ें हॉस्टोरिया के सहारे दूसरे पेड़ों की जड़ों 
						से जुड़कर भोजन, पानी और खनिज पाती रहती है। चंदन के 
						परपोषकों में नागफनी, नीम, शिरीष, अमलतास, हरड़ आदि पेड़ों 
						की जड़ें मुख्य हैं। वृक्ष की आयुवृद्धि के साथ ही साथ 
						उसके तनों और जड़ों की लकड़ी में सौगंधिक तेल का अंश भी 
						बढ़ने लगता है। इसकी पूर्ण परिपक्वता में आठ से लेकर बारह 
						वर्ष तक का समय लगता है। चंदन की जड़ को 
 दूब एक प्रकार की घास है जिसका प्रयोग धार्मिक कार्यों में 
						किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार दूब में प्रोटीन, 
						कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, पोटाशियम जैसे पोषक 
						तत्व पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं जो कि पित्त और 
						कब्ज जैसे विकारों को दूर करते हैं... ऐसे में इसका सेवन 
						पेट की समस्याओं, यौन रोगों और लीवर के रोगों में लाभदायी 
						होता है। आयुर्वेद में एक जगह यह भी कहा गया है कि दूब के 
						रस में सफेद चंदन और मिश्री मिलाकर पीने से रक्तप्रदर में 
						लाभ मिलता है, साथ ही दूब के सेवन से गर्भाशय को शक्ति और 
						पोषण मिलते है।
 
						१ 
						सितंबर २०१८ |