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पर्व पंचांग   ७. १. २००८

इस सप्ताह

भारत से रवींद्रनाथ भारतीय की कहानी
नव वर्ष : दो डायरियाँ समानान्तर

दो डायरियों के पन्ने फाड़ कर आपके सामने लाया हूँ। बुढ़ापे और बचपने में बस हमारी ही नज़र का फेर होता होगा, वरना फ़र्क है क्या? एक जगह ठिठके हुए से लोगों का अपने आस पास भागते दौड़ते लोगों को देखना। एक बस अभी चलना चाह ही रहा है, उछल कर असमान छू लेने का मन बनाए हुए है और दूसरा चल कर अपने हिस्से का दौड़ कर, अपने हिस्से का आसमान नाप कर ज़मीन तलाश रहा है, पथरीली नहीं, सपाट। दर्शक हैं दोनों ही, पवित्र, निर्लिप्त, निष्पक्ष दृष्टा....ये दोनों डायरियाँ बस पड़ी मिल गईं अख़बार बेचते हुए कबाड़ी के ठेले पर, किसी और फालतू कहानी से नहीं जोडूँगा इसे। साथ उठा लाया, अब पढ़ रहा हूँ, आपके साथ ही।

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सप्ताह का विचार

उत्तरदायित्व में महान बल होता है, जहाँ कहीं उत्तरदायित्व होता है, वहीं विकास होता है।
--दामोदर सातवलेकर

 

अविनाश वाचस्पति का व्यंग्य
क्रोध करिए काम पर चलिए

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घर-परिवार में गृहलक्ष्मी से गपशप
बधाई हो बधाई

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क्या आप जानते हैं?
जनवरी भारतीय साहित्य और फ़िल्म की दुनिया में महत्वपूर्ण दिन है क्यों कि इस दिन लेखिका शोभा डे,   नाटककार विजय तेंदुलकर, अभिनेता जॉनी लीवर तथा अभिनेत्री रीना राय और बिपाशा बासु का जन्मदिन है।

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रसोईघर में तैयार है सप्ताहांत का रात्रिभोज
अरुणा घवाना ठाकुर की देखरेख में

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खोज-यात्राओं की कहानियों में बच्चों के लिए जानकारी- खोज के उपकरण

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अनुभूति में-
भारतेंदु मिश्र, कुंअर बेचैन, अमित प्रभाकर, सुनीता चोटिया और असीम त्रिपाठी की रचनाएँ

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कलम गही नहिं हाथ
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हम सभी जानते हैं कि भारत की प्राचीन सभ्यता अत्यंत विकसित थी और हज़ारों वर्ष पूर्व अनेक ऐसे आविष्कार यहाँ हो चुके थे जिनको १६वीं शती के आसपास पाश्चात्य देशों ने अपने नाम पेटेंट करवाया। ऐसे अनेक आविष्कारों और विकासों के तथ्य और प्रमाण आज सार्वजनिक नहीं हैं लेकिन निर्विवाद रूप से सारा विश्व यह स्वीकार करता है कि आर्यभट्ट ने शून्य और दशमलव का आविष्कार किया तथा गणित का प्रारंभिक विकास भारत में ही हुआ। अपनी भाषा, संस्कृति और पूर्वज गणित-विशेषज्ञों के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए हम इस अंक से अभिव्यक्ति में देवनागरी अंकों का प्रयोग प्रारंभ कर रहे हैं।

यू.एस.ए. से पाठक महेश चंद्रा के अनुरोध पर सहयोगी अरुणा घवाना ठाकुर ने विशेष रूप से तैयार किया है सप्ताहांत का रात्रिभोज। साथ ही बच्चों के लिए नई शृंखला शुरू हो रही है- खोज कथाएँ। लिखना न भूलें कि ये आयोजन कैसे लग रहे हैं। -पूर्णिमा वर्मन (टीम अभिव्यक्ति)

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"अभिव्यक्ति" व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है।
यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को प्रकाशित होती है।

प्रकाशन : प्रवीण सक्सेना -|- परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन¸ कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन
-|-
सहयोग : दीपिका जोशी

 

 

 

 

 

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