1
  पुरालेख तिथि-अनुसार पुरालेख विषयानुसार
           अभिव्यक्ति-समूह : फेसबुक पर

 हमारे लेखक // तुक कोश // शब्दकोश // पता-


१. ४. २०२

इस सप्ताह-

अनुभूति में- 1
चैत्र के उत्सवी दिनों को संजोती, अनेक रचनाकारों द्वारा रची, ढेर-सी रचनाएँ।

- घर परिवार में

रसोईघर में- रामनवमी और चैत्रनवरात्र के अवसर पर हमारी रसोई संपादक शुचि प्रस्तुत कर रही हैं- फलाहारी व्यंजन

सौंदर्य सुझाव -- रोज़ रात में सोने से पहले आँखों में एक-एक बूँद गुलाबजल डालने से आँखें स्वस्थ और सुंदर बनी रहती हैं।

संस्कृति की पाठशाला- भारतीय कैलेंडर विक्रम संवत के अनुसार, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा यानि चैत्र नव रात्रि के प्रथम दिन नव वर्ष मनाया जाता है।

क्या आप जानते हैं? कि चैत्र के महीने में गुड़ी पड़वा, होला मोहल्ला, युगादि, विशु, वैशाखी, नवरेह, उगाडी, चेटीचंड, चित्रैय तिरुविजा आदि सभी पर्व नव वर्ष के उपलक्ष्य में मनाए जाते हैं।

- रचना और मनोरंजन में

गौरवशाली भारतीय- क्या आप जानते हैं कि अप्रैल के महीने में कितने गौरवशाली भारतीय नागरिकों ने जन्म लिया? ...विस्तार से 

सप्ताह का विचार- नव का अर्थ है निरंतर विकसित होते रहना। नई कल्पना, नया उत्साह, नई खोज और नई स्फूर्ति नये साल के साथ बढ़ना चाहिये। -मुक्ता

वर्ग पहेली-३३६
गोपालकृष्ण-भट्ट-आकुल और रश्मि आशीष के सहयोग से


 

हास परिहास में
पाठकों द्वारा भेजे गए चुटकुले

साहित्य और संस्कृति में- चैत्र उत्सव मनाते हुए

वरिष्ठ कथाकारों की प्रसिद्ध कहानियों के स्तंभ
गौरव गाथा में प्रस्तुत है जयशंकर प्रसाद की
कहानी- चंदा

चैत्र-कृष्णाष्टमी का चन्द्रमा अपना उज्ज्वल प्रकाश 'चन्द्रप्रभा' के निर्मल जल पर डाल रहा है। गिरि-श्रेणी के तरुवर अपने रंग को छोड़कर धवलित हो रहे हैं, कल-नादिनी समीर के संग धीरे-धीरे बह रही है। एक शिला-तल पर बैठी हुई कोलकुमारी सुरीले स्वर से-'दरद दिल काहि सुनाऊँ प्यारे! दरद' ...गा रही है।
गीत अधूरा ही है कि अकस्मात् एक कोलयुवक धीर-पद-संचालन करता हुआ उस रमणी के सम्मुख आकर खड़ा हो गया। उसे देखते ही रमणी की हृदय-तन्त्री बज उठी। रमणी बाह्य-स्वर भूलकर आन्तरिक स्वर से सुमधुर संगीत गाने लगी और उठकर खड़ी हो गई। प्रणय के वेग को सहन न करके वर्षा-वारिपूरिता स्रोतस्विनी के समान कोलकुमार के कंध-कूल से रमणी ने आलिंगन किया। दोनों उसी शिला पर बैठ गये, और निर्निमेष सजल नेत्रों से परस्पर अवलोकन करने लगे। युवती ने कहा- तुम कैसे आये?
युवक- जैसे तुमने बुलाया। आगे...

***

दीपिका ध्यानी घिल्डियाल का संस्मरण
पहाड़ पर वसंत

***

प्रकृति और पर्यावरण में
मंजु बालौदी का आलेख- पहाड़ों पर बुरांस

***

पर्व परिचय में अग्निशेखर से जानें
'नवरेह' है कश्मीरियों का विशेष नवसंवत्सर

***

शांति जैन का निबंध
चैत मास का विशेष गीत चैती

रामनवमी के अवसर पर विशेष-

साहित्यिक निबंध में-

bullet रोम रोम में बसने वाले राम- डॉ. मनोहर भंडारी
bullet शाश्वत राम हमारे- महेशदत्त शर्मा

संस्कृति में-

bullet दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों में बसी रामकथा- संकलित

पर्यटन में-

bullet राम का शरण स्थल चित्रकूट धाम- डॉ. विभा सिंह के साथ

कला दीर्घा में-

bullet दक्षिण-पूर्व एशिया के रामायण शिलाचित्र- देवेन्द्र ठाकुर

दृष्टिकोण में-

bullet तुलसी का रामराज और वर्तमान में उसकी प्रासंगिकता- डॉ. संजीव कुमार

लघुकथा में-

bullet श्रम का पुरस्कार- मुक्ता पाठक

ललित निबंध में-

bullet रामकथा की सांस्कृतिक यात्रा - श्रीराम परिहार

पर्व परिचय में-

bullet उल्लास और आदर्श का स्मरण पर्व राम नवमी- ज्योतिर्मयी पंत से

फुलवारी में-

bullet छोटे बच्चों के लिये कहानी- रामनवमी - पूर्णिमा वर्मन 1

आज सिरहानेउपन्यास उपहार कहानियाँ कला दीर्घा कविताएँ गौरवगाथा पुराने अंक नगरनामा रचना प्रसंग पर्व पंचांग घर–परिवार दो पल नाटक परिक्रमा पर्व–परिचय प्रकृति पर्यटन प्रेरक प्रसंग प्रौद्योगिकी फुलवारी रसोई लेखक विज्ञान वार्ता विशेषांक हिंदी लिंक साहित्य संगम संस्मरण
चुटकुलेडाक-टिकट संग्रहअंतरजाल पर लेखन साहित्य समाचार साहित्यिक निबंध स्वास्थ्य हास्य व्यंग्यडाउनलोड परिसरहमारी पुस्तकें

© सर्वाधिकार सुरक्षित
"अभिव्यक्ति" व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है।
यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को प्रकाशित होती है।

प्रकाशन : प्रवीण सक्सेना -|- परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन, कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन

Google
Search WWW Search www.abhivyakti-hindi.org


१ २ ३ ४ ५ ६ ७ ८ ९ ०