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फुलवारी खोज-कथाएँ

अफ़्रीका की खोज

अफ़्रीका के विशाल महाद्वीप का पता सबसे पहले योरोपीय नाविकों ने १९वीं सदी में लगाया। घने जंगल, विस्तृत मरुस्थल और चौड़े पाट वाली गहरी नदियों के कारण इसकी खोज में अनेक कठिनाइयाँ थीं।

ब्रिटिश अन्वेषक और ईसाई धर्मप्रचारक डेविड लिविंगस्टोन (दाएँ) ने १८४१ से १८७३ में अपनी मृत्यु तक अफ़्रीका की ५,००० किलो मीटर की लंबी यात्रा की। एक बार उसे शेर ने हमले का शिकार भी होना पड़ा।

अफ्रीका की सबसे प्रसिद्ध महिला अन्वेषक मेरी किंग्स्ले (बाएँ) थीं। १८९० में उन्होंने पश्चिम अफ़्रीकी चिड़ियों की अनेक ऐसी प्रजातियों की सूची बनाई और जानकारी इकट्ठा की जिनके विषय में शेष विश्व को पहले कुछ पता नहीं था।

१८२० में अन्वेषक हग क्लैप्परटन, वाल्ट ओडनी और डिक्सन डैनहम ने सहारा के मरुस्थल को पार किया और अनेक अरब नेताओं से दोस्ती की। एक जर्मन अन्वेषक हांस मेयर ने १८८९ में अफ़्रीका के सबसे ऊँची पर्वत शृंखला किलिमंजरो की सबसे ऊँची चोटी पर विजय प्राप्त की।

 
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१२ मई २००८

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