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रसोईघर- फलाहार

- शुचि की रसोई से  

फलाहारी थालीपीठ


 सामग्री (१० थालीपीठ के लिए)
bullet साबूदाना आधा चाय का प्याला
bullet उबले आलू २ मध्यम
bullet सिंघाड़े का आटा एक तिहाई चाय का प्याला
bullet भुनी मूँगफली ४ बड़े चम्मच
bullet हरा धनिया और हरी मिर्च बारीक कटी, सेंधा नमक और नीबू का रस स्वादानुसा
bullet तेल सेकने के लिए और सूखा सिंघाड़े का आटा, थालीपीठ बेलने के लिये

बनाने की विधि

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साबूदाने को बीनकर धोएँ और पानी में २-३ घंटे के लिए भिगो दें। इसे मुलायम हो जाना चाहिये। अगर साबूदाना कड़ा लगता है तो थोड़ा और पानी डालकर कुछ और देर के लिए इसे भिगो दें। भीगे साबूदाने में को थालीपीठ के लिए इस्तेमाल करने से पहले चलनी में रखें ताकि अतिरिक्त पानी निकल जाए।

bullet उबले आलू को छील कर अच्छी तरह मसल लें, या कद्दूकस कर लें।
bullet भुनी मूँगफली को दरदरा कूट लें।
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एक कटोरे में भीगा साबूदाना, मसले आलू, सिंघाड़े के आटा, दरदरी कुटी मूँगफली, बारीक कटी हरी मिर्च, बारीक कटा हरा धनिया और नीबू का रस डालकर अच्छी तरह मिला लें।

bullet इस मिश्रण को १० बराबर हिस्सों में बाटें और लोई बना लें।
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मध्यम आँच पर तवा रखें। और लोई को सूखे सिंघाड़े के आटे की मदद से लगभग ३-४ इंच गोलाई में बेल लें। थालीपीठ थोड़ा मोटा ही रहे।

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तवा गरम हो जाए तो इसकी सतह को ज़रा सा तेल/ घी लगाकर चिकना करें और इसके ऊपर थालीपीठ को पराठे की तरह दोनों तरफ से सेंक लें।

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स्वादिष्ट फलाहारी थालीपीठ को फलाहारी खट्टी चटनी और दही के साथ परोसें। इसको खीरे या लौकी के फलाहारी रायते साथ भी परोस सकते हैं।

टिप्पणी-

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तवा बड़ा हो तो एक साथ २-३ थालीपीठ भी सेके जा सकते हैं। इससे समय और ईधन दोनों की ही बचत होती है।

bullet सिंघाड़े के आटे के स्थान पर कूटू के आटे का भी प्रयोग किया जा सकता है।
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विदेश में साबूदाना इंडियन स्टोर के अतिरिक्त साबूदाना ट्रॉपीकाना के नाम से ऑर्गेनिक स्टोर में मिलता है।

१५ अप्रैल २०१३

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