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१६ अगस्त २००२

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कथा महोत्सव
२००२
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प्रवासी भारतीय लेखकों की कहानियों की श्रृंखला में प्रस्तुत है यूके से शैल अग्रवाल की कहानी
वापसी

लंदन सोता नहीं, पर चन्द सोए लोग जगें, इसके पहले ही हेमंत उठ जाता है . . . ताजी, अनछुई हवा को सीने में समेटे . . . उस ठंडी सिहरन से होठ और गाल सहलाता हुआ और फिर उस कुहासे में दौड़ते हुए ही पूरे दिन की रूप–रेखा बना लेता है . . . स्पष्ट और साफ–साफ। अँधेरे से तो वह कभी नहीं डरा। वैसे भी यहाँ अगर ज्यादा सूरज निकल आए तो आँखें चुधियाँ जाती है। काले–चश्मे की जरूरत पड़ जाती है।

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यू  एस ए से सुरेन्द्रनाथ तिवारी की कहानी उपलब्धियाँ

मैं मन ही मन सोच रहा था इंजीनियरिंग कालेज का टापर, कोर ऑफ इंजीनियर्स का ब्रिगेडियर, किस तरह अपने गरूर को ताक पर रख कर टेकनीशियन की नौकरी करता होगा।

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कनाडा से अश्विन गांधी की कहानी
अनजाना सफर

एक कश लोगे, अमर?' गहरा कश ले कर जेनेट ने अपनी सिगरेट अमर की ओर बढ़ाई।


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अगले अंक में यू ए ई से
कृष्ण बिहारी की कहानी
जड़ों से कटने पर
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अभिव्यक्ति दो साल की
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अश्विन गांधी

पलकों में साल बीत गया
अभिव्यक्ति दो साल की हो गई।
वसंत आया आयी गरमी
बारिश हुई सर्द भी हो गई।
जहाँ भी रहे जिस हाल में रहे
साथ रही हिंदी रहा दिल हिंदुस्तानी।
पुराने साथी साथ रहे
नये साथी बनते गये।
कारवाँ बढ़ता गया
राहे मंज़िल बनती रही।
तमन्ना रही वो खुशी की
जो बाज़ार में बिकती नहीं।
दिल दरिया बना है आज
खुशी खुशी लहर लहर।
दो साल की अभिव्यक्ति
प्यारी बच्ची कितनी प्यारी 

°°° पीले फूल °°°

प्रिय मित्रों,

भारतीय स्वतंत्रता दिवस के पावन पर्व पर अभिव्यक्ति अपना दूसरा साल पूरा कर रही है। इस मिल कर बनाने और संवारने में आप सबने जिस त्याग और तत्परता का परिचय दिया है वह हमारे देश और भाषा प्रेम का अद्भुत उदाहरण है। यह प्रेम, यह सौहार्द यह जुनून बना रहे यही कामना है।

साथ ही कुछ नये स्तंभों के बारे में जो इस साल आपके साथ रहेंगे। प्रारंभ हुआ था कथा महोत्सव से। दस कहानियों की यह श्रृंखला प्रति सप्ताह अभी जारी रहेगी।

साथ ही धमाकेदार प्रविष्टि है भारत के संघर्षशील लेखक अभिज्ञात की खुली कलम से उनकी जिन्दग़ी के दस्तावेज़ों के साथ। 'तेरे बगैर ' शीर्षक से लंबी धारावाहिक इस आत्मकथा की पहली किस्त आप पढ़ेंगे २३अगस्त के अंक में। 
'
महानगर की कहानियाँ' शीर्षक से एक विशेष शृंखला सूरज प्रकाश की कलम से होगी लघुकथाओं के रूप में और बच्चों के लिये 'सितारों की दुनियाँ' ले कर आयी हैं इला प्रवीन। आशा है ये आयोजन आपको पसंद आयेंगे। हमेशा की तरह अपनी प्रतिक्रिया से अवगत कराते रहें । पत्रों के इंतज़ार में —टीम अभिव्यक्ति

अनुभूति में 
जारी है
स्वतंत्रता दिवस समारोह
२३ अगस्त तक
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स्वतंत्रता दिवस विशेषांक
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सामयिकी में
एक संक्षिप्त परिचय 
भारतीय गणतंत्र के
दस राष्ट्रपतियों से
और
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर
राजेश्वर प्रसाद नारायण का लेख
वंदेमातरम की कहानी

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प्रेरक प्रसंग में
स्वतंत्रता दिवस से जुड़ा जया मुखर्जी का रोचक आलेख 
विदेशी तिरंगा 
हिन्दी रूपान्तर दीपिका जोशी का है

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रसोईघर में
स्वतंत्रता दिवस के विशेष व्यंजन
तैयार हैं। मिठाई में है —
तिरंगी बर्फी और नमकीन
में तिरंगा सैंडविच

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परिक्रमा में
दिल्ली दरबार के अंतर्गत
भारत के राजनैतिक और सामाजिक
पहलुओं की जानकारी
बृजेशकुमार शुक्ल के लेख

राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण में

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साक्षात्कार में 
इस वर्ष 8 मार्च को पाकिस्तान
दूरदर्शन के साथ सुषमा स्वराज के
बहुचर्चित साक्षात्कार का
सम्पूर्ण आलेख

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हास्य व्यंग्य में 
भूपेंद्र सिंह कटारिया का 
ज़बरदस्त व्यंग्य 
हमारे नेताजी!

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प्रकाशन : प्रवीन सक्सेना   परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन, कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन
  सहयोग : दीपिका जोशी
तकनीकी सहयोग : प्रबुद्ध कालिया
  साहित्य संयोजन : बृजेश कुमार शुक्ला

 

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