अनुभूति

 16. 10. 2003

आज सिरहानेआभारउपहारकहानियांकला दीर्घाकविताएंगौरवगाथाघर–परिवार
दो पल
परिक्रमापर्व–परिचयप्रकृतिपर्यटनप्रेरक प्रसंगफुलवारीरसोईलेखकलेखकों सेविज्ञान वार्ता
विशेषांक
शिक्षा–सूत्रसाहित्य संगमसंस्मरणसाहित्य समाचारसाहित्यिक निबंधस्वास्थ्यसंदर्भसंपर्कहास्य व्यंग्य 

 

पिछले सप्ताह

परिक्रमा में
दिल्ली दरबार के अंतर्गत
बृजेशकुमार शुक्ला का आलेख
भूटान नरेश की भारत यात्रा

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रसोईघर में  
स्वास्थ्यवर्धक स–फल व्यंजन 
मूंगिया मलाई

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धारावाहिक में 
कृष्ण बिहारी की आत्मकथा का
अगला भाग
अपनों के बीच बेगानापन

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संस्मरण में
उषा राजे सक्सेना द्वारा सातवें
'अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन' के संस्मरण
यादें सूरीनाम की (दूसरा भाग)

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कहानियों में
यू एस ए से लक्ष्मी शुक्ला की कहानी
अनहिता

"अनहिता"  . . .
बहुत प्यार से मुस्कराकर उसने अपना नाम
बताया। उसके सौन्दर्य के अनुरूप मुझे
यह नाम कुछ विचित्र सा लगा। मेरे मन
का भाव समझकर डा• मल्होत्रा ने बताया
कि ईरानी भाषा में 'अनहिता' एक ऐंजिल
का नाम है। मैंने सोचा तब तो यह नाम
बहुत उचित है। यह स्त्री भी किसी
देवकन्या से कम नहीं लगती। अनहिता
भी मुझसे टूटी फूटी अंग्रेजी में बात करती
रही। मेरी जो बात वह न समझ पाती,
उसके पति उसे फ्रेंच में समझा देते।
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दीपावली विशेषांक

कहानियों में
यू के से शैल अग्रवाल की कहानी
दिये की लौ

माहौल में पूरी तरह से डूबी पैरिस की आंखे कोने–कोने का जायजा लेने लगीं . . .कहीं मेंहदी, चूड़ी, और बिन्दी की डिज़ाइनों का ढेर तो कहीं हंस–हंस सब कुछ छांटती खरीदती किशोरियां। कहीं भारत की हस्तकला में डूबे तरूण तो कहीं मंत्रमुग्ध अपनी हसत रेखाओं में भविष्य ढूंढ़ता विद्यार्थियों का जत्था। एक जोशीला और रंगीन माहौल था विद्यालय के उस प्रांगण में मानो नन्हा भारत बादलों के पंख चढ़ उतर आया हो वहां अपना सारा उल्लास और समन्वय समेटे हुए।

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उपहार में
शुभकामना संदेश सचित्र कविता के साथ
दीप जलें

!°°°

साहित्यिक निबंध में
लोक गीतों में कर्तिक माह का महत्व प्रस्तुत कर रही हैं मृदुला सिन्हा
कार्तिक हे सखी पुण्य महीना  
के अंतर्गत

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हास्य व्यंग्य में
प्रेम जनमेजय का आलेख
तुम ऐसे क्यों आयीं लक्ष्मी

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पर्व परिचय में
प्रमिला कटरपंच
का आलेख 
 लोकपर्व सांझी

!सप्ताह का विचार
जो दीपक को अपने पीछे रखते हैं
वे अपने मार्ग में अपनी ही छाया
डालते हैं।
रवीन्द्र

 

अनुभूति में

दीपावली महोत्सव
2003

जारी है 
30 अक्तूबर तक रोज़ एक नयी कविता के साथ

दीपावली विशेषांक समग्र

° पिछले अंकों से°

  कहानियों में
बीस फुट के बापूजी–एस आर हरनोट
उत्तरजीवितादिव्या माथुर
सलमाउषा वर्मा
पहचान एक शाम कीशैलजा सक्सेना
शिशिर की शारिकाबी मुरली
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पर्व परिचय में दशहरे के अवसर पर
विशेष लेख दीपिका जोशी की कलम से
कुल्लू का दशहरा
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कलादीर्घा में कला और कलाकार के
अंतर्गत
विजयेन्द्र विज का परिचय
उनके चित्रों के साथ
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फुलवारी में इला प्रवीन से जानकारी
मंगल ग्रह और पूर्णिमा वर्मन की चित्रकथा सैर
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विज्ञान वार्ता में 
डा गुरूदयाल प्रदीप के साथ विज्ञान चर्चा
स्टेम कोशिकाओं में छिपी मानव कल्याण
की संभावनाएं
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आज सिरहाने में उषा राजे सक्सेना के
कहानी संग्रह
प्रवास में का परिचय
डा कमलेश गौतम द्वारा
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घर परिवार में 
गपशप के अंतर्गत दीपिका जोशी के
अनुभव
उड़ान में कानदर्द
!°°°

परिक्रमा में
लंदन पाती के अंतर्गत
शैल अग्रवाल का चिर–परिचित अंदाज़
कमाल हैё
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© सर्वाधिकार सुरक्षित
"अभिव्यक्ति" व्यक्तिगत अभिरूचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है।
यह पत्रिका प्रत्येक माह की 1 – 9 – 16 तथा 24 तारीख को परिवर्धित होती है।

प्रकाशन : प्रवीन सक्सेना   परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन, कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन     
       सहयोग : दीपिका जोशी
तकनीकी सहयोग :प्रबुद्ध कालिया   साहित्य संयोजन :बृजेश कुमार शुक्ला