अनुभूति

 24. 8. 2004

आज सिरहानेआभारउपन्यासउपहारकहानियांकला दीर्घाकविताएंगौरवगाथा पुराने अंक नगरनामा
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पिछले सप्ताह

सामयिकी में
मधुलता अरोरा का आलेख
डाकटिकटों में बखानी
तिरंगे की कहानी

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हास्य व्यंग्य में
महेशचंद्र द्विवेदी की रचना
लॉ एण्ड आर्डर

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आज सिरहाने में
एस आर हरनोट के नये उपन्यास
हिडिम्ब
का परिचय दीपिका जोशी
के शब्दों में

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कहानियों में
भीष्म साहनी की कहानी
झूमर

क्या मालूम उस रोज अर्जुनदास, बंगाल के दुर्भिक्ष से जुड़े अभिनय को देखने हॉल में अचानक प्रवेश नहीं कर जाता तो कभी इस रास्ते आता ही नहीं। क्या मालूम हॉल में अर्जुनदास के सामने बैठी युवती ने अगर सोने के झूमर उतारकर उस अभिनेता की झोली में नहीं डाल दिए होते तो उसकी जिंदगी का कांटा नहीं बदलता। कौन जाने? क्या मालूम जिंदगी का कांटा बदलने के लिए कोई और कारण बन जाता। उसके कानों में फिर से उसकी पत्नी का वह वाक्य गूंज गया। जिसे वह अकसर कहा करती थी, "तुम्हें ब्याह नहीं करना चाहिए था। तुम जैसे लोग ब्याह करके अपने घर वालों को भी दुखी करते हैं और खुद भी दुखी होते हैं।"
°

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!इस सप्ताह

कहानियों में
यू एस ए से अमरेन्द्र कुमार की कहानी
चिड़िया

अमेरिका में हर ऋतु एक पहचान लिए आती है। हवा, आकाश, धूप और पत्तों का रंग बता देता है कि कौन सा मौसम है। दिल्ली में ऐसा कभी लगता नहीं था। एक मौसम दूसरे मौसम पर लदा हुआ सा आता था जैसे कि उसके अपने हाथ पैर ही न हो। और, जब तक कि आप उसे पहचान पाएं मौसम बदल जाता था। धुंध भरी सर्दी एक उदास चेहरे की तरह होती थी। उसमें पता भी न चल पाता था कि कब वसंत चुपके से आकर किधर निकल गया।

°

प्रौद्योगिकी में
रविशंकर श्रीवास्तव का आलेख
अब कंप्यूटर
पूरी तरह हिन्दी में

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प्रकृति में
विश्वनाथ सचदेव की कलम से
बिन चिड़िया का जंगल

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विज्ञान वार्ता में
डा गुरूदयाल प्रदीप सुना रहे हैं
कथा डी एन की खोज की

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साक्षात्कार में
रंगकर्मी माला हाशमी से
मनोज कुमार कैन की बातचीत
नुक्कड़ नाटकों की दुनिया
°

सप्ताह का विचार
रिद्र व्यक्ति कुछ वस्तुएं चाहता है, विलासी बहुत सी और लालची सभी वस्तुएं चाहता है —अज्ञात

 

अनुभूति में

यू के,
यू एस ए, कैनेडा और 
भारत से 5 नए कवियों की
20 नई कविताएं

–° पिछले अंकों से°–

कहानियों में
मौखिकी–देवेन्द्र सिंह
कोसी का घटवारशेखर जोशी
अनोखी रात–विद्याभूषण धर
एक और कुआनो –संतोष गोयल
सलाखों वाली खिड़कीविनीता अग्रवाल
कनुप्रियाशैल अग्रवाल
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डा सी पी त्रिवेदी की कलम से
सांस्कृतिक विरासत का अंग
अशोक स्तंभ

तथा
सुनील मिश्र की कलम से
महेन्द्र कपूर : देशराग के अनूठे गायक
°

उपहार में स्वतंत्रता दिवस की
शुभकामनाओं के साथ नया जावा आलेख
सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा
और पुराने अंक से
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा
°
वैदिक कहानियों में डा रति सक्सेना बता रहीं हैं
उषा और मरूत के विषय में
°

नगरनामा में

त्रिवेन्द्रम से रति सक्सेना का नगर वृतांत
आसमान की ओर बाहें उठाए
सागरी झीलों का शहर
°
स्वास्थ्य संदर्भ में

स्वाद और स्वास्थ्य के अंतर्गत,
स्वास्थ्य से भरपूर
सुगंधित पत्तियों का
संसार
दीपिका जोशी की कलम से
°
मंच मचान में
अशोक चक्रधर
के मंच संस्मरण
धूमिल ने पूछा भूख क्या होती है
° 
फुलवारी में

जंगल के पशु श्रृखला के अंतर्गत

भेड़िये के विषय में जानकारी, कविता– भेड़िया और रंगने लिए चित्र

 

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"अभिव्यक्ति" व्यक्तिगत अभिरूचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है।
यह पत्रिका प्रत्येक माह की 1 – 9 – 16 तथा 24 तारीख को परिवर्धित होती है।

प्रकाशन : प्रवीन सक्सेना   परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन, कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन    
       सहयोग : दीपिका जोशी
तकनीकी सहयोग :प्रबुद्ध कालिय  साहित्य संयोजन :बृजेश कुमार शुक्ला