शुषा लिपि
सहायता

अनुभूति

 9. 6. 2003

आज सिरहानेआभारउपहारकहानियांकला दीर्घाकविताएंगौरवगाथाघर–परिवार
दो पल
परिक्रमापर्व–परिचयप्रकृतिपर्यटनप्रेरक प्रसंगफुलवारीरसोईलेखकलेखकों सेविज्ञान वार्ता
विशेषांक
शिक्षा–सूत्रसाहित्य संगमसंस्मरणसाहित्यिक निबंधस्वास्थ्यसंदर्भसंपर्क
हास्य व्यंग्य

कथा महोत्सव
2003
भारतवासी हिन्दी लेखकों की कहानियों
के संकलन 
माटी की गंध 
में प्रस्तुत है
कानपुर से अमरीक सिंह दीप की कहानी
हरम

लखनऊ। बादशाह वाजिद अली शाह की दारूस्सल्तनत। शाम है लेकिन जिस शामे अवध का शेरो–शायरी और अदब में हमेशा से जिक्र होता आया है उसका कहीं कोई अता–पता नहीं है। सूरज गन्दे नाले से भी ज्यादा स्याह हो चुके गोमती के पानी में नाक बंद कर डूब रहा है। उसकी जर्द रश्मियां सड़े हुए अण्डे की जर्दी की तरह गोमती की जल सतह पर छितरायी हुई हैं। यूं लग रहा है अंधेरा आसमान से नहीं गोमती के स्याह जल से निकल कर शहर पर छा जायेगा।
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जमशेदपुर से जयनंदन की कहानी
निवेश

इस दुकान के अलावा अगर कहीं चाट की उपलब्धता थी तो विभिन्न नुक्कड़ों–चौराहों पर सड़क के किनारे ठेलों पर थी, जहां हाथ में प्लेट लेकर खड़े–खड़े खाना होता था। इस हिसाब से फुल्लू की दुकान चाट की एक्सक्लूसिव दुकान थी।
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चुनाव चौखाना
!
संकलन की सर्वश्रेष्ठ कहानी कौन सी है?

पाठकों से निवेदन है वे 'माटी की गंध' की दस कहानियों को ध्यान से पढ़ें और अपनी पसंद की कहानी का चुनाव करें। चुनाव करने से पहले ठीक तरह से निश्चित कर लें कि किस कहानी को अपना मत देना है क्यों कि आप केवल एक ही मत दे पाएंगे।

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इस सप्ताह

सामयिकी में
अंतर्राष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन के अवसर
पर प्रवासी लेखक सुरेश चंद्र शुक्ल
'शरद आलोक' का लेख
हिन्दी संयुक्त राष्ट्रसंघ की भाषा बन कर रहेगी

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हास्य–व्यंग्य में
शैल अग्रवाल का व्यंग्य
हिन्दी–मैया एक परी–पुराण
(शुद्ध विलायती हिन्दी में)

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अनुभूति में

अभिनव शुक्ला, अभिषेक श्रीवास्तव तथा विजय ठाकुर के साथ 4 नये कवियों की 25 नयी कविताएं

साहित्य समाचार

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परिक्रमा में
दिल्ली दरबार के अंतर्गत भारत की
खबरों के साथ बृजेश कुमार शुक्ला 
का आलेख
सौहार्दपूर्ण सम्बन्धों का पुनः प्रारंभ

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संस्मरण में
कोरिया से कौंतेय देशपांडे का लेख
ओ! पिलसंग इंदीऽऽया!

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!नये अंकों की सूचना के लिये!
अपना ई मेल यहां लिख भेजें।


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सप्ताह का विचार
मित्रों का उपहास करना उनके पावन
प्रेम को खण्डित करना है।
—राम प्रताप त्रिपाठी

 

° पिछले अंकों से°

निबंध में अंतर्राष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन के अवसर पर प्रवासी विद्वान 
प्रो हरिशंकर आदेश का लेख
प्रवासी
भारतीय और हिन्दी
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कलादीर्घा में कला और कलाकार के अंतर्गत सतीश गुजराल का परिचय
उनकी कलाकृतियों के साथ
°

साक्षात्कार में प्रसिद्ध नृत्यांगना 
संयुक्ता पाणिग्रही  की और अन्ना मरिया थामस से बातचीत
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फुलवारी में दिविक रमेश की कविता
 हाथी बोला और इला प्रवीन से जानकारी शुक्र ग्रह
°

पर्यटन में पर्यटक की कलम से आस्ट्रेलिया का विस्तृत विवरण आरामगाह आस्ट्रेलिया
°

विज्ञान वार्ता में डा गुरूदयाल प्रदीप का आलेख आतंक के चरम संसाधन: जैविक एवं रासायनिक हथियार
°

कृष्ण बिहारी की आत्मकथा 'इस पार से उस पार से' का अगला भाग
हिन्दुस्तान छूटने से पहले की रात
°

पर्व परिचय में 
राम चंद्र सरोज का आलेख
संबोधि का पर्व :बुद्धपूर्णिमा
°

आज सिरहाने में
डा नवाज़ देवबंदी का ग़ज़ल संग्रह 
पहली बारिश
°

रसोईघर में शाकाहारी मुगलई का
मस्त ज़ायका
नान नज़ाक़त

°

परिक्रमा में

लंदन पाती के अंतर्गत शैल अग्रवाल का चिर परिचित अंदाज़ नए घरों में—वही पुराना सामान
11
नार्वे निवेदन के अंतर्गत ओस्लो से
सुरेश चंद्र शुक्ला 'शरद आलोक' का आलेख
वसंत आगमन से पहले

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"अभिव्यक्ति" व्यक्तिगत अभिरूचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार 
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प्रकाशन : प्रवीन सक्सेना  परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन, कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन     
      सहयोग : दीपिका जोशी
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