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१. २. २०२४ 

   

साहित्य और संस्कृति में-         

समकालीन कहानियों में
इस माह प्रस्तुत है- अलका मधुसूदन पटेल
की कहानी
अनोखी सौगात

फरवरी माह की उतरती सर्दी भरी रात है पर प्रकृति ने अपना प्रकोप दिखला दिया मानो। पिछले कुछ दिनों से लगातार गिरते पानी व ठंडी शीत लहरें असमय ही बढ़तीं जातीं हैं। दिन के साथ रात्रि कालिमा और घने कोहरे, बर्फीली हवा बढ़ाकर वातावरण को चुनौती दे रहीं हैं। कहीं रोशनी कहीं अंधेरा, कदमभर आगे भी हाथ को हाथ नहीं सूझ रहा। चारों तरफ के पेड़ पौधों से टप टप पानी की बूँदे टपकतीं। शहर की सड़कों पर छाया सन्नाटा भयावह लगता।
दूर तक चारों ओर सुनसान, न कोई गाड़ी न इंसान। ओस से भीगती अँधेरी रात में गीली सड़क पर दूर से कोई साया आता नजर आया। साधारण से कपड़े पहन ऊपर से पुरानी सी शॉल ओढ़े सुक्खु है, अपनी धीमी चाल से चलता जाता। पैरों की चप्पलों की अनजानी सी बोझिल आवाज वातावरण में गूँजकर रहस्यमय प्रतीत होती। अपने से पूर्णतः बेखबर वह गुमसुम सा खोया ठिठकता आगे बढ़ता जाता। मानो! कड़कड़ाती ठंड का भी उस पर कोई असर नहीं है।   ...आगे-

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प्रेरक प्रसंग के अंतर्गत
लघुकथा- कर भला तो हो भला  
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प्रकृति और पर्यावरण में
राजीव रंजन का आलेख- मनुष्य और नदी

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डॉ महेश परिमल का दृष्टिकोण
कुछ अतिरिक्त ही बनाता है हमें श्रेष्ठ
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ओम प्रकाश कश्यप का आलेख
सूफी दरगाहों में वसंत पंचमी

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अनुभूति-में- प्रवीण पारीक अंशु, देवेश दीक्षित, शैलेन्द्र चौहान, मनीषा मारू, आकुल और देवेन्द्र सफल की रचनाएँ।

स्थायी स्तंभों में-

गृह सज्जा में- बालकनी, जिसे हम छज्जा कहते हैं भारतीय शैली में सजा हो तो परंपरा का घना सौंदर्य देखते ही बनता है। इस अंक में- ताज़ी हवा के लिए घर के अंदर पौधे

रसोईघर में- हमारी रसोई संपादक शुचि अग्रवाल इस माह प्रस्तुत कर रही हैं प्रेम दिवस के उपलक्ष्य में विशेष रूप से तैयार- दिल-के-आकार-की-मठरी

बागबानी में- वे बारह पौधे जो पानी मे भी सुगमता से बढ़ते है। इस अंक में प्रस्तुत है- धन और समृद्धि का प्रतीक बाँस

स्वाद और स्वास्थ्य में- शाकाहारी भोजन में प्रोटीन के लिये महत्वपूर्ण बारह दालें जो अंतरराष्ट्रीय रूप से लोकप्रिय हैं। इस अंक में प्रस्तुत है- उड़द दाल धुली और उड़द दाल छिलका

बतरस से लिखवट तक - रतन मूलचंदानी के फोटो निबंध अलबेले फूलों की शृंखला में इस माह जानें- रूप, रंग आकार

संयुक्त अरब इमारात से लघुकथा- प्रवासी लघुकथाओं के अंतर्गत इस माह प्रस्तुत है- दुबई से डॉ आरती लोकेश की लघुकथा टूटी छड़ी

नवगीत संग्रहों और संकलनों से परिचय की शृंखला में- अनामिका सिंह और मनोज जैन के संपादन में नवगीत संकलन आलाप का परिचय डॉ. वीरेद्र निर्झर की कलम से।

वर्ग पहेली-३७०
गोपालकृष्ण-भट्ट-आकुल और
रश्मि आशीष के सहयोग से

हास परिहास
में पाठकों द्वारा भेजे गए चुटकुले

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प्रकाशन : प्रवीण सक्सेना -|- परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
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सहयोग : रतन मूलचंदानी
 पता-

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