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 २३. ३. २००९

कथा महोत्सव में पुरस्कृत-
भारत से जयनंदन की कहानी सिले हुए ओंठ
वेसेल में १६०० डिग्री सेंटीग्रेड तापक्रम पर पिघला हुआ (मोल्टेन)  इस्पात था, जिसे प्लैटफॉर्म के नीचे स्टील ट्रांस्फर कार पर रखे लैडेल (बाल्टी) में टैपिंग (ढालना)  किया जा रहा था। ठीक इसी वक्त ओवरहेड क्रेन के ऊपर से कोई वर्कर ज्वालामुखी से भी तप्त लैडेल में धम्म से गिर पड़ा। कौन था वह अभागा? पूरे शॉप में अफरा-तफरी मच गयी। विभाग के काफी लोग जुट आए....लेकिन कोई कुछ नहीं कर सकता था, चूँकि सभी जानते थे कि वह आदमी गिरते ही ठोस से द्रव में बदलना शुरू हो गया होगा। उस बाल्टी से छिटककर एक बूँद भी अगर जिस्म पर पड़ जाए तो गोली लगने से भी बुरा घाव बन जाता है। यहाँ तो भरे लैडेल में ही वह बदनसीब गिर पड़ा। डिविजनल मैनेजर (विभाग प्रमुख) सहित इस स्टील मेकिंग विभाग एल डी-१ शॉप के सारे अधिकारी इकट्ठे हो गए। उनमें खड़े-खड़े तुरंत मंत्रणा हुई और एक निश्चय के तहत सभी वर्करों से कहा गया कि वे इसी वक्त कॉन्फ्रेंस रूम में उपस्थित हों, वहाँ हाजिरी ली जाएगी।

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जवाहर चौधरी का व्यंग्य
कामरेड की लंगोट

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कालीशंकर से विज्ञान वार्ता में
पंद्रह साल की थकान के बाद सो गया!

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धारावाहिक में प्रभा खेतान के उपन्यास
आओ पेपे घर चलें का तीसरा भाग

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संस्कृति में रोहित कुमार बोथरा का आलेख
सा से सारंगी

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पिछले सप्ताह

गुरमीत बेदी का व्यंग्य
सारी खुदाई एक तरफ़

1

कथा महोत्सव-२००८ के परिणाम
-- यहाँ देखें --

धारावाहिक में प्रभा खेतान के उपन्यास
आओ पेपे घर चलें का दूसरा भाग

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घर परिवार में अर्बुदा ओहरी से जानें
सुगंधित पत्तियों का संसार

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फुलवारी में बबर शेर के विषय में
जानकारी, शिशु गीत और शिल्प

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कथा महोत्सव में पुरस्कृत-
यू.एस.ए. से अनिल प्रभा कुमार की कहानी फिर से

केशी पाँच सीढ़ियाँ नीचे धँसे फ़ैमिली रूम में, आराम-कुर्सी पर अधलेटे से चुपचाप पड़े थे। व्यस्तता का दिखावा करने के लिए सीने पर किताब नन्हे से बच्चे की तरह सोयी थी। आँखे टेलीविजन के स्क्रीन को घूर रही थीं पर देखती कुछ और ही थीं। कानों में ही जैसे सभी इन्द्रियाँ समाहित हो गईं। ऊपर से आने वाली एक-एक आवाज़ को वह बरसों से प्यासे की तरह पीने को आतुर हो उठे।
बाहर घंटी बजी। वह उठ कर सीधे बैठ गए। सोहम के तेज़ क़दमों से बढ़कर बाहर का दरवाज़ा खोलने की आवाज़ आई।
आवाज़ों का एक जुलूस घर के अन्दर घुस आया। संजना और करण अपनी माँ को लेकर लौटे होंगे? शायद सोहम ने तिया के पाँव छुए होंगे।
''ओह, माई गॉड!'' तिया की ही आवाज़ थी। वही उल्लास भरी। बच्चों जैसी चहक, ज़िन्दादिल।
''कितना ख़ूबसूरत घर है मेरी बच्ची का?'' आवाज़ सुनाई दी। तिया ने शायद ड्राइंग-रूम में बाहें फैला कर, चारों ओर घूमते हुए कहा होगा।

अनुभूति में- पूर्णिमा वर्मन, जयशंकर प्रसाद, मणिमोहन मेहता, हरेराम समीप और   मेजर संजू चतुर्वेदी व अंजू चतुर्वेदी की नई रचनाएँ

 

कलम गही नहिं हाथ- तेज़ कार चलाने का शौक कोई नया नहीं। और सड़कों पर अपना करतब दिखाने वालों की भी कमी नहीं। .. आगे पढ़े

 
रसोई सुझाव- एक छोटे चम्मच शक्कर को भूरा होने तक गरम करके केक के मिश्रण में मिला देने पर केक का रंग और स्वाद बढ़ जाता है।
 

नौ साल पहले-
१५ सितंबर २००० के अंक से साबिर हुसैन
की कहानी
गँवार

 

इस सप्ताह विकिपीडिया पर
विशेष लेख-
कॉफ़ी

 

क्या आप जानते हैं? कि इटली की प्रसिद्ध कॉफी, कैफ़ै लैट्टे में एक भाग एस्प्रेसो और तीन भाग गर्म दूध का मिश्रण होता है।

 

शुक्रवार चौपाल- राई का पहाड़ जोरशोर से तैयारी पर है। लेकिन मई में कौन सा नाटक खेला जाना है इसका निश्चय अभी तक नहीं हुआ है... आगे पढ़ें

 

सप्ताह का विचार- सच्चे वीर को युद्ध में मृत्यु से जितना कष्ट नहीं होता उससे कहीं अधिक कष्ट कायर को युद्ध के भय से होता है।  - भर्तृहरि


हास परिहास

 

1
सप्ताह का कार्टून
कीर्तीश की कूची से

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