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१६ नवंबर २००१

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कहानियों में
संबंधों में आत्मीयता को टटोलती
ऋंति त्रिवेदी की कहानी 
फूलों को क्या हो गया
 

'दीदी अब मैं मान गया कि तुम बूढ़ी हो गई हो। इतने सालों में पहली बार मेरे रसगुल्ले लाना भूली हो।' मैं हऋा कर बोला और उनकी ओर से किसी स्नेह भरे मजेदार उत्तर की प्रतीक्षा करने लगा लेकिन देखा उनकी आऋें गीली हो गई है। गले में कुछ अटक सा गया हो ऐसी आवाज में वह बोली  'बूढ़ा होना अपराध तो नहीं है नन्दू।'
 

 साहित्य समाचार

साहित्य संगम में
पारिवारिक संबंधों की आत्मीयता पर नयी दृष्टि डालती बंसी खूबचंद की सिंधी कहानी प्रतिफल

मुम्बई के बांद्रा उपनगर में लीलावती अस्पताल में दाखिल हुए किशनलाल को आज पूरे नौ दिन हो गये हैं। बाई पास सर्जरी कराये  उसे एक सप्ताह बीत चुका है। तीन दिन तो आपरेशन के पश्चात इन्टेन्सिव केयर यूनिट में था। कल से अस्पताल की सातवीं मंजिल पर एक कोने वाले कमरे में हैं। अस्पताल के इस कमरे से बांद्रा क्षेत्र में फैले समंदर को साफ साफ देखा जा सकता था।

अनुभूति
में दीपावली से संबंधित कविताओं के नये संकलन
 
ज्योति पर्व
की 35 कविताओं के साथ नये पुराने कवियों की पाऋा नयी कविताएं 

दिवाली पर विशेष आलेख
राम का अयन वन  विजयपर्व
और
दीपज्योति नमस्तुते
 

हास्य व्यंग्य में
उमा शंकर चतुर्वेदी की कलम से 
दीपक की व्यथा कथा
 

साहित्य चर्चा में 
वीरेन्द्र सेंगर का नामवर सिंह के साथ
बहुचर्चित साक्षात्कार

कलादीर्घा में 
लोक कलाओं के अंतर्गत कर्नाटक की
लोक कला चित्तर के बारे में
 

पर्यटन में
डा प्रेम जनमेजय का आलेख
त्रिनिडाड में दीपावली
 

साक्षात्कार में
वीरेंद्र सेंगर का साक्षात्कार नामवर 
सिंह के साथ

नायपाल को नोबेल :इसलाम विरोधी लेखन का ईनाम
 

स्वाद और स्वास्थ्य में
अमरूदों के पौष्टिक गुणों की जानकारी 
अमृतफल अमरूद
 

रसोईघर में
आपके लिए प्रस्तुत हैं
अमरूद के तीन स्वादिष्ट व्यंजन

पिछले अंक से-

उपहार में
दीपावली के अवसर पर विशेष जावा आलेख हिन्दी कविता के साथ
मंगलमय फुलझड़िया छूटें

 
फुलवारी में नीलिमा सिंह की कहानी
रघु और मैं तथा कविता : दिवाली
 
घर परिवार में
उपहार देने के नये सुझाव और अंदाज
.
ज्योतिर्मय उपहार में
 

संस्मरण में

दीपावली के अवसर पर भावभीनी परिचर्चा यादों के कंदील
 
हास्य व्यंग्य में
शरद जोशी का व्यंग्य एक भूतपूर्व मंत्री से मुलाकात
 
कहानियों में
सामयिक घटना  पर आधारित कैनेडा से अश्विन गांधी की कहानी 'मरना है एक बार'
 
गौरव ग्रंथ में
हिन्दी के सुप्रसिद्ध साहित्यकार रांगेय राघव की चर्चित कहानी 'गदल'
 
पर्व परिचय में 
नवम्बर में मनाए जाने वाले पर्वों का संक्षिप्त परिचय
 
प्रेरक प्रसंग में
विष्णु प्रभाकर द्वारा रचित घटना चोट सही जाती हैं कही नहीं जाती
 
परिक्रमा में
भारत पाकिस्तान संबंधों पर दृष्टिपात 
भारत पाक संबंध एक पर्यवेक्षण

प्रकाशन : प्रवीन सक्से  परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन  कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन    सहयोग : दीपिका जोशी
तकनीकी सहयोग  प्रबुद्ध कालिया

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