शुषा लिपि
सहायता

अनुभूति

 1. 1. 2003

कहानियां कविताएंसाहित्य संगम दो पल कला दीर्घा साहित्यिक निबंधउपहारपरिक्रमा
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लेखकों से

पिछले सप्ताह

कहानियों में
अन्विता अब्बी की कहानी
रबरबैंड

उसने सोने से पहले मीनू की तरफ देखा
था जो बेखबर उसकी साथ वाली
चारपाई पर सो रही थी।  फिर उसे
भाई का खयाल हो आया था और
इससे पहले कि वह भाई के निश्चय
की बात याद करती उसने आंखें बन्द
कर ली थीं।  वह केवल सो जाना
चाहती थी  . . .वह भूल जाना चाहती
थी कि भाई कल रात के प्लेन से
कनाडा जा रहे हैं और उन्होंने मां से
स्पष्ट कह दिया है कि वे आर्थिक तौर
पर अब कुछ भी सहायता नहीं कर
पाएंगे। भाई ने ऐसा निश्चय क्यों कर
लिया, उसे समझ नहीं आ रहा था।
°

पर्व परिचय में
क्रिसमस के विषय में जानकारियों से
भरपूर गीतांजलि सक्सेना का लेख
क्रिसमस : कुछ तथ्य
°

संस्मरण में
रानी पात्रिक की कलम से अमरीकी ससुराल में मनाए गए पहले क्रिसमस की मधुर स्मृतियां
क्रिसमसः जो ढोलक की थाप पर पूरा हुआ
°

पर्यटन में
आस्टि्रया की राजधानी वियना के दार्शनिक स्थलों की जानकारी पर्यटक की कलम से
विचरना वियना में
°

परिक्रमा में
लंदन पाती के अंतर्गत यूके से शैल अग्रवाल प्रस्तुत कर रही हैं बीते साल पर एक विहंगम दृष्टि
अल्विदा दो हज़ार दो
°

निमंत्रण

अभिव्यक्ति की ओर से 'कथा महोत्सव 2003' के लिये भारत के नागरिक व भारत के निवासी हिन्दी कथाकारों की कहानियां आमंत्रित की जाती हैं। चुनी हुयी कहानियों को अभिव्यक्ति के जाल संकलन 'माटी की गंध' में संकलित किया जायेगा।
       
विस्तृत सूचना

 

इस सप्ताह

नववर्ष की शुभकामनाओं
के साथ नये युग की चार
कहानियां चार अंकों में
लगातार!



इस अंक में प्रस्तुत है यू के से शैल अग्रवाल की कंप्यूटर कहानी
सूखे पत्ते

दो दिन बाद खुद ही पलाश ने अचानक फिरसे वह ठंडी–बुझी राख कुरेद डाली थी – यदि उसके अस्तित्व की, जीने की बस यही एक शर्त है कि वह आजीवन यूं अकेला – इस प्रोग्राम में – इस कम्प्यूटर के अन्दर, इस कैद में घूमता रहे, बिना बूढ़ा और बड़ा हुए – हर दर्द और बेचैनी को महसूस  तो करे पर कुछ कर न पाए, तो इस जीवन से, इस अनुभव से, इस बिना स्पर्श और स्वाद की जिन्दगी से –– क्या फायदा?  नहीं चाहिए उसे यह बिना रूप और महक  की बेस्वाद जिन्दगी।

°

धारावाहिक में
अभिज्ञात की आत्मकथा तेरे बगैर की अगली किस्त
खलासीटोला से बंदूक गली तक का सफर  

°

हास्य व्यंग्य में
महेश द्विवेदी का लेख
मेरी प्रेमिका को लाओ
कार पाओ

°

पर्व परिचय में
मकर संक्रांन्ति के अवसर पर
डा गणेश कुमार पाठक की कलम से
विशेष लेख
मकर संक्रांति : एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण

°

फुलवारी में
कथाओं के क्रम में कन्नड़ लोककथा
पुण्यकोटि गाय
और कविता
खिड़की पर गमले
°

सप्ताह का विचार

बाधाएं व्यक्ति की परीक्षा होती हैं।
उनसे उत्साह बढ़ना चाहिये, मंद 
नहीं पड़ना चाहिये।
— यशपाल

 

अनुभूति


नव वर्ष की 
शुभ कामनाओं
के साथ
अनुभूति कदम
रख रही है तीसरे वर्ष में

–  साहित्य समाचार  –

°

° पिछले अंकों से °

कला दीर्घा में कला और कलाकार 
के अंतर्गत के के हेब्बार से परिचय उनकी दो कलाकृतियों के साथ

°

प्रेरक प्रसंग में प्रेमचंद के जीवन 
से एक प्रेरणाप्रद प्रसंग 
प्रेमचंद की गाय

°

फिल्म इल्म में  इस माह की 
प्रमुख फिल्मों
कर्ज, रिश्ते, मसीहा 
और साथिया
से परिचय

°

कहानियों में

सहित्य संगम में लक्ष्मी रमणन की
तमिल कहानी
का हिंदी रूपांतर
टूटा हुआ स्वर

°

महानगर की कहानियां में सूरज 
प्रकाश की लघुकथा 

ग्लोबलाइज़ेशन

°

रसोई घर में मिठाइयों के क्रम में 
रसीले
गुलाब जामुन और 
चटपटी
भेल पूरी

°

परिक्रमा में

दिल्ली दरबार के अंतर्गत बृजेशकुमार शुक्ला द्वारा भारत से गत माह 
की घटनाओं का लेखा–जोखा 

पुतिन की भारत यात्रा

°

कनाडा कमान के अंतर्गत कैनेडा के
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की झलक सुमन
घेई की कलम से
हिन्दी साहित्य सभा
की वार्षिक सांस्कृतिक संध्या

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"अभिव्यक्ति" व्यक्तिगत अभिरूचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार 
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प्रकाशन : प्रवीन सक्सेना   परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन, कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन  
      सहयोग : दीपिका जोशी
तकनीकी सहयोग :प्रबुद्ध कालिया
  साहित्य संयोजन :बृजेश कुमार शुक्ला