शुषा लिपि
सहायता

अनुभूति

9. 2. 2003 

कहानियां कविताएंसाहित्य संगम दो पल कला दीर्घा साहित्यिक निबंधउपहारपरिक्रमा
फुलवारीहास्य व्यंग्यप्रकृति पर्यटनसंस्मरणप्रेरक प्रसंग रसोई स्वास्थ्य घर–परिवार
पर्व–परिचयगौरवगाथाशिक्षा–सूत्रआभारसंदर्भलेखकसंपर्क
लेखकों से

पिछले सप्ताह

गौरव गाथा में
उपेन्द्रनाथ अश्क की कहानी
पहेली

उर्मिला नीचे ड्राइंग–रूम में बैठी थी।  वह रामदयाल की प्रतीक्षा कर रही थी।  सामने के भवन में आज कोई युवक घूम रहा था।  वह कुतूहलवश उसे भी देख रही थी।  उसके कान सीढ़ियों की ओर लगे हुए थे, परन्तु आंखें उस युवक को बेचैनी से घूमते देख रही थीं।  वह कोठी कई दिनों से खाली थी, परन्तु अब कुछ दिन से इसे किसी ने किराये पर ले लिया था उसने दो–तीन बार किसी युवक को बिजली के प्रकाश में घूमते देखा था। 

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विज्ञान वार्ता में
क्लोनिंग के विषय में डा गुरू दयाल प्रदीप का आलेख
मानव क्लोनिंग ने मचाई
हलचल

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हास्य–व्यंग्य में
महेशचंद्र द्विवेदी का व्यंग्य
हालीवुड बनाम बालीवुड

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धारावाहिक में
कृष्णबिहारी का धारावाहिक आलेख
सागर के इस पार से
उस पार से

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फुलवारी में
बच्चों के लिये मज़ेदार कहानी
गरम जामुन
°

सप्ताह का विचार
जिस प्रकार रात्रि का अंधकार केवल सूर्य दूर कर सकता है, उसी प्रकार मनुष्य की विपत्ति को केवल ज्ञान दूर कर सकता है।
— नारदभक्ति

 

इस सप्ताह

सामयिकी में
स्मृति स्वरूप 
हरिवंशराय बच्चन का पत्र
प्रसिद्ध कवि और लेखक पं नरेन्द्र शर्मा के नाम, लावण्या शाह के सौजन्य से
मित्र की पाती
°

साहित्य संगम में
रवींद्रनाथ ठाकुर की बंगला कहानी 
जीवित और मृत
हिंदी रूपांतरकार हैं आशीष गर्ग

जब कोई किसी और के बच्चे को इतने लाड़ प्यार से पालता है तो उनके बीच में केवल एक ही सम्बन्ध रह जाता है और वह है प्रेम का सम्बन्ध। उस सम्बन्ध में अधिकार या सामाजिक नियम कोई मायने नहीं रखते। प्रेम को कोई किसी कानूनी दस्तावेज के द्वारा प्रमाणित नहीं कर सकता ओर न ही स्वयं प्रेम की यह अभिव्यक्ति होती है।प्रेम केवल और प्रगाढ़ ही हो सकता है क्योंकि यही इसका रूप है।
°

प्रेरक प्रसंग में
शैल अग्रवाल की बोध कथा
दिन और रात
°

रसोईघर में 
शाकाहारी मुगलई का मस्त ज़ायका
खोया मटर
°

महानगर की कहानियां में
सूरज प्रकाश की लघुकथा
कुकिंग क्लासेज़
°

निमंत्रण
अभिव्यक्ति 'कथा महोत्सव 2003' की अंतिम तिथि 1 मार्च 2003 तक। यदि आपने अभी तक कहानी नहीं भेजी तो शीघ्र भेज दें।

  विस्तृत
विवरण

 

अनुभूति में

"गांव गया था गांव से भागा"
कैलाश गौतम की इस चर्चित कविता के साथ
नयी कविताएं

–  साहित्य समाचार  –

° पिछले अंकों से °

संस्मरण में अमिताभ बच्चन और
मृणाल पांडे की कलम से 
हरिवंश राय बच्चन के साथ बीते 
वे दिन, वे पल छिन
°
पर्यटन में भारत के ऐतिहासिक नगर
भरतपुर और अजेय दुर्ग
लोहागढ़ 
के विषय में एम सी कटरपंच की कलम से
°
फिल्म इल्म में दीपिका जोशी प्रस्तुत
कर रही हैं दिल का रिश्ता, तुझे मेरी
कसम ओर जिस्म
फिल्मों से परिचय

°
आज सिरहाने के अंतर्गत हिन्दी साहित्य की नयी–पुरानी पुस्तकों से परिचय के क्रम में श्रीलाल शुक्ल का उपन्यास राग विराग
°
कलादीर्घा में जामिनी राय से परिचय
उनकी कलाकृतियों के साथ
°
निबंध में नरेश भारतीय का लेख
नव वर्ष नव संकल्प
°
कहानियों में
दुश्मन से दोस्तीकृष्ण बिहारी 
सूखे पत्ते–शैल अग्रवाल
प्रोग्रामिंग–राजेश जैन
दादी और रिमोट सूर्यबाला 
°°
परिक्रमा में
 लंदन पाती के अंतर्गत विश्व में शांति और सौर्हाद्र के नये स्रोत तलाशती 
शैल अग्रवाल का आलेख
एच टू ओ तथा
नार्वे निवेदन के अंतर्गत डा सुरेशचंद्र शुक्ल 'शरद आलोक' का आलेख
प्रथम प्रवासी दिवस पर

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