अनुभूति

24. 12. 2003

आज सिरहानेआभारउपहारकहानियांकला दीर्घाकविताएंगौरवगाथाघर–परिवार
दो पल
परिक्रमापर्व–परिचयप्रकृतिपर्यटनप्रेरक प्रसंगफुलवारीरसोईलेखकलेखकों सेविज्ञान वार्ता
विशेषांक
शिक्षा–सूत्रसाहित्य संगमसंस्मरणसाहित्य समाचारसाहित्यिक निबंधस्वास्थ्यसंदर्भसंपर्कहास्य व्यंग्य 

 

पिछले सप्ताह

साहित्यिक निबंध में
मारिशस में हिन्दी कविता के विकास की कहानी सुनील विक्रम सिंह की ज़बानी
मारिशस में हिन्दी की
सौ साल पुरानी परंपरा

°

हास्य व्यंग्य में
प्रमोद राय का व्यंग्य
बॉस मेहरबान तो गधा
पहलवान

°

आज सिरहाने में
रजनी गुप्त के उपन्यास से एक परिचय
कहीं कुछ और

°

पर्यटन में
दीपिका जोशी का यात्रा–विवरण
पतझड़ के बदलते रंगों
में डूबा अमेरिका

°

कहानियों में
भारत से वीना विज 'उदित' की कहानी
युगावतार

कार के एक्सीलेटर पर पॉव रखते ही मयंक भूल जाता था कि वो जमीन पर है।  उसके ख्याल आसमानी रंग भरने लगते थे। वो उन रंगों में खो जाता था। यही सब तो चाहा था उसने। अपने पास एक बढ़िया कार हो और पॉव के नीचे अमेरिका की जमीन हो। हाई वे पर स्पीडिंग मना थी, पर वो कई बार बेपरवाह हो जाता था। वह भविष्य के सपने नहीं बुनता था, वो तो अतीत में गोते मारने लगता था। स्वयं को गर्वित सिंहासन पर बैठाकर, स्वंय ही प्रशंसक बन जाता था। माटी से उठकर स्वंय के  बलबूते पर महल निर्मित किया था उसने।

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इस सप्ताह

कहानियों में
कैनेडा से सुरेश कुमार गोयल की कहानी
हिरासत के बाद

रात को फोन की घंटी ने सोते हुए जगा दिया। पुलिस स्टेशन से फोन था। रात के तीन बजे क्या परेशानी आ पड़ी, जो मुझे याद किया। उनकी हिरासत में एक भारतीय लड़की थी। वह हिंदी के अलावा अन्य कोई भाषा नहीं जानती थी और पुलिसवाले हिंदी नहीं जानते थे। दो घंटे पहले एक पुलिस कार उसे पकड़कर पुलिस स्टेशन से आयी थी। वह लगातार रोये जा रही थी। पुलिस सार्जेंट ने मुझसे दरख्वास्त की कि आधी रात का ख्याल न करते हुए मैं पुलिस स्टेशन आ जाऊं। उस लड़की से बात करके उसे चुप कराने और उसका बयान लेने में पुलिस की मदद करूं।

°

परिक्रमा में
शैल अग्रवाल की कलम से
पंचतंत्र

°

विज्ञान वार्ता में
गुरूदयाल प्रदीप का खोजपूर्ण जानकारी
हमारी नींद हमारे सपने

°

प्रौद्योगिकी में
भास्कर जुयाल की पड़ताल
इंटरनेट की दुनिया में
हिंदी का भविष्य

°

घर परिवार में
फायर प्लेस की सजावट का आनंद
अलाव के अनोखे अंदाज़

!°!

!सप्ताह का विचार!
जैसे जल द्वारा अग्नि को शांत किया
जाता है वैसे ही ज्ञान के द्वारा मन
को शांत रखना चाहिये
!— वेदव्यास

 

अनुभूति में

यू एस ए से
श्रीकृष्ण माखीजा,
हितेश शर्मा
और
भारत से
 विनोद कुमार की
नयी रचनाएं

साहित्य समाचार
भारत कैनेडा यूके से

° पिछले अंकों से°

  कहानियों में
खिड़की वाला संसार–तरूण भटनागर
अढ़ाई घंटेहरिकृष्ण कौल
दंशअलका प्रमोद
संगीत पार्टीसुषम बेदी
फ़र्क़विनोद विप्लव
°

संस्मरण में
डा प्रभाकर श्रोत्रिय की कलम से 
कोलकाता की शाम
°
कलादीर्घा में
भारत की लोक कलाओं के अंतर्गत
बाटिक
से परिचय
°
साक्षात्कार में
उस्ताद अब्दुल हलीम जाफर खां से विजयशंकर मिश्र की तथ्यपूर्ण बातचीत
सितार का अनूठा अंदाज
जाफरखानी बाज
°
फुलवारी में
अरूणा घवाना की कहानी
चिंटू और चीनी
और 'जंगल–के–पशु' लेखमाला के
अंतर्गत जानकारी
भालू
°
धारावाहिक में 
सागर के इस पार से उस पार से का अगला भाग कृष्ण बिहारी की कलम से
शील सा’ब भी क्या आदमी थे
°
रसोईघर में
स्वास्थ्यवर्धक स–फल व्यंजन
फलराज
°
प्रेरक प्रसंग में
रजनीकांत शुक्ल की कलम से
नागरी की शक्ति
°

परिक्रमा में
दिल्ली दरबार के अंतर्गत
बृजेशकुमार शुक्ला का आलेख
नये चुनाव नये परिणाम

 

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"अभिव्यक्ति" व्यक्तिगत अभिरूचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों  अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है।
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प्रकाशन : प्रवीन सक्सेन  परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन, कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन   
      सहयोग : दीपिका जोशी
तकनीकी सहयोग :प्रबुद्ध कालिया   साहित्य संयोजन :बृजेश कुमार शुक्ला